अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल की टिप्पणी और रोजगार के मजबूत आंकड़ों के कारण ब्याज दरों में बढ़ोतरी की चिंता बढ़ गई है, जिसके कारण बेंचमार्क सूचकांकों में आज करीब 1 फीसदी गिरावट आ गई। पिछले तीन कारोबारी सत्र में बढ़त के बाद सेंसेक्स 542 अंक के नुकसान के साथ 59,806 पर बंद हुआ। निफ्टी 165 अंक गिरकर 17,589 पर बंद हुआ।
पावेल ने इसी बुधवार को अमेरिकी नीति निर्माताओं से कहा था कि इस महीने दर कितनी बढ़ानी है, यह तय करने के लिए नए आंकड़ों का इंतजार करना चाहिए। मगर उन्होंने दोहराया कि आने वाले आर्थिक आंकड़े दर बढ़ाने का संकेत देते हैं तो दरें अनुमान से ऊंची रह सकती हैं।
अमेरिकी श्रम विभाग द्वारा रिक्तियों और श्रम के बारे में कराए गए सर्वेक्षण के आंकड़े से दर में 50 आधार अंक बढ़ोतरी के कयास लगाए जा रहे हैं। रिक्तियों की संख्या जनवरी में घटकर 1.08 करोड़ रही, जो इससे पिछले महीने 1.12 करोड़ थी। आंकड़ों से संकेत मिलता है कि कामगारों की मांग उनकी उपलब्धता से ज्यादा है, जिससे वेतन और मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ सकता है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कम नकदी और ऊंची दरों वाली व्यवस्था शेयर बाजार के लिए अनुकूल नहीं है। निवेशकों की नजर शुक्रवार को आने वाले अमेरिकी रोजगार आंकड़ों पर रहेगी, जिनसे आगे के रुख का कुछ संकेत मिल सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज मं रिटेल शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘तीन दिन चढ़ने के बाद वैश्विक दबाव से देसी शेयर बाजार में गिरावट आई है। ऊंची ब्याज दरों की चिंता फिर बढ़ने से वैश्विक स्तर पर निवेशकों का मनोबल कमजोर पड़ा है। कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से आगे भी बाजार में उठापटक जारी रह सकता है।’
वैश्विक निवेशकों ने 562 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 42 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद पिछले तीन कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 1,439 अंक या 2.44 फीसदी चढ़ा था।
रेलिगेयर में वाइस प्रेसिडेंट-तकनीकी शोध अजित मिश्र ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में बाजार को अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘मिले-जुले वैश्विक संकेतों और सूचकांक में शामिल शेयरों में सीमित लेनदेन से बाजार की धारणा पर असर पड़ा है। निफ्टी को 17,450 पर बने रहना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो बाजार का रुख मंद हो सकता है। मिले-जुले संकेत देखते हुए बाजार के भागीदारों को शेयर चुनने में सतर्कता बरतनी चाहिए और जोखिम से बचने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।’
बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 1,987 शेयर गिरावट में और 1,502 लाभ पर बंद हुए। सेंसेक्स के करीब दो-तिहाई शेयर नुकसान में रहे। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 2.4 फीसदी की गिरावट आई। आईसीआईसीआई बैंक 1.8 फीसदी और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज 1.5 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कुल गिरावट में इन शेयरों की हिस्सेदारी करीब 320 अंक की रही।
बीएसई के अधिकतर क्षेत्रीय सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई वाहन सूचकांक में सबसे ज्यादा 1.7 फीसदी की गिरावट आई। बाजार में उतार चढ़ाव आंकने वाला वीआईएक्स सूचकांक 2.2 फीसदी बढ़कर बंद हुआ।