शेयर बाजार

बाजार हलचल: FPI की बिकवाली से सूचकांकों पर दबाव, IPOs के लिए हलचल वाला हफ्ता

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की नए सिरे से बिकवाली के दबाव में बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी पिछले हफ्ते 0.9 फीसदी गिर गए

Published by
सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- November 09, 2025 | 9:47 PM IST

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की नए सिरे से बिकवाली के दबाव में बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी पिछले हफ्ते 0.9 फीसदी गिर गए। अक्टूबर में करीब 10,000 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी के बाद नवंबर में एफपीआई ने अब तक 12,569 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च के पूर्व प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, एफपीआई सेकंडरी बाजार के उन क्षेत्रों में मुनाफावसूली कर रहे हैं, जहां मूल्यांकन बढ़ा हुआ दिख रहा है जबकि प्राथमिक बाजार में चुनिंदा भागीदारी कर रहे हैं। साल का अंत करीब आने के साथ कुछ बिकवाली मुनाफावसूली से भी जुड़ी हो सकती है।

हालांकि यह थोड़ी जल्दी है। उन्होंने कहा, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते में कामयाबी विदेशी निवेशकों की वापसी का मुख्य कारण होगी। अगर ऐसा होता है तो अभी चुप बैठे कई एफपीआई खरीदारी फिर से शुरू कर सकते हैं।

आईपीओ के लिए हलचल वाला हफ्ता

प्राथमिक बाजार में हलचल वाले एक और सप्ताह की उम्मीद है। इस दौरान चार आईपीओ आने वाले हैं – टेनेको क्लीन एयर इंडिया, फिजिक्स वाला, एमवी फोटोवोल्टिक पावर और फुजियामा पावर सिस्टम। टेनेको को अपने निर्गम मूल्य पर करीब 16 प्रतिशत का ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) मिल रहा है।

एमवी पर जीएमपी करीब 10 फीसदी है। अन्य दो आईपीओ की मांग मामूली है और उनका प्रीमियम 10 फीसदी से कम है। एक आईपीओ विश्लेषक ने कहा, हाल में कुछ हाई-प्रोफाइल आईपीओ में ग्रे मार्केट के रुझानों और वास्तविक लिस्टिंग लाभ के बीच कुछ अंतर देखा गया है। हफ्ते दर हफ्ते नए निर्गम आने से निवेशकों में निराशा देखी जा रही है।

बीएसई में उछाल

बीएसई के शेयरों में अक्टूबर से अब तक 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। साप्ताहिक डेरिवेटिव अनुबंधों पर संभावित प्रतिबंधों की चिंता कम होने और डेरिवेटिव की एक्सपायरी तारीख को एनएसई के अनुरूप हो जाने के बावजूद बाजार हिस्सेदारी में लगातार बढ़ोतरी से इसमें मदद मिली है।

यह शेयर डेरिवेटिव ट्रेडिंग में नियामकीय बदलावों के प्रति अभी भी संवेदनशील है। इस शेयर में तब और तेज़ी आई, जब नियामक ने संकेत दिया कि अभी लंबी अवधि के अनुबंधों की ओर रुख़ करना संभव नहीं है। इस उछाल के बाद भी बीएसई के शेयर अपने उच्चतम स्तर से 10 फीसदी से ज्यादा नीचे बने हुए हैं।

First Published : November 9, 2025 | 9:47 PM IST