facebookmetapixel
अगस्त के दौरान भारत का विदेश में प्रत्यक्ष निवेश लगभग 50 प्रतिशत घटाभारतीय रिजर्व बैंक और सरकार के कारण बढ़ा बैंकों में विदेशी निवेशसरकारी बैंकों में 26% जनधन खाते निष्क्रिय, सक्रिय खातों की संख्या और कम होने का अनुमानअमेरिका से व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा भारतीय अधिकारियों का दलभारतीय कंपनियों ने H1FY26 में बॉन्ड से जुटाए ₹5.47 लाख करोड़, दूसरी तिमाही में यील्ड बढ़ने से आई सुस्तीकंपनियों के बीच बिजली नेटवर्क साझा करना आसान नहीं, डिस्कॉम घाटा और पीपीए लागत बड़ी चुनौतीडिप्टी गवर्नर ने चेताया – आंकड़ों पर निर्भरता से जोखिम की आशंकाब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला, लेकिन दर में और कटौती की गुंजाइशअब तक के उच्चतम स्तर पर कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर, और बढ़ सकता है पृथ्वी का तापमानअदाणी का एआई आधारित विस्तार के लिए ‘दो-स्तरीय संगठन’ पर जोर

ट्रंप टैरिफ लागू होने से टूटे बाजार, सेंसेक्स 706 और निफ्टी 211 अंक गिरा

बुधवार को गणेश चतुर्थी पर बाजार बंद थे। टैरिफ पर निवेशकों की प्रतिक्रिया गुरुवार को मिली

Last Updated- August 28, 2025 | 10:27 PM IST
Stock market

भारतीय शेयर बाजारों में गुरुवार को भी गिरावट जारी रही। निवेशक अर्थव्यवस्था और कंपनियों की आय पर नए अमेरिकी टैरिफ के असर का आकलन कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से घोषित 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क बुधवार से लागू हो गए। इससे कई भारतीय वस्तुओं पर प्रभावी शुल्क बढ़कर 50 फीसदी तक हो गया। बुधवार को भारतीय बाजार गणेश चतुर्थी के मौके पर बंद थे। लिहाजा बाजारों ने टैरिफ पर प्रतिक्रिया आज दी।

सेंसेक्स 706 अंक यानी 0.9 फीसदी की गिरावट के साथ 80,081 पर बंद हुआ। निफ्टी 211 अंक यानी 0.9 फीसदी टूटकर 24,501 पर टिका। दोनों सूचकांकों में लगातार दूसरे दिन गिरावट आई। सेंसेक्स 8 अगस्त के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी इससे पहले 12 अगस्त को मौजूदा स्तर से नीचे बंद हुआ था। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 4.3 लाख करोड़ रुपये घटकर 445 लाख करोड़ रुपये रह गया।

बाजार के प्रतिभागियों को निर्यात वाले क्षेत्रों जैसे वस्त्र, परिधान, रत्न एवं आभूषण, समुद्री उत्पाद और चमड़े के सामान पर लंबे समय तक दबाव बने रहने की आशंका है। ये उद्योग अमेरिकी बाजार पर काफी हद तक निर्भर हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल के शोध प्रमुख (वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, 50 फीसदी की भारी-भरकम टैरिफ दर से भारत के कपड़ा और परिधान, रत्न एवं आभूषण, समुद्री (झींगा), चमड़ा और जूते-चप्पल सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि कपास पर आयात शुल्क छूट को दिसंबर तक बढ़ाने के सरकार के कदम से परिधान निर्यातकों को आंशिक राहत मिल सकती है।

रूसी तेल की निरंतर खरीद के लिए भारत को दंडित करने के मकसद से की गई अमेरिकी व्यापारिक कार्रवाई यूक्रेन युद्ध के बीच मॉस्को पर दबाव बनाने की वॉशिंगटन की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के पांच दौर विफल होने के बाद निवेशक बढ़ते व्यापारिक तनाव को लेकर आशंकित हैं।

नीतिगत मोर्चे की बात करें तो भारत सरकार घरेलू मांग को सहारा देने और बाहरी चुनौतियों का सामना करने के लिए जीएसटी में सुधार प्रस्तावों और चुनिंदा शुल्कों में छूट पर भरोसा कर रही है। खेमका ने कहा, जीएसटी से जुड़े सहायक उपायों, आयात शुल्क में छूट और व्यापक स्वदेशी अभियान से घरेलू बाजारों को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

बैंकिंग शेयरों ने सेंसेक्स को नीचे खींचा। एचडीएफसी बैंक में 1.5 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक में 1.3 फीसदी की गिरावट आई। प्रवर्तक हिस्सेदारी बिक्री के बाद इंटरग्लोब एविएशन में 5.3 फीसदी की गिरावट आई।

निर्यात से जुड़े शेयरों में गिरावट देखी गई। काइटेक्स गारमेंट्स (5 फीसदी), रेमंड लाइफस्टाइल (2.8 फीसदी), एपेक्स फ्रोजन फूड्स (5.4 फीसदी), वेलस्पन लिविंग (1.1 फीसदी), अवंति फीड्स (0.8 फीसदी) के शेयर गिरे। बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और 2,744 शेयर टूटे जबकि 1,374 में इजाफा हुआ। विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अल्पावधि में मनोबल नाजुक बना रह सकता है।

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, अल्पकालिक परिदृश्य कमजोर है। हालांकि तकनीकी बहाली की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। डे ट्रेडरों के लिए 24,600 निफ्टी का और 80,600 सेंसेक्स का महत्वपूर्ण प्रतिरोध स्तर होंगे। जब तक सूचकांक इनसे नीचे रहेंगे, तब तक धारणा नकारात्मक रहेगी।

आने वाले समय में वैश्विक संकेतक विशेष रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व का नीतिगत रुख और टैरिफ वापस लेने का कोई भी संकेत बाजार के रुझान को आकार देने में निर्णायक होंगे।

First Published - August 28, 2025 | 10:17 PM IST

संबंधित पोस्ट