Swiggy vs Zomato: ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने फूड एग्रेगेटर कंपनी स्विग्गी पर अपनी रेटिंग को अपग्रेड कर दिया है। इसके चलते कंपनी के शेयरों में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में तेजी देखने को मिली। स्विग्गी के शेयर सुबह 11:46 बजे बीएसई पर 2.68 फीसदी चढ़कर 434.65 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। ब्रोकरेज ने स्विग्गी प्रतिद्वंद्वी इटरनल (पहले Zomato) पर भी अपनी रेटिंग को बरकरार रखा है। साथ ही शेयर में खरीदारी की सलाह दी है। ऐसे में निवेशक कन्फ्यूजन में है कि दोनों में किस शेयर को अपने पोर्टफोलियों में शामिल किया जाए।
ब्रोकरेज का कहना है कि फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स इंडस्ट्री को पिछले कुछ महीनों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। फूड डिलीवरी की ग्रोथ कमजोर कंजंप्शन और मैक्रो आर्थिक दबावों के कारण धीमी पड़ी। वहीं, क्विक कॉमर्स की प्रॉफिटेबिलिटी पर ज्यादा कंप्टीशन, डार्क स्टोर के तेजी से विस्तार और हाई कस्टमर अधिग्रहण लागत का दबाव रहा। ब्रोकरेज का मानना है कि अब यह फेज अब पलट रहा है।
मोतीलाल ओसवाल ने स्विग्गी पर रेटिंग ‘Neutral’ से अपग्रेड कर ‘BUY’ दी है। साथ ही स्टॉक पर टारगेट प्राइस बढ़ाकर 560 रुपये कर दिया है। पहले यह 450 रुपये था। इस तरह, शेयर 623 रुपये के मौजूदा भाव से 33 फीसदी का अपसाइड दिखा सकता है।
ब्रोकरेज ने इटरनल (Zomato) पर अपनी ‘BUY’ रेटिंग को बरकरार रखा है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 420 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह, शेयर 29 फीसदी का अपसाइड दे सकता है। इटरनल के शेयर गुरुवार को 326.50 रुपये के भाव पर बंद हुए।
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मोतिलाल ओसवाल को उम्मीद है कि जीएसटी सुधारों के चलते डिस्क्रिशनरी खर्च (discretionary spending) में फिर से तेजी आएगी। इससे बाहर खाना खाने और घर पर फूड डिलीवरी का ट्रेंड भी बढ़ सकता है। इसका फायदा फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स को ऑर्डर वॉल्यूम और ऑर्डर फ्रिक्वेंसी में बढ़ोतरी के रूप में मिलेगा।
इसी कारण, फूड डिलीवरी ग्रोथ का अनुमान अब जोमैटो और स्विगी दोनों के लिए वित्त वर्ष 2026 से 2027 के बीच बढ़ाकर क्रमश: 21% और 23% कर दिया गया है। पहले यह अनुमान 19% से 20% के बीच था।
मोतिलाल ओसवाल ने क्विक कॉमर्स के मामले मेंइंस्टामार्ट और ब्लिंकिट की प्रॉफिटेबिलिटी के अनुमान को पहले ला दिया है। इसकी वजह कंपटीशन में कमी, डार्क स्टोर एक्सपेंशन की गति में कमी और ग्राहक अधिग्रहण लागत में गिरावट है। इससे ब्रेकईवन का रास्ता तेजी से साफ हुआ है।
स्विग्गी का अप्रैल-जून तिमाही में कंसोलिडेट नेट लॉस सालाना आधार (YoY) पर बढ़कर 1,197 करोड़ रुपये हो गया। खर्च बढ़ने के कारण कंपनी का घाटा बढ़ा है। एक साल पहले की इसी तिमाही में यह 611 करोड़ रुपये था। मार्च तिमाही की तुलना में भी कंपनी का घाटा बढ़ा है। इस दौरान यह 1,081 करोड़ रुपये था।
हालांकि, ऑपरेशंस से कंपनी का रेवेन्यू 2025-26 की जून तिमाही में सालाना आधार पर 52 फीसदी उछलकर 5,048 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले साल की समान तिमाही में यह 3,310 करोड़ रुपये था। मार्च तिमाही की तुलना में कंपनी का रेवेन्यू 11.4 प्रतिशत बढ़ा है।
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फूड एग्रीगेटर जोमैटो की मूल कंपनी इटरनल का वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही का मुनाफा सालाना आधार पर 90.11 प्रतिशत घटकर 25 करोड़ रुपये रह गया। जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 253 करोड़ रुपये था। तिमाही आधार पर लाभ 39 करोड़ रुपये से 35.8 प्रतिशत कम रहा। इस तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू पिछले साल की तुलना में 70.3 प्रतिशत बढ़कर 7,167 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 4,206 करोड़ रुपये था। पिछली तिमाही में रेवेन्यू 5,833 करोड़ रुपये था।
इटरनल की क्विक कॉमर्स कंपनी ब्लिंकइट का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 2,400 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही से 154.7 प्रतिशत अधिक रहा। इस तिमाही में प्लेटफॉर्म का जीओवी बढ़कर 11,821 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक तिमाही पहले यह 9,421 करोड़ रुपये था। प्लेटफॉर्म का औसत ऑर्डर मूल्य (एओवी) वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कुछ बढ़कर 669 रुपये हो गया।
(डिस्क्लेमर: यह खबर ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर है, निवेश संबंधित फैसले लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)