बाजार नियामक सेबी ने गुरुवार को निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों के लिए कुछ रियायत का प्रस्ताव रखा, जिसमें शैक्षिक योग्यता, पिछले प्रदर्शन के आंकड़े मुहैया कराने और पंजीकरण के लिए मांगी जाने वाली विस्तृत जानकारी शामिल है।
निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों को प्रासंगिक डिस्क्लेमर के साथ पिछले प्रदर्शन के आंकड़े केवल उन्हीं ग्राहकों को व्यक्तिगत आधार पर उपलब्ध कराने की अनुमति दी जा सकती है, जो विशेष रूप से ऐसे आंकड़े चाहते हैं। भ्रामक दावों की चिंताओं के बीच बाजार नियामक ने प्रदर्शन संबंधी दावों के सत्यापन के लिए एक प्रदर्शन सत्यापन एजेंसी की शुरुआत की थी। ऐसे पिछले आंकड़ों के लिए लागू होने वाली अवधि इस एजेंसी के परिचालन में आने के पहले ही अवधि होगी।
प्रस्तावित मानदंडों के तहत, इंजीनियरिंग और कानून जैसे किसी भी विषय के स्नातक भी निवेश सलाहकार और शोध विश्लेषक पंजीकरण के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। अभी केवल वित्त, व्यवसाय प्रबंधन, लेखा, वाणिज्य, अर्थशास्त्र और पूंजी बाजार के स्नातक ही इसके लिए पात्र माने जाते हैं।
हालाँकि, उन्हें राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान (एनआईएसएम) की प्रमाणन परीक्षाएं उत्तीर्ण करनी होंगी। एक अन्य प्रमुख प्रस्ताव यह है कि एनआईएसएम को लागू एनआईएसएम प्रमाणन परीक्षाओं के विकल्प के रूप में किसी बाहरी संगठन के किसी भी शैक्षिक कार्यक्रम को मान्यता देने की अनुमति मिले।
सेबी ने निवेश सलाहकारों को पूर्व-वितरित परिसंपत्तियों पर ग्राहकों को दूसरी राय देने की अनुमति देने का भी प्रस्ताव रखा है, जो शुल्क भुगतान के मौजूदा मानदंडों के अंतर्गत नहीं आते थे। निवेश सलाहकार इन परिसंपत्तियों पर सालाना कीमत के 2.5 फीसदी की सीमा में शुल्क ले सकेंगे।
बाजार नियामक ने 300 ग्राहकों तक पहुंचने पर व्यक्तिगत निवेश सलाहकार से गैर-व्यक्तिगत सलाहकार बनने की प्रक्रिया को आसान बनाने के उपायों का भी प्रस्ताव रखा है। निवेश सलाहकारों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अन्य प्रस्तावित उपायों में कई व्यक्तियों के पते के प्रमाण देने की आवश्यकता को समाप्त करना और कार्यालय स्थान, उपकरण, अनुसंधान सॉफ्टवेयर और अन्य बुनियादी ढांचे का विवरण देना शामिल है।
इसके अलावा, पंजीकरण के लिए क्रेडिट रिपोर्ट या सिबिल स्कोर और नेटवर्थ, संपत्ति और देनदारियों या आयकर रिटर्न का विवरण जरूरी नहीं होगा। बाजार नियामक ने हाल ही में निवेश सलाहकार और शोध विश्लेषकों के नियमों में व्यापक बदलाव किया है, जिससे पंजीकरण प्रक्रिया और पंजीकरण की समग्र आवश्यकताओं में उल्लेखनीय रूप से आसानी हुई है।