राजस्व लक्ष्य में करीब 50 फीसदी कमी और नए पूंजीगत व्यय पर रोक की अदाणी समूह की योजना आज खबरों में रही, जिससे समूह के शेयरों में खासी गिरावट देखी गई। अदाणी समूह की दसों कंपनियों के शेयर 3 से 7 फीसदी लुढ़ककर बंद हुए और 6 कंपनियों के शेयर निचले सर्किट पर बंद हुए।
हालांकि समूह ने निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उसका नकदी प्रवाह मजबूत बना हुआ है और कारोबारी योजना के लिए भी पर्याप्त धन है।
अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर सुबह के कारोबार में 10 फीसदी तक गोता खा गया था और बाद में थोड़ी वापसी करते हुए 7.03 फीसदी की गिरावट के साथ 1,717 रुपये पर बंद हुआ। अदाणी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स 5-5 फीसदी नुकसान पर और एसीसी 3 फीसदी गिरावट पर बंद हुए। समूह की बाकी कंपनियों के शेयर 5 फीसदी गिरकर निचले सर्किट पर बंद हुए।
अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अदाणी समूह पर शेयर भाव में हेरफेर तथा फर्जीवाड़े के आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद 24 जनवरी से ही समूह के शेयर पिट रहे हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह की सूचीबद्ध सात प्रमुख कंपनियों का मूल्यांकन काफी ज्यादा है और फंडामेटल के हिसाब से इसे 85 फीसदी कम होना चाहिए।
हिंडनबर्ग का एक आरोप यह भी है कि अदाणी की प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों पर काफी कर्ज है और बढ़े हुए भाव पर शेयर गिरवी रखकर कर्ज लिया गया है, जिससे पूरे समूह की वित्तीय हालत अनिश्चितता में पड़ जाती है।
रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद से अदाणी समूह का बाजार पूंजीकरण करीब 10.2 लाख करोड़ रुपये तक घट गया है।
पिछले हफ्ते वैश्विक रेटिंग फर्म मूडीज ने अदाणी की कुछ कंपनियों के लिए अनुमान कम कर दिया था। एमएससीआई ने भी कहा कि वह अपने सूचकांक में अदाणी की चार कंपनियों के भारांश कम करेगा। एमएससीआई का बदलाव फरवरी अंत तक प्रभावी होगी और इससे शेयरों की बिकवाली बढ़ने की आशंका है। कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट के कारण समूह को अदाणी एंटरप्राइजेज का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) पूरी तरह सब्सक्राइब होने के बाद भी वापस लेना पड़ा।
निवेशकों की चिंता दूर करने के मकसद से अदाणी समूह के प्रवर्तकों ने 1.1 अरब डॉलर का कर्ज समय से पहले चुका दिया और तीन कंपनियों – अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी पोर्ट्स और अदाणी ट्रांसमिशन के गिरवी शेयर छुड़ा लिए। यह कर्ज अगले साल सितंबर में चुकाया जाना था। कर्ज घटाने की कवायद से पिछले हफ्ते समूह के शेयरों ने अच्छी वापसी की थी लेकिन MSCI के फैसले से बिकवाली फिर हावी हो गई।
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि अदाणी के शेयरों में उठापटक तब तक चलती रहेगी, जब तक समूह के बारे में नकारात्मक खबरें बंद नहीं होतीं या नियामक उसे पाक-साफ करार नहीं देता।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘किसी भी नकारात्मक खबर का समूह के शेयरों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। हालांकि गिरावट के कारण कुछ कंपनियों खास तौर पर बंदरगाह और सीमेंट कंपनियों के शेयर वाजिब मूल्य पर आ गए हैं। आगे इन शेयरों में थोड़ी लिवाली देखी जा सकती है।’
केआर चोकसी होल्डिंग्स के संस्थापक एवं प्रवर्तक देवेन चोकसी ने कहा कि बाजार नियामक के बयान समूह के शेयरों की के लिए अहम हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘धारणा नकारात्मक बनी हुई है और नियामक की ओर से कोई बयान भी नहीं आया है कि कंपनी में कुछ गड़बड़ नहीं है। यह अप्रत्याशित स्थिति है क्योंकि निवेशकों की पूंजी डूबी है।’