वित्त मंत्रालय ने आज एक अधिसूचना जारी कर गिफ्ट सिटी में स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने के लिए कंपनियों की न्यूनतम आवश्यक सार्वजनिक शेयरधारिता को मौजूदा 25 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि न्यूनतम सीमा घटाए जाने से भारतीय कंपनियों को वैश्विक पूंजी तक पहुंच बनाने में सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि यह वैश्विक वित्तीय बाजार में भारत की स्थिति मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के जरिये प्रतिभूति अनुबंध विनियमन नियम (एससीआरआर), 1956 में संशोधन किया गया है। यह संशोधन इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विस सेंटर्स (आईएफएससी) के तहत वैश्विक मानकों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होने की चाहत रखने वाली भारतीय कंपनियों के लिए सूचीबद्धता जरूरतों को आसान बनाता है।
आर्थिक मामलों के विभाग ने एक बयान में कहा, ‘एससीआरआर में किया गया संशोधन इस सीमा को घटाकर तेजी से उभरते और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों एवं स्टार्टअप के लिए वैश्विक पूंजी तक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। इससे खास तौर पर उन भारतीय कंपनियों को फायदा होगा जो वैश्विक उड़ान भरना और अन्य बाजारों में अपनी मौजूदगी का विस्तार करना चाहती हैं।’
सरकार ने गिफ्ट-आईएफएससी में कंपनियों को सूचीबद्ध होने में समर्थ बनाने के लिए नियमों को जनवरी में ही अधिसूचित किया था। इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विस सेंटर्स अथॉरिटी (आईएफएससीए) ने अतिरिक्त नियामकीय जरूरतों के लिए मई में जारी परामर्श पत्र पर राय मांगी थी।
एक्वीलॉ की पार्टनर सुहाना इस्लाम मुर्शिद ने कहा, ‘यह एक स्वागत योग्य कदम है। इसका उद्देश्य गिफ्ट-आईएफएससी के भीतर अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर भारतीय कंपनियों की सूचीबद्धता संबंधी जरूरतों को आसान बनाना है। यह एक महत्त्वपूर्ण संशोधन है जो सूचीबद्धता के लिए अनिवार्य न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता की जरूरत को 25 फसदी से घटाकर 10 फीसदी करता है।’
किंग्स ऐंड अलायंस एलएलपी के मैनेजिंग पार्टनर मोहित चौधरी ने कहा, ‘इसके अलावा विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा कि वे अपनी स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। इससे देश में विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ेगा।’
चौधरी ने कहा कि सार्वजनिक शेयर घटने से आम लोगों के लिए उपलब्ध शेयरों की संख्या कम हो जाएगी। शेयर पर इसके कई तरह के प्रभाव दिख सकते हैं। सूचीबद्धता को आसान बनाने करने के लिए आईएफएससी जल्द ही पात्रता शर्तों, खुलासा संबंधी मानकों, नेटवर्थ जरूरतों, लेखांकन आदि मानकों के लिए अंतिम मानदंड जारी करेगा।
नियामक के एक अधिकारी ने कहा, ‘अंतिम मानदंडों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। वे बाजार नियामक सेबी के खुलासा एवं सूचबद्धता मानदंडों एवं जारीकर्ताओं की जरूरतों के भी अनुरूप होंगे।’
आईएफएससीए द्वारा अंतिम दिशानिर्देश इसी सप्ताह जारी होने की उम्मीद है। आईएफएससीए का एक अन्य प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन है जिसके तहत 10 करोड़ डॉलर या इससे कम आकार वाले निर्गम को मंजूरी से छूट देने की बात कही गई है। जून तक तिमाही के दौरान 5 नई मंजूरियों और 22 क्लीयरिंग सदस्यों के साथ करीब 80 ब्रोकर-डीलर आईएफएससी में पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं।