शेयर बाजार

विदेशी निवेशकों की नहीं थम रही बिकवाली, मार्च में अब तक ₹30,000 करोड़ निकाले; ट्रंप के ट्रेड वॉर ने बढ़ाई चिंता

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस तरह 2025 में अबतक एफपीआई भारतीय शेयर बाजार से कुल 1.42 लाख करोड़ रुपये (16.5 अरब अमेरिकी डॉलर) निकाल चुके हैं।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- March 16, 2025 | 11:20 AM IST

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की भारतीय शेयर बाजारों से निकासी थमने का नाम नहीं ले रही है। ग्लोबल ट्रेड को लेकर तनाव बढ़ने के बीच एफपीआई ने मार्च के पहले पखवाड़े यानी 15 दिनों में भारतीय शेयर बाजारों से 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाली है। इससे पहले फरवरी में विदेशी निवेशकों ने बाजारों से 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस तरह 2025 में अबतक एफपीआई भारतीय शेयर बाजार से कुल 1.42 लाख करोड़ रुपये (16.5 अरब अमेरिकी डॉलर) निकाल चुके हैं।

FPIs की लगातार 14वें सप्ताह बिकवाली

आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs ) ने इस महीने (13 मार्च तक) भारतीय शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 30,015 करोड़ रुपये निकाले हैं। यह उनकी शुद्ध निकासी का लगातार 14वां सप्ताह है। कई वैश्विक और घरेलू कारकों से एफपीआई काफी समय से लगातार बिकवाली कर रहे हैं।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में अमेरिका की व्यापार नीतियों को लेकर जो अनिश्चितता चल रही है, उससे वैश्विक स्तर पर जोखिम लेने की क्षमता प्रभावित हुई है। ऐसे में एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों को लेकर सतर्कता का रुख अपना रहे हैं।’’

एफपीआई की निकासी को बढ़ावा देने वाले अन्य प्रमुख कारक अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में उछाल और डॉलर की मजबूती है। इसने अमेरिकी परिसंपत्तियों को और अधिक आकर्षक बना दिया है। साथ ही, भारतीय रुपये में गिरावट ने इस प्रवृत्ति को और बढ़ा दिया है, क्योंकि यह विदेशी निवेशकों के लिए रिटर्न को कम करता है।

चीन के शेयरों में लगा रहे पैसा

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि भारत से एफपीआई पैसे निकाल कर चीन के शेयरों में लगा रहे हैं। चीन के शेयर बाजारों का प्रदर्शन अन्य बाजारों से बेहतर है।

उन्होंने कहा, ‘‘डॉलर इंडेक्स में हालिया गिरावट अमेरिका में ट्रेजरी के फ्लो को सीमित करेगी। हालांकि, अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापार युद्ध से उत्पन्न अनिश्चितता के कारण सोने और डॉलर जैसी सुरक्षित एसेट वर्गों में अधिक निवेश जाने की संभावना है।’’

आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में बॉन्ड में सामान्य सीमा के तहत 7,355 करोड़ रुपये का निवेश किया है और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 325 करोड़ रुपये निकाले हैं। एफपीआई का 2024 में भारतीय बाजार में निवेश काफी कम होकर 427 करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले 2023 में उन्होंने भारतीय बाजार में 1.71 लाख करोड़ रुपये डाले थे, जबकि 2022 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि के बीच 1.21 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी।

 

(पीटीआई के इनपुट के साथ)

First Published : March 16, 2025 | 11:20 AM IST