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ERP ढांचे को मजबूत करने का बाजार नियामक का प्रस्ताव

सबस्क्राइबर-पे मॉडल के तहत सेबी ने प्रस्ताव रखा है कि अगर रेटिंग के लिए कोई सबस्क्राइबर न हो तो ईआरपी उस रेटिंग को वापस ले सकता है।

Last Updated- February 13, 2025 | 10:24 PM IST
SEBI

सेबी ने ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं (ईआरपी) के लिए नियामकीय ढांचा मजबूत बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही में बढ़ोतरी करना है। प्रस्ताव में मुख्य रूप से ईएसजी रेटिंग वापस लेने और रेटिंग के औचित्य के खुलासे पर ध्यान केंद्रित किया गया है। चर्चा पत्र में सेबी ने सबस्क्राइबर-पे और इश्युअर-पे मॉडलों के तहत रेटिंग हटाने हेतु ईआरपी के लिए शर्तों की रूपरेखा सामने रखी है।

सबस्क्राइबर-पे मॉडल के तहत सेबी ने प्रस्ताव रखा है कि अगर रेटिंग के लिए कोई सबस्क्राइबर न हो तो ईआरपी उस रेटिंग को वापस ले सकता है। हालांकि अगर रेटिंग वाली इकाई या साधन सबस्क्राइबर के साथ रेटिंग पैकेज (जैसे निफ्टी-50 इंडेक्स) का हिस्सा है तो फिर रेटिंग वापस नहीं ली जा सकेगी। साथ ही, अगर कोई रेटिंग वापस ली जाती है तो फिर सभी सबस्क्राइबर के लिए रेटिंग वापस होगी। इस बीच, इश्युअर-पे मॉडल के तहत ईआरपी लगातार तीन वर्षों तक प्रतिभूति की रेटिंग करने के बाद या प्रतिभूति की अवधि के 50 फीसदी तक (जो भी अधिक हो) और मूल्य के आधार पर 75 प्रतिशत तक बॉन्डधारकों से मंजूरी मिलने पर रेटिंग वापस ले सकेंगे।

सेबी ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि सब्सक्राइबर-पे मॉडल को अपनाने वाले ईआरपी को विस्तृत रेटिंग का औचित्य और रिपोर्ट केवल सबस्क्राइबरों के साथ साझा करनी चाहिए और उसे अपनी वेबसाइट पर नहीं डालना चाहिए। हालांकि, उन्हें अपनी वेबसाइट पर निर्दिष्ट प्रारूप में दी गई ईएसजी रेटिंग का खुलासा करना होगा। इसके अलावा, स्टॉक एक्सचेंजों को भी अपनी वेबसाइटों पर सूचीबद्ध कंपनियों और प्रतिभूतियों के लिए एक अलग टैब या अनुभाग के तहत ईएसजी रेटिंग को प्रमुखता से रखने के लिए कहा जाएगा।

नियामक ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि श्रेणी-2 ईआरपी के लिए आंतरिक ऑडिट और नामांकन व पारिश्रमिक समिति (एनआरसी) का गठन नए नियमों के जारी होने के दो वर्ष बाद अनिवार्य किया जाएगा। नियामक ने 6 मार्च तक इन प्रस्तावों पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। ईआरपी पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) रेटिंग प्रदान करने वाली संस्थाएं हैं। पिछले साल बाजार नियामक ने ऐसी संस्थाओं के लिए पंजीकरण और ईआरपी लाइसेंस अनिवार्य किया था।

First Published - February 13, 2025 | 10:24 PM IST

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