भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को उन शेयर ब्रोकरों के लिए निपटान योजना की घोषणा की जो ऐसे अल्गो प्लेटफार्मों से जुड़े थे जिन्हें नियामक ने मानदंडों का उल्लंघन करते पाया था।
मामला गारंटी के साथ रिटर्न का वादा करने वाले एक अल्गो प्लेटफॉर्म का है। इससे 100 से ज्यादा स्टॉक ब्रोकर जुड़े हुए थे। नियामक ने इसकी जांच की। आरोप है कि ब्रोकरों ने कथित तौर पर सुनिश्चित रिटर्न देने वाले अल्गो प्रदाता ट्रेडट्रॉन के एपीआई को अपने ग्राहकों को इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।
ऐसे स्टॉक ब्रोकर बाजार नियामक की ओर से शुरू की गई कार्यवाही का निपटान और समापन करने में सक्षम होंगे। ब्रोकर 16 जून से सितंबर 2025 तक निपटान के लिए आवेदन कर सकेंगे।
सेबी ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा, यह योजना कुछ अल्गो प्लेटफार्मों से जुड़े उन स्टॉक ब्रोकरों को निपटान का अवसर देगी, जिनके खिलाफ सेबी ने कार्यवाही शुरू की है और जो किसी प्राधिकरण या फोरम यानी न्यायनिर्णायक अधिकारी / प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण / न्यायालयों के समक्ष लंबित हैं।
हालांकि, अगर कोई ब्रोकर इस का लाभ नहीं उठाता है तो उसके खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई जारी रहेगी।
सेबी ने इस समय कोई निपटान राशि तय नहीं की है। एक सूत्र ने पहले बताया था कि यह राशि सभी ब्रोकरों के लिए समान हो सकती है। सेबी 16 जून को निपटान के बारे में और जानकारी मुहैया कराएगा।
इस घटना के बाद बाजार नियामक ने अल्गो प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले खुदरा व्यापारियों के लिए अपने ढांचे को मजबूत किया है। सेबी ने नियमों में बदलाव किया है, अल्गो प्रदाताओं को अनिवार्य रूप से सूचीबद्ध किया है और स्टॉक ब्रोकरों और एक्सचेंजों की जिम्मेदारियां तय की हैं।