facebookmetapixel
क्या IPOs में सचमुच तेजी थी? 2025 में हर 4 में से 1 इश्यू में म्युचुअल फंड्स ने लगाया पैसानया साल, नए नियम: 1 जनवरी से बदल जाएंगे ये कुछ जरूरी नियम, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा!पोर्टफोलियो में हरा रंग भरा ये Paint Stock! मोतीलाल ओसवाल ने कहा – डिमांड में रिकवरी से मिलेगा फायदा, खरीदेंYear Ender: क्या 2026 में महंगाई की परिभाषा बदलेगी? नई CPI सीरीज, नए टारगेट व RBI की अगली रणनीतिGold–Silver Outlook 2026: सोना ₹1.60 लाख और चांदी ₹2.75 लाख तक जाएगीMotilal Oswal 2026 stock picks: नए साल में कमाई का मौका! मोतीलाल ओसवाल ने बताए 10 शेयर, 46% तक रिटर्न का मौकाYear Ender: 2025 में चुनौतियों के बीच चमका शेयर बाजार, निवेशकों की संपत्ति ₹30.20 लाख करोड़ बढ़ीYear Ender: 2025 में RBI ने अर्थव्यवस्था को दिया बूस्ट — चार बार रेट कट, बैंकों को राहत, ग्रोथ को सपोर्टPAN-Aadhaar लिंक करने की कल है आखिरी तारीख, चूकने पर भरना होगा जुर्माना2026 में मिड-सेगमेंट बनेगा हाउसिंग मार्केट की रीढ़, प्रीमियम सेगमेंट में स्थिरता के संकेत

SEBI ने IPO दस्तावेजों की जांच सख्त बनाई

शेयर बाजार ने वर्ष 2023 में करीब 50 कंपनियों को अपने IPO लाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिनमें से आठ निर्गम इस साल अब तक पूरे हुए हैं और अन्य 40 को SEBI से मंजूरी का इंतजार है।

Last Updated- February 12, 2024 | 10:43 PM IST
SEBI-सेबी

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) आईपीओ लाने वाली कंपनियों द्वारा दाखिल दस्तावेज की जांच का दायरा बढ़ा रहा है। इस मामले से अवगत चार अ​धिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। भारतीय बाजार में आईपीओ गतिवि​धियों में तेजी के बीच बाजार नियामक ने यह कदम उठाया है।

तेजी से बढ़ रहे शेयर बाजार ने वर्ष 2023 में करीब 50 कंपनियों को अपने आईपीओ लाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिनमें से आठ निर्गम इस साल अब तक पूरे हुए हैं और अन्य 40 को बाजार नियामक सेबी से मंजूरी का इंतजार है।  

चार में से एक अ​धिकारी ने कहा, ‘नियामक ने करीब 6 आईपीओ दस्तावेज लौटा दिए हैं, क्योंकि सेबी ने पाया कि कंपनियां धन जुटाने की वजहों को सही तरीके से नहीं बता रही हैं।’ 

मामले से अवगत अधिकारियों का कहना है कि नियामक उन कंपनियों पर ज्यादा सख्ती बरत रहा है जो आईपीओ से जुटाई जाने वाली रा​शि के इस्तेमाल के बारे में सही जानकारी नहीं दे रही हैं। 

सेबी ने इस संबंध में भेजे गए ईमेल संदेश का जवाब नहीं दिया है। सेबी के नियमों के अनुसार आईपीओ से जुटाई जाने वाली रकम का इस्तेमाल पूंजीगत खर्च, कर्ज घटाने, सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्य और अ​धिग्रहण के लिए किया जा सकता है। 

यदि इस रा​शि का इस्तेमाल कर्ज घटाने में किया जाता है तो प्रवर्तकों को अपने शेयर 18 महीने तक लॉक करने होंगे। हालांकि अगर धन पूंजीगत खर्च के लिए जुटाया जा रहा है तो प्रवर्तकों को तीन वर्ष की लॉक-इन अवधि पर अमल करना होगा। ‘प्रवर्तक’ भारत में एक नियामकीय श्रेणी है जिसमें बड़े शेयरधारक शामिल हैं जो कंपनी की नीति को प्रभावित कर सकते हैं। ​

अ​धिकारी ने कहा, ‘कंपनी यदि यह कह रही है कि वह आईपीओ से मिलने वाली राशि का उपयोग कर्ज चुकाने के लिए करेगी तो वह कानून से बचने की को​शिश कर रही है और शेयर की तीन साल की लॉक-इन अव​धि घटाकर 18 महीने करना चाहती है।’

एक निवेश बैंकर ने नाम नहीं छापने के अनुरोध के साथ कहा कि सेबी ने इस बात का ब्योरा मांगा है कि क्या पूंजीगत व्यय बताकर पेश किए गए आईपीओ से प्राप्त राशि का उपयोग ऋण चुकाने के लिए तो नहीं किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा, ‘ये कंपनियां जो खुलासे कर रही हैं, वे अस्पष्ट हैं।’ इस महीने के शुरू में सेबी ने कहा था कि वह ऐसे तीन आईपीओ की जांच कर रहा है जिनमें प्राप्त बोलियों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की आशंका जताई गई थी। 

First Published - February 12, 2024 | 10:43 PM IST

संबंधित पोस्ट