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ICICI Prudential AMC ने पहले दिन ही बाजार में मचाया धमाल, बना सबसे कीमती शेयर

दिन के कारोबार में शेयर 2,663 रुपये के ऊंचे स्तर पर पहुंचा और आखिर में निर्गम कीमत 2,165 रुपये के मुकाबले 411 रुपये या 19 फीसदी की तेजी के साथ 2,576 रुपये पर बंद हुआ

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समी मोडक   
Last Updated- December 19, 2025 | 9:34 PM IST

आईसीआईसीआई प्रू एएमसी शुक्रवार को अपने पहले कारोबारी दिन 23 फीसदी से ज्यादा उछल गया। निवेशकों ने घरेलू बचत के पारंपरिक परिसंपत्तियों से इक्विटी में जाने के मौजूदा रुझान को देखते हुए इस पर दांव लगाना पसंद किया है। दिन के कारोबार में शेयर 2,663 रुपये के ऊंचे स्तर पर पहुंचा और आखिर में निर्गम कीमत 2,165 रुपये के मुकाबले 411 रुपये या 19 फीसदी की तेजी के साथ 2,576 रुपये पर बंद हुआ।  

बंद भाव के हिसाब से आईसीआईसीआई प्रू एएमसी का बाजार पूंजीकरण 1.27 लाख करोड़ रुपये था। इस कारण यह भारत के पूंजी बाजार तंत्र में सबसे मूल्यवान शेयर बन गया। उसने अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी एचडीएफसी एएमसी को पीछे छोड़ दिया जिसकी मौजूदा वैल्यू 1.14 लाख करोड़ रुपये है।

परिसंपत्ति प्रबंधक के 10,602 करोड़ रुपये के आईपीओ की जबरदस्त मांग थी। इस वजह से उसकी शानदार लिस्टिंग हुई। इस आईपीओ को लगभग 40 गुना सब्सक्राइब किया गया और करीब 3 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं। यह इश्यू पूरी तरह से ब्रिटेन की प्रूडेंशियल पीएलसी (जो आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी का संयुक्त उपक्रम साझेदार है) का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) था।

कंपनी ने अपने शेयरों की कीमत वित्त वर्ष 2025 की कमाई के लगभग 40 गुना रखी थी, जो एचडीएफसी एएमसी और निप्पॉन लाइफ एएमसी जैसी सूचीबद्ध कंपनियों के लगभग बराबर थी। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि आईसीआईसीआई प्रू एएमसी सक्रिय इक्विटी एयूएम में अपनी दबदबे, बेहतर राजस्व मिश्रण, मार्जिन और आरओई को देखते हुए ज्यादा मूल्यांकन की हकदार है। 

स्टाइल्स होल्डिंग्स के हिमांशु दुग्गड़ ने स्मार्टकर्मा पर प्रकाशित एक आईपीओ नोट में लिखा है, ‘कुल मिलाकर एएमसी उद्योग का आकर्षण दीर्घावधि आर्थिक थीम के तौर पर वित्तीयकरण पर आधारित है। मजबूत परिचालन प्रदर्शन और सूचीबद्ध कंपनियों की तुलना में आकर्षक डिस्काउंट पर शेयर कीमत के कारण आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी इस साल के सबसे आकर्षक आईपीओ में से एक है।’

आईपीओ से पहले आईसीआईसीआई बैंक की इस कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जबकि ब्रिटेन की प्रूडेंशियल के पास बाकी 49 प्रतिशत थी। सूचीबद्धता के बाद प्रूडेंशियल की हिस्सेदारी घटकर 35 प्रतिशत रह गई है, जिससे प्रमोटरों की कुल हिस्सेदारी अब लगभग 86 प्रतिशत है। न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई भी और हिस्सेदारी कम करने का काम पूरी तरह से प्रूडेंशियल द्वारा किया जाएगा।

ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियां आमतौर पर ऐसेट-लाइट, हाई-मार्जिन वाले बिजनेस चलाती हैं, जिससे मजबूत लाभकारी स्थिति में मदद मिलती है।  

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी ने वित्त वर्ष 2025 में 83 प्रतिशत का शानदार आरओई दर्ज किया, जो ज्यादातर सूचीबद्ध कंपनियों से काफी अधिक है। इस साल, इसने लगभग 4,683 करोड़ रुपये के राजस्व पर लगभग 2,650 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि एयूएम एक साल पहले के 6.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 9.1 लाख करोड़ रुपये हो गईं। 

एएमसी के पास उद्योग में सबसे ज्यादा योजनाएं हैं और यह सभी परिसंपत्ति वर्गों और श्रेणियों में मौजूद है। स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (एसआईएफ) लाइसेंस मिलने के बाद, कंपनी उभरते हुए एसेट मैनेजमेंट सेक्टर में विस्तार करने की योजना बना रही है।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी निमेश शाह ने आईपीओ के बारे में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘सितंबर 2025 तक, हमारी सक्रिय म्युचुअल फंड बाजार भागीदारी 13.3 प्रतिशत थी और हम इक्विटी-ओरिएंटेड और हाइब्रिड योजनाओं में सबसे बड़ी एएमसी हैं। सेबी द्वारा एसआईएफ के लिए एक नया फ्रेमवर्क पेश करने के साथ साथ, हम उस सिस्टम के तहत प्रोडक्ट्स भी पेश करेंगे।’

First Published : December 19, 2025 | 9:34 PM IST