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सेबी ने की राहत की तैयारी

Last Updated- December 08, 2022 | 7:08 AM IST

पूंजी की किल्लत और निवेशकों की ओर से निकासी (रिडेम्पशन) की मार झेल रही म्युच्युअल फंडों को राहत देने के मकसद से बाजार नियामक सेबी ने पहल की है।


सेबी ने गुरुवार को कहा है कि नियतकालिक म्युच्युअल फंड योजनाओं से निवेशक परिपक्वता अवधि पूरी होने से पहले अपना पैसा नहीं निकाल सकेंगे। इसके साथ ही सेबी ने कहा कि सभी म्युच्युअल फंड योजनाओं को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करानी होगी।

उल्लेखनीय है कि नियत अवधि स्कीम के निवेशकों को नियमित आधार पर अपने यूनिटों को बेचने की सुविधा मुहैया कराई जाती है।

बोर्ड बैठक में सेबी के अध्यक्ष सी.बी. भावे ने कहा कि कोई भी नियतकालिक म्युच्युअल फंड योजनाओ में निवेशकों को समय से पहले धन निकासी की सुविधा नहीं दी जाएगी।

दरअसल, पिछले कुछ समय से म्युच्युअल फंडों से निवेशक काफी मात्रा से अपना पैसा निकाल रहे थे, जिससे म्युच्युअल फंड कंपनियों को पूंजी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा था।

यही नहीं कई संस्थागत निवेशक भी नकदी संकट के कारण म्युच्युअल फंड से पैसे निकाल लिए थे, जिससे कई फंड हाउसों के सामने संकट खड़ा हो गया था।

दरअसल, इस दौरान म्युच्युअल फंडों से करीब 900 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। ऐसे में रिजर्व बैंक को आगे आना पड़ा और म्युच्युअल फंडों को उबारने के लिए कदम उठाए थे।

इसके तहत फंड हाउसों को आसान कर्ज मुहैया कराने के मकसद से बैंकों के लिए विशेष रेपो विंडो की व्यवस्था की गई थी।

सेबी के इस पहल का मकसद यह है कि निवेशको की तरलता से जुड़ी जरूरतें शेयर बाजार के जरिए पूरी हों। इसके लिए फंडों पर निर्भरता न रहे।

सेबी ने बताया कि दुनियाभर में नियतकालिक फंड योजनाएं शेयर बाजार में सचीबद्ध होती हैं। ऐसे में भारत में भी इसे सूचीबद्ध कराना चाहिए।

First Published - December 5, 2008 | 12:01 AM IST

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