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Apollo Hospitals Block Deal: अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज की प्रमोटर और मैनेजिंग डायरेक्टर सुनीता रेड्डी ने शुक्रवार को ब्लॉक डील के जरिए कंपनी में अपनी 1.3 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर ₹1,489 करोड़ जुटाए। इस डील के बाद कंपनी में प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी 29.3 फीसदी से घटकर 28 फीसदी रह जाएगी। साथ ही प्रमोटर ग्रुप की कुल होल्डिंग में से गिरवी शेयरों का अनुपात 13.1 फीसदी से घटकर सिर्फ 2 फीसदी रह जाएगा।
अपोलो हॉस्पिटल्स ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि प्रमोटर ग्रुप की ओर से सुनीता रेड्डी ने 1,897,239 इक्विटी शेयर बेचे, जो अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज की 1.3 फीसदी हिस्सेदारी है। यह ब्लॉक डील स्टॉक एक्सचेंज पर ₹7,850 प्रति शेयर की दर से हुई, जो गुरुवार के क्लोजिंग प्राइस ₹7,925 से करीब 1 फीसदी कम थी। बता दें, सुनीता रेड्डी की बहनें प्रीता रेड्डी, शोभना कामिनेनी और संगीता रेड्डी क्रमशः 0.73%, 1.56% और 1.69% हिस्सेदारी कंपनी में रखती हैं।
कंपनी ने बताया कि इस बिक्री से प्राप्त राशि का इस्तेमाल प्रमोटर ग्रुप के बकाया कर्ज को घटाने में किया जाएगा। मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी इस डील में सेलिंग ब्रोकर रही। कंपनी की ओर से कहा गया, “प्रमोटर ग्रुप अपोलो हॉस्पिटल्स, अपोलो हेल्थ कंपनी और अपोलो हेल्थ एंड लाइफस्टाइल के विकास पर पूरी तरह फोकस बनाए हुए है और हर भारतीय को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। फिलहाल प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी और घटाने की कोई योजना नहीं है।”
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शेयर बाजार में शुक्रवार को अपोलो हॉस्पिटल्स में मामूली गिरावट के साथ 7895 रुपये पर कारोबार की शुरुआत हुई। हालांकि ब्लॉक डील की खबर के बाद शेयर में रिकवरी आई और BSE दोपहर 1:15 बजे तक के कारोबारी में करीब 0.7 फीसदी उछलकर 7981.20 रुपये का डे-हाई बनाया। जोकि स्टॉक का 52 हफ्ते का नया हाई है। BSE टॉप 100 में शामिल इस शेयर का मार्केट कैप 1.14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।
Apollo Hospitals ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में शुद्ध लाभ में 42 फीसदी की बढ़त दर्ज की है। कंपनी का नेट प्रॉफिट ₹305.2 करोड़ (पिछले साल) से बढ़कर ₹432.8 करोड़ हो गया।
इस अवधि में कंपनी की कंसोलिडेटेड आय 15 फीसदी बढ़कर ₹5,842.1 करोड़ रही, जो पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च FY24) में ₹5,085.6 करोड़ थी। EBITDA ₹852 करोड़ रहा, जबकि FY25 की पहली तिमाही में यह ₹675 करोड़ था। प्रॉफिट बढ़ने का कारण हेल्थकेयर सर्विसेज, रिटेल हेल्थकेयर, डायग्नॉस्टिक्स, डिजिटल और फार्मा डिस्ट्रीब्यूशन का मजबूत प्रदर्शन बताया गया।
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30 जून तक अपोलो हॉस्पिटल्स के पास नेटवर्क में (AHLL और मैनेज्ड बेड्स को छोड़कर) 8,030 ऑपरेटिंग बेड्स थे। अस्पतालों की कुल ऑक्यूपेंसी इस दौरान 65 फीसदी रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 68 फीसदी थी। कंपनी ने अगले पांच साल में 4,300 से अधिक बेड जोड़ने और ₹7,600 करोड़ से अधिक निवेश योजना का ऐलान किया है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म अपोलो 24/7 ने तिमाही में ₹682 करोड़ से अधिक का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) हासिल किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि टेली-कंसल्टेशन, लैब और फार्मेसी डिलीवरी की मजबूत मांग बनी हुई है।