IFCI Share Price: भारत के सबसे पुराने फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के शेयरों में इन दिनों शानदार तेजी देखने को मिल रही है। कंपनी के शेयर हाल ही में 15 जुलाई को 1 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 79 रुपये पर पहुंच गए थे। वहीं, एक साल का लो देखा जाए तो 27 जून को इसके शेयर 59 रुपये पर ट्रेड किए थे। साल 2015 में भारत सरकार ने तरहीजी शेयरों (preferential shares) के जरिये 6 करोड़ शेयर खरीदकर इसे पब्लिक सेक्टर कंपनी (PSU) का दर्जा दिला दिया था।
एक साल पहले यानी पिछले साल इसी अवधि के दौरान गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के शेयर 12 रुपये के करीब ट्रेड कर रहे थे, मगर अब इसके शेयरों में शानदार उछाल देखने को मिला है। आज यानी 19 जुलाई 2024 को इस मल्टीबैगर स्टॉक के शेयर NSE पर 4.31 % की गिरावट के साथ बंद हुए, वहीं, एक कारोबारी सप्ताह का आंकड़ा देखा जाए तो इसके शेयरों में करीब 2 फीसदी की गिरावट आई है।
मगर एक महीने महीने का डेटा देखा जाए तो इस NBFC के शेयरों में करीब 10 फीसदी का उछाल आया है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसी कौन सी कंपनी है जिसकी बात हो रही है तो बता दें कि इस कंपनी का नाम है IFCI (Industrial Finance Corporation of India)। आज की क्लोजिंग प्राइस से तुलना करें तो IFCI के शेयरों ने पिछले एक साल में करीब 440 फीसदी का रिटर्न दिया है।
वहीं 6 महीने में NBFC के शेयरों ने करीब 115 फीसदी का रिटर्न दिया है। 3 साल का डेटा देखें तो IFCI की शेयर प्राइस 350 फीसदी से ज्यादा चढ़ गई है।
31 मार्च 2024 तक के डेटा के मुताबिक, इस कंपनी में 70.32 फीसदी हिस्सेदारी भारत सरकार की है। जबकि, IFCI की अन्य शेयरहोल्डिंग की बात करें तो विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) ने 2.70 फीसदी के करीब शेयर रखते हैं।
अप्रैल 2024 में IFCI ने बताया था कि कंपनी ने सरकार को प्रेफेरेंसियल बेसिस पर इक्विटी शेयर जारी करके 500 करोड़ रुपये की कैपिटल जुटाई है।
कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक IFCI सभी क्षेत्रों में उद्योगों के डाइवर्सीफाइड ग्रोथ के लिए वित्तीय मदद प्रदान करती है। कंपनी की फंडिंग कई तरह के प्रोजेक्ट्स जैसे एयरपोर्ट, सड़क, टेलीकॉम, बिजली, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर जैसी इंडस्ट्री को होती है। 1948 में शुरू हुई कंपनी IFCI ने 75 सालों के दौरान, अडानी मुंद्रा पोर्ट्स, जीएमआर गोवा इंटरनेशनल एयरपोर्ट GMR Goa International Airport), सालासर हाईवे (Salasar Highways) जैसे कुछ मेगा प्रोजेक्ट्स की फंडिंग की है।
अगर IFCI के फाइनेंशियल आंकड़े देखें तो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून तिमाही के परिणाम के लिए अभी कुछ दिनों का इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि अभी कंपनी ने Q1FY25 के लिए रिजल्ट्स जारी नहीं किए हैं। मगर, पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही यानी Q4FY24 (31 मार्च 2024 तक) के डेटा को देखा जाए तो IFCI का रेवेन्यू Q4FY24 में सालाना आधार पर (YoY) 33.5% बढ़कर 133.32 करोड़ रुपये हो गई थी। सबसे दिलचस्प बात यह थी कि ICFI पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि (Q1FY23) में ₹254.85 करोड़ के घाटे से उबरने में कामयाब रही थी।
ऑपरेटिंग इनकम में तिमाही आधार पर (QoQ) 9036.19% और सालाना आधार पर 144.06% की शानदार बढ़ोतरी हुई थी। यह कंपनी की ऑपरेशन एफिसिएंसी की मजबूती को दर्शाती है।