Stock Market Closing Bell, Friday, September 26, 2025: एशियाई बाजारों में गिरावट के बीच भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के अंतिम ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार (26 सितंबर) को गिरावट में बंद हुए। इसी के साथ बाजार में लगातार छठें ट्रेडिंग सेशन में गिरावट दर्ज की गई। बाजार में सुबह से ही गिरावट का रुख रहा लेकिन कारोबार के दूसरे हाफ में बिकवाली हावी हो गई। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के नए टैरिफ की घोषणा के चलते सेंटीमेंट्स पर नेगेटिव असर पड़ा। ट्रंप ने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर 2025 से देश में आयात होने वाले ‘किसी भी ब्रांडेड या पेटेंटेड दवा प्रोडक्ट’ पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) लगभग 100 अंक की गिरावट लेकर 80,956.01 पर खुला। इंफोसिस और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में गिरावट ने इंडेक्स को नीचे खींचा। अंत में यह 733.22 अंक या 0.90 फीसदी की गिरावट लेकर 80,426.46 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी गिरावट के साथ 24,818 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 24,629 अंक तक फिसल गया। अंत में यह 236.15 अंक या 0.95 प्रतिशत गिरकर 24,654 पर बंद हुआ
सेंसेक्स की कंपनियों 30 में से 25 शेयरों में आज भारी गिरावट देखने को मिली। एमएंडएम, एटरनल, सन फार्मा, इन्फोसिस, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, टीसीएस, बजाज फाइनेंस, बीईएल, एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, ट्रेंट, अदाणी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक लाल निशान में बंद हुए ,इनमें 1 फीसदी से लेकर 3.6 प्रतिशत तक की गिरावट आई। सिर्फ एलएंडटी, मारुति सुजुकी, आईटीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा मोटर्स के शेयर बढ़त में रहने में कामयाब रहे।
ब्रॉडर मार्केट्स की बात करें तो निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 2.05% और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 2.2% टूटे। सेक्टोरल इंडेक्स में भी कमजोरी देखने को मिली। निफ्टी आईटी इंडेक्स में 2.3%, निफ्टी फार्मा में 2.2% और निफ्टी बैंक इंडेक्स में 1% की गिरावट दर्ज की गई।
1. इक्विनॉमिक्स रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर जी. चोक्कालिंगम के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार की जा रही बिकवाली से बाजार पर दबाव बन रहा है। इससे लिक्विडिटी यानी तरलता की समस्या भी खड़ी हो रही है।
2. दूसरी बड़ी चिंता है अमेरिका में H-1B वीजा रिफॉर्म्स। पिछले हफ्ते ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा प्रोग्राम में बड़ा बदलाव किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया है। इसके तहत H-1B वीजा एप्लिकेशन फीस को 2,000–5,000 डॉलर से बढ़ाकर 100,000 डॉलर कर दिया गया है।
3. तीसरा कारण है अमेरिका के भारत पर लगाए गए टैरिफ। अगस्त में ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाया। इससे कुल टैरिफ दर बढ़कर 50 फीसदी हो गई। 7 अगस्त से लागू यह टैरिफ उन 70 देशों पर भी लगाया गया, जिन पर अमेरिका ने समान कदम उठाए।
4. इसके साथ ही रुपया भी दबाव में है। बुधवार को लगातार तीसरे ट्रेडिंग सेशन में घरेलू मुद्रा कमजोर रही और यह डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर के पास पहुंच गई। बुधवार को रुपया 2 पैसे मजबूत होकर 88.73 पर खुला, लेकिन जल्दी ही गिरकर 88.76 तक आ गया। इस साल अब तक रुपया 3.68 फीसदी गिर चुका है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को नई टैरिफ की घोषणा की। इसके तहत ब्रांडेड और पेटेंट वाली दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगेगा, जो 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। हालांकि, यह टैरिफ उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा, जो अमेरिका में दवा निर्माण की फैक्ट्री बना रही हैं।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Social Truth पर लिखा, “1 अक्टूबर, 2025 से किसी भी ब्रांडेड या पेटेंट वाली दवा पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगेगा, जब तक कि कंपनी अमेरिका में अपनी दवा निर्माण फैक्ट्री नहीं बना रही है। अगर निर्माण शुरू हो चुका है तो इस दवा पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा।”
एशियाई बाजारों की शुरुआत शुक्रवार को गिरावट के साथ हुई। राष्ट्रपति ट्रंप ने फर्नीचर, भारी ट्रकों और दवा उत्पादों पर नए टैरिफ (शुल्क) लगाने की घोषणा की। साउथ कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1.9 प्रतिशत नीचे आया, जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.3 प्रतिशत गिरा और ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 इंडेक्स भी 0.3 प्रतिशत नीचे था।
अमेरिकी शेयर बाजार गुरुवार को लगातार तीसरे सेशन में गिरे। निवेशकों ने बेरोजगारी भत्ते के दावों में अप्रत्याशित गिरावट और जीडीपी वृद्धि में बड़े सुधार पर प्रतिक्रिया दी। इन घटनाक्रमों ने ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं को और कठिन बना दिया है। इससे फेडरल रिजर्व की नीति को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। नैस्डैक कंपोज़िट इंडेक्स 0.5 प्रतिशत गिरा, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.5 प्रतिशत नीचे बंद हुआ। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज लगभग 0.38 प्रतिशत गिरा।