वैश्विक ब्रोकरेज फर्मों सीएलएसए और मॉर्गन स्टैनली ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर पर सतर्क रुख अपनाया है और आगाह किया है कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक चिंताओं की वजह से अल्पावधि परिदृश्य अनिश्चित बना हुआ है। गुरुवार को आईटी सेक्टर को तब दोहरा झटका लगा जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ऊंची मुद्रास्फीति के बीच अर्थव्यवस्था के लिए 2025 का वृद्धि अनुमान पहले के 1.7 प्रतिशत से घटाकर 1.4 प्रतिशत कर दिया।
नतीजतन निफ्टी आईटी इंडेक्स दिन के कारोबार में 1.54 प्रतिशत फिसल गया। ओरेकल फाइनैंशियल सर्विसेज, कॉफोर्ज और एलटीआईमाइंडट्री सबसे ज्यादा गिरने वालों में शामिल रहे जबकि टेक महिंद्रा 2.9 प्रतिशत तक गिर गया। लेकिन विप्रो में 1.4 फीसदी की तेजी आई क्योंकि मॉर्गन स्टैनली ने इसकी रेटिंग अंडरवेट से बदलकर इक्वल-वेट कर दी है और लक्ष्य भी बढ़ाकर 265 रुपये कर दिया है। इस साल जनवरी से आईटी सूचकांक 11 फीसदी गिर चुका है जबकि निफ्टी 50 करीब 5 फीसदी बढ़ा है।
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सीएलएसए ने कहा कि भारतीय आईटी फर्म ‘सतर्क आशावाद’ दिखा रही हैं क्योंकि डिस्क्रेशनरी खर्च मोटे तौर पर नहीं बदला है, जबकि लागत अनुकूलन पर ध्यान बढ़ गया है। ब्रोकरेज को आने वाली तिमाहियों में वी-आकार की रिकवरी की उम्मीद है, हालांकि अल्पावधि दृष्टिकोण चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
सीएलएसए को वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ऑर्डर बुकिंग में मजबूत तेजी की उम्मीद है। साथ ही ऑडर संभावना पर सकारात्मक टिप्पणी की भी उम्मीद है। उसने कहा कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और विप्रो सभी ने हाल के महीनों में बड़ी संख्या में बड़े अनुबंध हासिल किए हैं। हालांकि, व्यापक रूप से डिस्क्रेशनरी मांग कम बनी हुई है।
सीएलएसए ने कहा, ‘विशेष रूप से, रिटेल और ऑटो क्षेत्र टैरिफ से संबंधित अनिश्चितताओं की वजह से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। हेल्थकेयर, निर्माण, हाई-टेक और दूरसंचार जैसे अन्य क्षेत्र हाल के रुझानों के अनुरूप लगातार सुस्त मांग से जूझते दिखेंगे।’
मॉर्गन स्टैनली में विश्लेषक गौरव रातेरिया अभी भी अधिकांश कंपनियों के लिए दो वर्षों की सुस्त राजस्व वृद्धि के अपने पूर्वानुमान पर कायम हैं। उन्होंने अपनी ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘हमारा मानना है कि किसी भी तेजी का इस्तेमाल बिकवाली के अच्छे अवसर के रूप में किया जाना चाहिए।’
मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि वैश्विक और भारतीय आईटी फर्मों की टिप्पणियों से पता चलता है कि खर्च में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है और जून 2025 तिमाही उम्मीद से थोड़ी बेहतर रही। ब्रोकरेज का मानना है कि अप्रैल के निचले स्तर (शेयर की कीमतों में) के बाद से हालिया रिकवरी दर्शाती है कि थोड़े बेहतर हालात का कीमतों में असर दिखा है।
मॉर्गन स्टैनली ने कहा है, ‘मूल्यांकन पांच वर्षीय औसत से नीचे हैं। लेकिन सुस्त मांग की वजह से आकर्षक नहीं हैं। सेंसेक्स और एक्सेंचर की तुलना में वे उचित लग रहे हैं। हालांकि री-रेटिंग के लिए प्रमुख कारकों का अभाव है। अप्रैल के निचले स्तर के बाद से शेयर कीमतों में तेजी आई है, जिससे पोर्टफोलियो को बदलने का अवसर मिला है।’ मॉर्गन स्टैनली ने टेक महिंद्रा को ‘अंडरवेट’ और विप्रो को ‘ओवरवेट’ रेटिंग दी है।
सीएलएसए और मॉर्गन स्टैनली की चिंताओं के बावजूद जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह 12 महीने के नजरिए से आईटी शेयरों पर उत्साहित बने हुए हैं। उनका मानना है कि आईटी शेयरों में ताजा तेजी के बाद और अमेरिका से खबरों के बीच अल्पावधि में अस्पष्टता दिख रही है। शाह को उम्मीद है कि लंबे समय में (12 महीने) निफ्टी आईटी सूचकांक 12-15 प्रतिशत रिटर्न देगा और निफ्टी-50 से बेहतर प्रदर्शन करेगा।