facebookmetapixel
अमेरिकी सरकार का शटडाउन: वीजा और प्रवासन आवेदकों पर असरअगली पॉलिसी में RBI सस्ता कर सकता है कर्ज! एनॉलिस्ट का अनुमान- आगे 25-75 bps घट सकती हैं ब्याज दरेंGST रेट कट का दिखा असर, सितंबर में कलेक्शन 9% बढ़कर ₹1.89 लाख करोड़ के पार निकलाRabi Crops MSP Hike: किसानों को दिवाली तोहफा! सरकार ने रबी फसलों की MSP बढ़ाई, गेहूं पर ₹160/ क्विंटल का इजाफासाल दर साल 27% गिरी टेक हायरिंग, भारत में IT और इंजीनियरिंग नौकरियों की मांग धीमीCabinet Decisions: दलहन आत्म​निर्भरता मिशन को मंजूरी, ₹11,400 करोड़ खर्च से 2 करोड़ किसानों को होगा लाभUPI ट्रांजेक्शन पर कोई फीस नहीं, EMI चूकने पर फोन डिजिटल तरीके से हो सकता है लॉक!DA hike: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिवाली गिफ्ट! सरकार ने 3% बढ़ाया महंगाई भत्ताLG Electronics India IPO: 7 अक्टूबर से खुलेगा आईपीओ, प्राइस बैंड ₹1080-₹1140; ग्रे मार्केट में अभी से हलचलदेश में अरबपतियों की संख्या बढ़कर हुई 358, अंबानी और अदाणी का दबदबा जारी

ट्रंप के नए टैरिफ से वॉल स्ट्रीट में भारी गिरावट, डाउ 3.3% टूटा; निवेशकों को $2.5 ट्रिलियन का नुकसान

टेक हैवी Nasdaq 903.44 अंक या 5.13% गिरकर 16,697.60 और S&P 500 इंडेक्स 232.04 अंक या 4.09% गिरकर 5,439.73 पर आ गया।

Last Updated- April 04, 2025 | 8:50 AM IST
Trump tariffs
Donald Trump

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) द्वारा बड़े पैमाने पर आयात पर टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 1,400.87 अंक या 3.32% लुढ़ककर 40,824.45 पर बंद हुआ। टेक हैवी Nasdaq 903.44 अंक या 5.13% गिरकर 16,697.60 और S&P 500 इंडेक्स 232.04 अंक या 4.09% गिरकर 5,439.73 पर आ गया।

ट्रंप ने लगभग सभी अमेरिकी आयातों पर 10% टैरिफ और कुछ देशों पर इससे भी ज्यादा शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिससे वैश्विक ट्रेड वॉर और आर्थिक मंदी की चिंता बढ़ गई है।

निवेशकों को $2.5 ट्रिलियन का नुकसान

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ के नए दौर से अर्थव्यवस्था मंदी में जा सकती है। इस चिंता के बीच गुरुवार को एसएंडपी 500 इंडेक्स से निवेशकों की वेल्थ करीब 2.5 ट्रिलियन डॉलर घटी गई।

निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश की ओर

रिस्क वाले एसेट्स से पैसे निकालकर निवेशक सरकारी बॉन्ड्स में पैसा लगा रहे हैं। टैरिफ के चलते दुनियाभर में व्यापार व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। कुछ ही महीनों पहले ट्रंप प्रशासन की कारोबारी नीतियों की उम्मीद में शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर था, लेकिन अब तस्वीर उलट गई है।

चीन ने साफ कहा है कि वह इस पर जवाबी कार्रवाई करेगा। यूरोपीय संघ ने भी चेताया है, जो अब 20% ड्यूटी का सामना कर रहा है। वहीं दक्षिण कोरिया, मैक्सिको और भारत जैसे कई व्यापारिक साझेदार देशों ने फिलहाल इंतजार करने का फैसला किया है और बातचीत के ज़रिए कुछ रियायतें हासिल करने की कोशिश में हैं। ये टैरिफ 9 अप्रैल से लागू होंगे।

आने वाले दिनों में बाजार में भारी उतार-चढ़ाव की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि ट्रंप की नीतियों का असर अब सीधे इकॉनमी पर दिखने लगा है। अमेरिका का ‘वॉल स्ट्रीट फियर गेज’ यानी CBOE Volatility Index तीन हफ्तों के उच्चतम स्तर 27.52 तक पहुंच गया है।

तीनों बड़े अमेरिकी इंडेक्स में भारी गिरावट

अमेरिकी शेयर बाजार में भी इसका जबरदस्त असर दिखा। दोपहर 03:07 बजे EDT पर, S&P 500 में 232.04 अंकों (4.09%) की गिरावट आई और यह 5,439.73 पर बंद हुआ। Nasdaq Composite 903.44 अंक (5.13%) गिरकर 16,697.60 पर आ गया। Dow Jones Industrial Average भी 1,400.87 अंक (3.32%) टूटकर 40,824.45 पर बंद हुआ।

Apple और Amazon के शेयर टूटे

अमेरिकी शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखने को मिली है। Apple के शेयर 9.5% लुढ़क गए हैं। वजह है चीन से आयात पर कुल 54% टैरिफ, जो iPhone निर्माण का बड़ा आधार है। Nvidia के शेयर 6% और Amazon के 8.4% टूटे।

ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के कारण निवेशकों को डर है कि टैरिफ्स से इकॉनमी को बड़ा नुकसान हो सकता है। S&P 500 और Nasdaq में बीते महीने की रिकॉर्ड ऊंचाई से अब तक 10% की गिरावट आ चुकी है, जो तकनीकी रूप से ‘करेक्शन’ की स्थिति मानी जाती है।

इधर, ट्रेडर्स को उम्मीद है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक (Federal Reserve) इस साल चार बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। पहली कटौती जून में 0.25% की हो सकती है। कुछ एक्सपर्ट्स तो मई में भी कटौती की संभावना देख रहे हैं।

Allspring Global Investments के फिक्स्ड इनकम टीम के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट जॉर्ज बोरी ने कहा, “Fed के पास बाजार को सहारा देने के लिए काफी ताकत है। अब बाजार जल्दी और ज्यादा रेट कट्स को लेकर उम्मीद कर रहा है।”

अब सबकी नजर शुक्रवार को आने वाले अमेरिकी रोजगार आंकड़ों और Fed चेयर जेरोम पॉवेल के भाषण पर है। इससे अमेरिकी इकनॉमी की हालत और ब्याज दरों के रुख पर बड़ा संकेत मिल सकता है।

रिटेल कंपनियों पर भी दिखा असर

टैरिफ का असर केवल टेक कंपनियों तक सीमित नहीं रहा। वियतनाम, इंडोनेशिया और चीन जैसे बड़े प्रोडक्शन हब्स पर नई दरों की वजह से रिटेल कंपनियों के शेयर भी टूटे हैं। Nike के शेयर 13.6% और Ralph Lauren के 16.1% गिर गए हैं।

Citigroup और Bank of America जैसे बड़े बैंकिंग शेयर, जो इकॉनमी से जुड़े रिस्क पर तेज़ी से रिएक्ट करते हैं, 10.6% से ज़्यादा टूटे। वहीं, JPMorgan Chase & Co के शेयर में भी 6.4% की गिरावट आई।

छोटे शेयरों का इंडेक्स Russell 2000 करीब 5.9% गिरा, जिससे घरेलू इकॉनमी की हालत को लेकर चिंता और गहराई।

तेल कंपनियों के शेयर भी फिसले। Exxon Mobil में 4.6% और Chevron में 5.6% की गिरावट दर्ज की गई। इसकी वजह कच्चे तेल की क़ीमतों में 6.8% की तेज़ गिरावट रही। ऐसा OPEC+ देशों द्वारा प्रोडक्शन बढ़ाने और टैरिफ की खबरों के चलते हुआ।

हालांकि, इस गिरावट के बीच कंज्यूमर स्टेपल्स सेक्टर ने थोड़ी राहत दी। यह सेक्टर 0.9% चढ़ा। आमतौर पर इसे एक डिफेंसिव सेक्टर माना जाता है। Lamb Weston कंपनी के शानदार नतीजों की वजह से इस सेक्टर को सहारा मिला। कंपनी के शेयर 10.9% उछले।

First Published - April 4, 2025 | 6:47 AM IST

संबंधित पोस्ट