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कांग्रेस के आरोप पर आया ICICI Bank का बयान, SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को सैलरी दिए जाने पर कही ये बात

ICICI Bank ने कहा कि उसने मौजूदा सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को बैंक से रिटायर होने के बाद कोई वेतन नहीं दिया या कर्मचारी स्टॉक ऑप्शन की सुविधा दी।

Last Updated- September 02, 2024 | 8:21 PM IST
ICICI Bank's statement came on Congress's allegation, said this on salary being given to SEBI chairperson Madhabi Puri Buch कांग्रेस के आरोप पर आया ICICI Bank का बयान, SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को सैलरी दिए जाने पर कही ये बात

ICICI Bank statement on SEBI Chairperson: अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को लेकर विवाद खत्म नहीं हो रहा है। आज इस विवाद ने  तब एक नया रूप लिया जब कांग्रेस ने बुच की सैलरी को लेकर विवाद खड़ा कर दिया। इसके बाद भारत के दूसरे सबसे बड़े बैंक ICICI Bank तक को जवाब तक देना पड़ा।

कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए ICICI Bank ने आज यानी 2 सितंबर को कहा कि उसने मौजूदा मार्केट रेगुलेटर यानी सेबी की हेड माधबी पुरी बुच को बैंक से रिटायर होने के बाद न कोई वेतन दिया और न ही कर्मचारी स्टॉक ऑप्शन की सुविधा दी। ICICI Bank ने कांग्रेस के ESOP और सैलरी वाले आरोप को खारिज करते हुए कहा कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच अक्टूबर 31 अक्टूबर 2013 में बैंक से रिटायर हो गईं। उसके बाद से उन्हें कोई वेतन भुगतान नहीं किया गया है और न ही कोई ESOP दिया गया है।

बता दें कि ESOP (Employee Stock Ownersip Plan) का मतलब होता है कि कंपनी अपने कर्मचारी को कुछ स्टॉक की ओनरशिप देती है। बैंक ने अपने बयान में कहा कि बुच को उनकी नौकरी के दौरान लागू नीतियों के हिसाब से वेतन, रिटायरमेंट बेनिफिट, बोनस और ESOP के रूप में मुआवजा मिला।

कब मिलता है ESOP, क्या थे उस समय नियम

ICICI Bank ने कहा, ‘बैंक के ESOP नियमों के तहत, ESOP आवंटन की तारीख (ESOP allotment date) से अगले कुछ सालों के तक दी जाती है। उस समय लागू नियमों के अनुसार, कर्मचारियों (जिनमें रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल हैं) के पास ESOP अलॉट होने के बाद 10 सालों तक कभी भी अपने ESOP का उपयोग कर सकने का विकल्प होता है।

गौरतलब है कि जब आपका नियोक्ता (employer) आपके मूल वेतन या मजदूरी के साथ अतिरिक्त लाभ और अन्य लाभ प्रदान करता है, तो उन्हें इनकम टैक्स में प्रीरिक्विजिट यानी अनुलाभ कहते हैं।

कांग्रेस का क्या है आरोप, जो ICICI Bank ने दी सफाई

ICICI Bank की तरफ से यह सफाई तब आई है जब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आज एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि 2017 में सेबी की मौजूदा चेयरमैन के पदभार संभालने के बाद से बुच सेबी से वेतन ले रही हैं और साथ ही साथ आईसीआईसीआई बैंक में लाभ के पद पर भी हैं और वहां से भी आज की तारीख में आय हासिल कर रही हैं। जो नियमों के खिलाफ है।

कांग्रेस ने SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के नए आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी नियुक्ति के मामले में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) के प्रमुख के रूप में स्पष्टीकरण देने की मांग की।

कांग्रेस ने SEBI चीफ माधबी पुरी बुच क्या दिया बयान

आज कांग्रेस के प्रभारी महासचिव (General Secretary in charge of Congress) जयराम रमेश ने कहा कि अदाणी समूह (Adani Group) की तरफ से सिक्योरिटीज कानूनों के उल्लंघन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की जांच में सेबी चेयरपर्सन के हितों के टकराव को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘ऐसा लगता है कि इन सवालों को भारत सरकार ने यूं ही नजरअंदाज कर दिया है। अब चौंकाने वाले कदाचार (misconduct) का यह ताजा खुलासा हुआ है।’

कांग्रेस ने SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के नए आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी नियुक्ति के मामले में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) के प्रमुख के रूप में स्पष्टीकरण देने की मांग की।

कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के हेड पवन खेड़ा ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि माधवी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक सेबी की पूर्णकालिक सदस्य (full time member) थीं और 2 मार्च, 2022 से इसकी चेयरपर्सन हैं। कांग्रेस ने अपने आरोपों को लेकर एक प्रेस रिलीज भी जारी की।

खेड़ा ने दावा किया कि साल 2017-2021 के बीच, सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में, सेबी की मौजूदा चेयरपर्सन को ICICI Bank से 12.63 करोड़ रुपये की सैलरी मिली। यह सेबी (कर्मचारी सेवा) नियमन, 2001 की धारा 54 का उल्लंघन है।

खेड़ा ने आरोप लगाया कि साल 2017-2024 के बीच, पूर्णकालिक सदस्य के रूप में और बाद में सेबी अध्यक्ष के रूप में, उन्हें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI Prudential) से 22.41 लाख रुपये की कमाई हुई। यह भी सेबी (कर्मचारी सेवा) नियमन, 2001 की धारा 54 {(Section 54 of the SEBI (Employees’ Service) Regulations, 2001, (Annexure 2) section 5 of SEBI’s Code on Conflict of Interests for Board Members (2008)} का उल्लंघन है।

ESOP दिए जाने पर कांग्रेस ने क्या लगाया आरोप

उन्होंने कहा कि साल 2021-2023 के बीच, मैजूदा सेबी चेयरपर्सन को ICICI Bank से 2.84 करोड़ रुपये का ESOP भी प्राप्त हुआ। खेड़ा ने आरोप लगाया और कहा कि यह आईसीआईसीआई कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना 2000 की धारा 10 का उल्लंघन है।

उन्होंने आरोप लगाया कि 2021-2023 के बीच, मौजूदा सेबी अध्यक्ष (SEBI Chairperson) को ESOP पर TDS भी मिला था, जिसका भुगतान ICICI Bank की तरफ से 1.10 करोड़ रुपये किया गया था। खेड़ा ने कहा कि TDS की राशि वेतन के तहत ली जाती है और यह एक बार फिर सेबी की आचार संहिता का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा, ‘यह इनकम टैक्स चोरी का मामला है क्योंकि ICICI Bank की तरफ से ESOP पर TDS के रूप में भुगतान किया जाना एक शर्त है और इस पर भी टैक्स लगाया जाना चाहिए। यह कर चोरी 50 लाख रुपये है।’’

कांग्रेस ने एक बयान में आरोप लगाया कि 2017 में सेबी में शामिल होने के समय से अब तक ICICI से सेबी चेयरपर्सन को प्राप्त कुल रकम 16,80,22,143 रुपये है, जो इसी अवधि के दौरान सेबी से प्राप्त आय का 5.09 गुना यानी 3,30,28,246 रुपये है।

First Published - September 2, 2024 | 7:21 PM IST

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