कई तिमाहियों में पहली बार स्पेशियलिटी केमिकल कंपनियों की उम्मीदें जनवरी-मार्च तिमाही में परवान चढ़ सकती हैं। इस दौरान इन कंपनियों के राजस्व और आय में तिमाही आधार पर वृद्धि दर्ज किए जाने की संभावना है। इस क्षेत्र ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में राजस्व में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की थी। चौथी तिमाही में 10-11 प्रतिशत की वृद्धि (तिमाही आधार पर) दर्ज किए जाने का अनुमान है। सुधार के शुरुआती संकेतों, मजबूत कीमत स्तरों और चीन के आपूर्तिकर्ताओं के घटते दबाव के कारण इनमें सुधार आ सकता है।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही कई कंपनियों के लिए सुस्त रही है। इस दौरान कमजोर वैश्विक मांग के कारण कंपनियों के राजस्व और परिचालन लाभ में वृद्धि कम हुई। शुरू में अनुमान था कि चौथी तिमाही में कमजोरी बनी रहेगी और वित्त वर्ष 2025 में ही सुधार की उम्मीद थी, क्योंकि मांग सुधरने से गैर-बिके माल के स्तर में कमी आई। चौथी तिमाही में सुधार के मद्देनजर ब्रोकरों ने इस क्षेत्र और कुछ शेयरों की रेटिंग में सुधार किया है।
सबसे बड़ी स्पेशियलिटी रसायन कंपनी एसआरएफ (SRF) का शेयर पिछले महीने इस उम्मीद से 10 महीने के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया कि कीमत वृद्धि के बीच निर्यात में सुधार से बिक्री में इजाफा हो सकता है और सभी प्रमुख सेगमेंट में उससे राजस्व में सुधार आ सकता है।
जेएम फाइनैंशियल रिसर्च के विश्लेषकों कृष्णन परवानी और सिद्धिनाथन के एन का कहना है, ‘वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में हमारे कवरेज वाली कई रसायन कंपनियों के तिमाही आधार पर अच्छी-खासी बिक्री दर्ज किए जाने की संभावना है। दीपक नाइट्राइट, आर्चियन केमिकल इंडस्ट्रीज और एथर इंडस्ट्रीज का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहेगा। एसआरएफ के लिए, रेफ्रिजरेंट गैस और फ्लूरोस्पेशियलिटी केमिकल बिक्री में तेजी आने के आसार हैं।’
हालांकि ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि मध्यावधि में कुछ झटके लग सकते हैं। लेकिन चीजें उतनी खराब होने की आशंका नहीं है जितनी पिछली कुछ तिमाहियों में देखी गई थी जब मांग में कमी के साथ-साथ कीमतों में सुधार का दोहरा प्रभाव था।
लार्जकैप सेगमेंट में ब्रोकरेज का मुख्य पसंदीदा शेयर एसआरएफ है। स्मॉलकैप और मिडकैप में क्रम से पीसीबीएल (पहले फिलिप्स कार्बन ब्लैक) और दीपक नाइट्राइट शामिल हैं।स्पेशियलिटी केमिकल राजस्व में सुधार की वजह से वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में इस क्षेत्र की आय में तिमाही आधार पर 38 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। तिमाही आय प्रदर्शन को मार्जिन में 200 आधार अंक वृद्धि से मदद मिल सकती है।
फिलिपकैपिटल रिसर्च के विश्लेषक सूर्य पात्रा का मानना है कि तिमाही आधार पर रिकवरी वैश्विक तौर पर चुनिंदा ऐंड-यूजर उद्योगों में मांग सुधरने, स्थिर रसायन कीमतों, उत्पाद लागत में लगातार नरमी की वजह से आती दिख रही है।
चीन, यूरोपीय संघ और अमेरिका के सभी अहम बाजारों में रसायन उत्पादन में संपूर्ण सुधार से मांग बढ़ने का संकेत मिलता है। इन बाजारों में चीन भी शामिल है जहां तीन वर्ष की कमजोरी के बाद क्षमता इस्तेमाल में लगातार सुधार आया है। वाहन, फार्मास्युटिकल और सिंथेटिक डिटरजेंट जैसे चुनिंदा उपयोगकर्ता-केंद्रित उद्योगों ने उत्पादन में इजाफा दर्ज किया है। इससे रसायन कीमतों को स्थिर होने में मदद मिली, जो चीन की डम्पिंग से प्रभावित हुई थीं।
मांग सुधार, कीमत स्थिरता, निर्यात में मजबूत तिमाही वृद्धि और नरम पड़ रही कच्चे माल की लागत के स्पष्ट संकेतों को देखते हुए ब्रोकरेज का मानना है कि जहां तक वृहद आर्थिक चुनौतियों और उद्योग मांग का सवाल है, भारतीय स्पेशियलिटी केमिकल क्षेत्र दबाव से निकल गया है। इस क्षेत्र पर हाल में अपना नजरिया सकारात्मक करने वाली ब्रोकरेज फर्म ने आरती इंडस्ट्रीज,कैमलिन फाइन साइंस, विनती ऑर्गेनिक्स और एसआरएफ पर ‘खरीदें’ रेटिंग दी है जबकि अतुल को ‘तटस्थ’ रेटिंग दी गई है।
एसएमआईएफएस रिसर्च का भी मानना है कि कई रसायनों की कीमतों में सुधार आया है। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में भारतीय रसायन कंपनियों के लिए मार्जिन में सुधार आने का अनुमान है।
ब्रोकरेज के विश्लेषकों आदित्य खेतान और अवनीश चंद्र का मानना है कि यह क्षेत्र मजबूत राह पर आगे बढ़ रहा है और इसे वैश्विक कंपनियों द्वारा भारत से खरीदारी में दिलचस्पी बढ़ने, उत्पाद मिश्रण में विशेष रसायनों की बढ़ती हिस्सेदारी और इस क्षेत्र में मजबूत स्थिति से मदद मिल ही है।
ब्रोकरेज ने बोडाल केमिकल्स, आईजी पेट्रोकेमिकल्स और ओरिएंटल कार्बन ऐंड केमिकल्स पर ‘खरीदें’ रेटिंग दी है जबकि आरती इंडस्ट्रीज, एप्कोटेक्स इंडस्ट्रीज, गैलेक्सी सरफैक्टेंट्स और पीसीबीएल पर ‘एकत्रित करें’ रेटिंग दी है।