बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नए फंड ऑफर (NFO) की नियामक फाइलिंग प्रक्रिया में बदलाव के प्रस्ताव पेश किए हैं। यह बदलाव घरेलू म्यूचुअल फंड (MF) उद्योग, जिसका आकार 67 लाख करोड़ रुपये है, की इनोवेटिव योजनाओं की सुरक्षा और पारदर्शिता के बीच संतुलन बनाने के लिए किए जा रहे हैं।
वर्तमान में, एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को NFO की शुरुआत से पहले ड्राफ्ट स्कीम इंफॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) को सार्वजनिक रूप से अपलोड करना होता है, जिसमें नए फंड से संबंधित सभी जरूरी जानकारी शामिल होती है। हालांकि, इस व्यवस्था को लेकर चिंता जताई गई है कि इससे प्रतिस्पर्धी निवेश योजनाओं की नकल कर सकते हैं।
सेबी ने एक परामर्श पत्र जारी करते हुए प्रस्ताव रखा है कि AMCs को शुरुआती ड्राफ्ट SID सिर्फ सेबी के पास जमा करना होगा और NFO के लॉन्च से पांच दिन पहले ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा। सेबी ने कहा, “ऐसा देखा गया है कि जब किसी नई योजना का ड्राफ्ट SID सेबी की वेबसाइट पर अपलोड होता है, तो अन्य AMCs भी उसी तरह की योजना लॉन्च कर देती हैं। इससे कई बार वह AMC, जिसने योजना का विचार पहले किया था, अपनी पहली-मूवर बढ़त खो देती है।”
सेबी ने इस पर उद्योग से 20 नवंबर तक प्रतिक्रिया मांगी है।
इक्विटी बाजार की सकारात्मक स्थिति को देखते हुए, हाल के महीनों में कई फंड हाउसों ने नए इक्विटी NFO लॉन्च किए हैं। मई से अगस्त के बीच 28 नई योजनाएं लॉन्च हुई हैं, जिनसे कुल 58,612 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
सेबी ने पिछले एक साल में NFO को मंजूरी देने की प्रक्रिया को भी तेज किया है। अब ज्यादातर मामलों में NFO फाइलिंग के 21 दिनों के भीतर मंजूरी पत्र जारी कर दिया जाता है, जबकि पहले यह प्रक्रिया एक से दो महीने तक चलती थी। विशेषज्ञों के अनुसार, मंजूरी प्रक्रिया में तेजी से फंड हाउसों को अपने उत्पादों की लॉन्चिंग को बेहतर ढंग से समयबद्ध करने में मदद मिली है।