शेयर बाजार के मंदड़ियों के लिए कीमतें गिराने का एक और कारण है। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के बाद आय अपग्रेड और डाउनग्रेड का अनुपात पांच साल से ज्यादा की अवधि (22 तिमाहियों) में सबसे खराब रहा है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) के एक विश्लेषण के अनुसार यह अनुपात 0.3 गुना रहा जो वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही के बाद सबसे कम है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई एक कंपनी जिसकी अनुमानित आय (वित्त वर्ष 2026 या वित्त वर्ष 27 के लिए) को अपग्रेड किया गया था, तो उसकी तुलना में लगभग चार कंपनियों की आय में डाउनग्रेड देखा गया।
एमओएफएसएल ने हाल में एक रिपोर्ट में कहा है, ‘अर्निंग अपग्रेड और डाउनग्रेड का अनुपात वित्त वर्ष 2026 (अनुमानित) के लिए काफी कमजोर हुआ है। 37 कंपनियों के आय अनुमान 3 प्रतिशत तक बढ़ाए गए जबकि 137 कंपनियों के आय अनुमान 3 प्रतिशत से ज्यादा घटाए गए।’ ये डाउनग्रेड इसके बाद हुए जब अनुमान से बेहतर प्रदर्शन करने वाली कंपनियों की तुलना में खराब प्रदर्शन करने वाली कंपनियों की संख्या ज्यादा रही है। एमओएफएसएल के दायरे में शामिल लगभग 44 प्रतिशत कंपनियां अनुमानों पर खरी उतरने में नाकाम रहीं। केवल 28 प्रतिशत ने कर बाद लाभ (पीएटी) स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया।
निफ्टी-50 सूचकांक की कंपनियों ने महामारी के बाद से लगातार तीसरी तिमाही में एक अंक में पीएटी वृद्धि दर्ज की। निफ्टी की पांच कंपनियों – भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, हिंडाल्को और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आय वृद्धि में ज्यादा योगदान दिया। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2026 के लिए निफ्टी का प्रति शेयर आय (ईपीएस) अनुमान 1.4 प्रतिशत घटाकर 1,203 रुपये कर दिया गया, जिसका मुख्य कारण ओएनजीसी, एचडीएफसी बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, ऐक्सिस बैंक और एसबीआई में डाउनग्रेड है। वित्त वर्ष 2027 का ईपीएस अनुमान भी 1.8 फीसदी तक घटाकर 1,373 रुपये किया गया, जिसकी वजह एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, ओएनजीसी, टाटा स्टील और रिलायंस इंडस्ट्रीज का डाउनग्रेड है।
सेक्टोरल आधार पर देखें तो बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई), टेक्नोलॉजी, दूरसंचार, हेल्थकेयर, पूंजीगत वस्तु और रियल एस्टेट क्षेत्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि संपूर्ण प्रदर्शन वैश्विक जिंस क्षेत्र, खासकर धातु और तेल एवं गैस से प्रभावित हुआ। मार्केट सेगमेंट की बात करें तो लार्जकैप कंपनियों (कुल 84) ने अनुमान के मुताबिक सालाना आधार पर 5 प्रतिशत की आय वृद्धि दर्ज की।
एमओएफएसएल के अनुसार मिडकैप कंपनियों (कुल 87) ने 26 प्रतिशत आय वृद्धि हासिल करते हुए सबसे अलग प्रदर्शन किया। इसके विपरीत, स्मॉलकैप कंपनियों (कुल 121) ने बड़ी तादाद में अनुमान से कमजोर प्रदर्शन किया क्योंकि इस सेगमेंट की आय में 24 प्रतिशत की
गिरावट आई।