facebookmetapixel
2025 में मैटरनिटी इंश्योरेंस में 180% की जबरदस्त छलांग, कंजंप्शन-बेस्ड हेल्थ बीमा का बढ़ रहा रुझानPutin India visit 2025: 4 साल बाद भारत पहुंचे पुतिन, प्रधानमंत्री मोदी ने हवाईअड्डे पर किया स्वागतNFO Alert: Groww MF ने उतारा नया ETF, सिर्फ ₹500 से मेटल और माइनिंग सेक्टर में निवेश का मौका₹1,098 टच कर सकता है ये Hotel Stock, लीजिंग बिजनेज में तेजी; ब्रोकरेज की सलाह- खरीदेंपुतिन के भारत पहुंचने से पहले आई बड़ी खबर.. रूस देगा न्यूक्लियर पावर अटैक सबमरीन; इतनी हैं कीमतSmall Cap Funds: फिर दिखेगी जोरदार रैली? गिरावट के बाद वैल्यूएशन आकर्षक, जोखिम भी जान लें18% चढ़ सकता है टाटा का FMCG स्टॉक, ब्रोकरेज ने कहा- ग्रोथ की संभावनाएं मजबूत; खरीदें2026 में सोना 30% चढ़ेगा या 20% गिरेगा? जानें क्या कहती है WGC की रिपोर्ट48.7 अरब डॉलर AUM वाले फंड मैनेजर की राय: 2026 में भारतीय बाजार में आएगी तेजीभारतीय सिंगर सोनू निगम ने किराये पर दी प्रॉपर्टी, हर महीने होगी इतनी कमाई

ट्रंप टैरिफ लागू होने से टूटे बाजार, सेंसेक्स 706 और निफ्टी 211 अंक गिरा

बुधवार को गणेश चतुर्थी पर बाजार बंद थे। टैरिफ पर निवेशकों की प्रतिक्रिया गुरुवार को मिली

Last Updated- August 28, 2025 | 10:27 PM IST
Stock market

भारतीय शेयर बाजारों में गुरुवार को भी गिरावट जारी रही। निवेशक अर्थव्यवस्था और कंपनियों की आय पर नए अमेरिकी टैरिफ के असर का आकलन कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से घोषित 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क बुधवार से लागू हो गए। इससे कई भारतीय वस्तुओं पर प्रभावी शुल्क बढ़कर 50 फीसदी तक हो गया। बुधवार को भारतीय बाजार गणेश चतुर्थी के मौके पर बंद थे। लिहाजा बाजारों ने टैरिफ पर प्रतिक्रिया आज दी।

सेंसेक्स 706 अंक यानी 0.9 फीसदी की गिरावट के साथ 80,081 पर बंद हुआ। निफ्टी 211 अंक यानी 0.9 फीसदी टूटकर 24,501 पर टिका। दोनों सूचकांकों में लगातार दूसरे दिन गिरावट आई। सेंसेक्स 8 अगस्त के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी इससे पहले 12 अगस्त को मौजूदा स्तर से नीचे बंद हुआ था। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 4.3 लाख करोड़ रुपये घटकर 445 लाख करोड़ रुपये रह गया।

बाजार के प्रतिभागियों को निर्यात वाले क्षेत्रों जैसे वस्त्र, परिधान, रत्न एवं आभूषण, समुद्री उत्पाद और चमड़े के सामान पर लंबे समय तक दबाव बने रहने की आशंका है। ये उद्योग अमेरिकी बाजार पर काफी हद तक निर्भर हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल के शोध प्रमुख (वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, 50 फीसदी की भारी-भरकम टैरिफ दर से भारत के कपड़ा और परिधान, रत्न एवं आभूषण, समुद्री (झींगा), चमड़ा और जूते-चप्पल सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि कपास पर आयात शुल्क छूट को दिसंबर तक बढ़ाने के सरकार के कदम से परिधान निर्यातकों को आंशिक राहत मिल सकती है।

रूसी तेल की निरंतर खरीद के लिए भारत को दंडित करने के मकसद से की गई अमेरिकी व्यापारिक कार्रवाई यूक्रेन युद्ध के बीच मॉस्को पर दबाव बनाने की वॉशिंगटन की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के पांच दौर विफल होने के बाद निवेशक बढ़ते व्यापारिक तनाव को लेकर आशंकित हैं।

नीतिगत मोर्चे की बात करें तो भारत सरकार घरेलू मांग को सहारा देने और बाहरी चुनौतियों का सामना करने के लिए जीएसटी में सुधार प्रस्तावों और चुनिंदा शुल्कों में छूट पर भरोसा कर रही है। खेमका ने कहा, जीएसटी से जुड़े सहायक उपायों, आयात शुल्क में छूट और व्यापक स्वदेशी अभियान से घरेलू बाजारों को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

बैंकिंग शेयरों ने सेंसेक्स को नीचे खींचा। एचडीएफसी बैंक में 1.5 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक में 1.3 फीसदी की गिरावट आई। प्रवर्तक हिस्सेदारी बिक्री के बाद इंटरग्लोब एविएशन में 5.3 फीसदी की गिरावट आई।

निर्यात से जुड़े शेयरों में गिरावट देखी गई। काइटेक्स गारमेंट्स (5 फीसदी), रेमंड लाइफस्टाइल (2.8 फीसदी), एपेक्स फ्रोजन फूड्स (5.4 फीसदी), वेलस्पन लिविंग (1.1 फीसदी), अवंति फीड्स (0.8 फीसदी) के शेयर गिरे। बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और 2,744 शेयर टूटे जबकि 1,374 में इजाफा हुआ। विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अल्पावधि में मनोबल नाजुक बना रह सकता है।

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, अल्पकालिक परिदृश्य कमजोर है। हालांकि तकनीकी बहाली की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। डे ट्रेडरों के लिए 24,600 निफ्टी का और 80,600 सेंसेक्स का महत्वपूर्ण प्रतिरोध स्तर होंगे। जब तक सूचकांक इनसे नीचे रहेंगे, तब तक धारणा नकारात्मक रहेगी।

आने वाले समय में वैश्विक संकेतक विशेष रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व का नीतिगत रुख और टैरिफ वापस लेने का कोई भी संकेत बाजार के रुझान को आकार देने में निर्णायक होंगे।

First Published - August 28, 2025 | 10:17 PM IST

संबंधित पोस्ट