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Market This Week: Q1 की कमजोर शुरुआत, ट्रेड डील पर असमंजस ने बिगाड़ा बाजार का मूड; हफ्ते भर में निवेशकों के डूबे ₹5.7 लाख करोड़

market this weel: आईटी सेक्टर इस हफ्ते सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाला सेक्टर रहा। इस इस दौरान 3.8 फीसदी की गिरावट आई।

Last Updated- July 11, 2025 | 5:05 PM IST
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Market This Week: भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे हफ्ते (7 जुलाई-11 जुलाई) साप्ताहिक आधार पर गिरावट में बंद हुए। अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते को लेकर बाजार में अनिश्चितता और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के कमजोर नतीजों के चलते निफ्टी-50 और सेंसेक्स इस हफ्ते में भी नुकसान में रहे।

निफ्टी-50 इंडेक्स (Nifty-50) इस हफ्ते (7 जुलाई-11 जुलाई) साप्ताहिक आधार पर 1.22 फीसदी की गिरावट लेकर 25,149.85 पर बंद हुआ। निफ्टी पिछले शुक्रवार को 25,461 के लेवल पर क्लोज हुआ था। वहीं, बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 1.12 फीसदी टूटकर 82,500.47 पर बंद हुआ गया। सेंसेक्स पिछले शुक्रवार (4 जुलाई) 83,432 अंक पर बंद हुआ था।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 689.81 अंक या 0.83 फीसदी की गिरावट लेकर 82,500.47 पर बंद हुआ। इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 आज यानी शुक्रवार को 205.40 अंक या 0.81 प्रतिशत की गिरावट लेकर 25,149.85 पर बंद हुआ। आज बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी भूमिका आईटी शेयरों की रही। टीसीएस के शेयर 3.4 फीसदी गिरकर बंद हुए। इससे इन्फोसिस और विप्रो के शेयरों पर भी दबाव आया।

इस हफ्ते 3.4% गिरा आईटी सेक्टर

आईटी सेक्टर इस हफ्ते सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाला सेक्टर रहा। इस इस दौरान 3.8 फीसदी की गिरावट आई। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के नतीजे कमजोर रहे और अमेरिका की नीति को लेकर असमंजस की वजह से बाजार इस हफ्ते सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।

निवेशकों को 5.70 लाख करोड़ का नुकसान

निवेशकों को इस हफ्ते बाजार में 5.70 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप इस हफ्ते (7 जुलाई-11 जुलाई) को घटकर 462,35,858 करोड़ रुपये रह गया। यह पिछले हफ्ते शुक्रवार (4 जुलाई) को 46,235,858.95 करोड़ रुपये था। इस शुक्रवार (11 जुलाई) को यह घटकर 4,56,62,358 करोड़ रुपये रह गया। इस तरह, बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप साप्ताहिक आधार पर 573,500 करोड़ रुपये घटा है।

क्या है एनॉलिस्ट की राय

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, 11 जुलाई को भारतीय शेयर बाज़ारों की शुरुआत सुस्त रही और पूरे सत्र में गिरावट जारी रही। व्यापक स्तर पर मुनाफ़ावसूली ने बाज़ार को जकड़ लिया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) के निराशाजनक तिमाही प्रदर्शन और सतर्क प्रबंधन टिप्पणियों से और भी चिंताजनक, पहली तिमाही के आय सेशन के सुस्त रहने को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच बाज़ार का रुझान जोखिम-विरोधी हो गया।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका (हेड- रिसर्च, वेल्थ मैनेजमेंट) का कहना है, भारतीय बाजार शुक्रवार को तेज गिरावट के साथ बंद हुए। इसके पीछे टीसीएस के कमजोर तिमाही नतीजे और निवेशकों की सतर्कता मुख्य वजह रही। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी कमजोरी देखने को मिली, जहां निफ्टी मिडकैप100 0.9% और निफ्टी स्मॉलकैप1 00 एक फीसदी लुढ़के।

सेक्टोरल हिसाब से देखें तो ज्यादातर इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। हालांकि, निफ्टी फार्मा (+0.7%) और निफ्टी एफएमसीजी (+0.5%) में सीमित खरीदारी रही। फार्मा शेयरों को मजबूती अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस घोषणा से मिली, जिसमें उन्होंने दवाओं पर 200% टैरिफ लगाने की बात कही, जिसे लागू करने से पहले एक साल की छूट अवधि रखी गई है। इससे बाजार को तुरंत असर की चिंता नहीं रही। इसके अलावा ग्लेनमार्क फार्मा के लाइसेंसिंग डील से भी सेक्टर को समर्थन मिला, जो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अग्रिम भुगतान डील मानी जा रही है।

खेमका का कहना है, निफ्टी आईटी इंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट आई। यह 1.8% गिरा, क्योंकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के कमजोर Q1 नतीजों से सीजन की शुरुआत निराशाजनक रही। तिमाही नतीजों के चलते बाजार में स्टॉक-स्पेसिफिक वोलैटिलिटी बनी रह सकती है। अब निवेशकों की नजर घरेलू स्तर पर आने वाले CPI और WPI महंगाई आंकड़ों पर रहेगी, साथ ही वे जारी Q1 नतीजों और भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर होने वाले अपडेट्स पर भी नजर बनाए रखेंगे।

निवेशकों को भारत-यूएस ट्रेड डील का इंतजार

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अगले महीने से कनाडाई आयात पर 35% टैरिफ लगाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने अन्य व्यापारिक भागीदारों पर 15% से 20% तक के व्यापक टैरिफ लगाने की संभावना भी जताई। उधर, निवेशक अब भी अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते का इंतजार कर रहे हैं।

इस हफ्ते 13 में से 11 प्रमुख सेक्टर गिरे। स्मॉल-कैप और मिड-कैप इंडेक्स क्रमशः 1.4 प्रतिशत और 1.7 फीसदी नीचे आए। इससे उनकी दो हफ्तों की तेजी का सिलसिला टूट गया। हालांकि, इस गिरावट के बीच हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने उल्टा रुख दिखाया। यह स्टॉक इस हफ्ते 7.7% उछला, जो एक साल में इसका सबसे अच्छा प्रदर्शन है। कंपनी ने प्रिय नायर को नया सीईओ नियुक्त किया, जो यूनिलीवर की ही अंदरुनी सदस्य हैं।

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इसके अलावा, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के शेयर शुक्रवार को 14.6% चढ़े। कंपनी की यूनिट ने अमेरिका की AbbVie कंपनी के साथ एक कैंसर ट्रीटमेंट के लिए विशेष लाइसेंसिंग डील साइन की। इसके चलते शेयरों में तेजी देखी गई।

Nifty Outlook

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च का कहना है कि निफ्टी इंडेक्स ने एक बड़ा बियर कैंडल बनाया है। इसमें निचले हाई और निचले लो लेवल लगातार तीसरे सेशन में डिफेंसिव गिरावट के संकेत दे रहे थे। बाजार की गतिविधियां मुख्य रूप से चुनिंदा स्टॉक पर फोकस रही। डेली चार्ट दिखाता है कि इंडेक्स को पिछले 11 सत्रों की बढ़त (24,473-25669) के केवल 38.2% की वापसी करने में 10 सेशन लगे हैं। एक उथला रिट्रेसमेंट एक सकारात्मक स्ट्रक्चरल और संभावित उच्चतर निचले स्तर के फॉर्मेशन का संकेत देता है।

ब्रोकरेज का कहना है, निफ्टी का 24,900-25,100 के बीच एक अहम सपोर्ट जोन है। यह 50-दिवसीय EMA, एक पिछले ब्रेकआउट क्षेत्र और हालिया अपट्रेंड के प्रमुख रिट्रेसमेंट लेवल के संगम को दिखाता है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि इंडेक्स इस सपोर्सट जोन से ऊपर बना रहेगा और आने वाले हफ्तों में 25,500-25,600 की रेंज की ओर बढ़ेगा। इसलिए, मौजूदा गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देखा जा सकता है।

First Published - July 11, 2025 | 4:33 PM IST

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