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सेबी ने तेज की अदाणी समूह की जांच, जल्द सौंपनी है सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट

Last Updated- April 14, 2023 | 8:47 PM IST
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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अदाणी मामले में जांच तेज कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की जांच रिपोर्ट पेश करने की तारीख नजदीक आ रही है। इसलिए बाजार नियामक काफी चुस्ती दिखा रहा है।

सूत्रों ने बताया कि बाजार नियामक पिछले दो सप्ताह से लगातार अदाणी समूह की कंपनियों और बाजार के बिचौलियों से रोजाना जानकारी मंगा रहा है। यह जानकारी अदाणी समूह की 10 सूचीबद्ध एवं गैर-सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा किए गए संबं​धित पक्ष के लेनदेन से संबं​धित है।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि शेयरधारिता पैटर्न एवं खुलासे से संबं​धित जानकारी भी मांगी गई है। साथ ही समूह द्वारा जारी आंकड़ों एवं दावों की पुष्टि के लिए बाजार नियामक ने अन्य जानकारी भी मांगी है।

सूत्रों ने कहा कि सेबी के अधिकारी सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार व्यापक जांच सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। जांच में तेजी लाने के लिए सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच के नेतृत्व में दो प्रमुख टीमों का गठन किया है। रिपोर्ट जारी होने से पहले और बाद में बाजार की चाल के साथ-साथ अदाणी समूह के शेयरों में कथित हेराफेरी की जांच की जा रही है।

सर्वोच्च न्यायालय ने 3 मार्च को सेबी से कहा था वह छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित कर रिपोर्ट पेश करे, जिसमें न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों के उल्लंघन, संबंधित पक्ष के लेनदेन का खुलासा करने में विफलता और शेयर मूल्य हेराफेरी जैसे आरोपों पर ध्यान दिया जाए। रिपोर्ट 2 मई को सौंपी जानी है।

एक सूत्र ने कहा कि जांच अव​धि के दौरान छह सार्वजनिक छुट्टियां पड़ी हैं। इससे भी सेबी पर काम को बोझ बढ़ गया है।

एक सूत्र ने कहा कि सेबी ने अदाणी समूह से कुछ खास सवाल पूछे हैं, जिनमें संबं​धित पक्ष के लेनदेन का खुलासा न किए जाने पर सफाई मांगी गई है।

अदाणी समूह को इस बारे में कई सवाल भेजे गए मगर उसने टिप्पणी से इनकार कर दिया। इस संबंध में सेबी को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।

सूत्रों ने बताया कि बाजार नियामक ने स्टॉक एक्सचेंज, कस्टोडियन, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों, बैंकों एवं अन्य एजेंसियों सहित विभिन्न स्रोतों से अदाणी समूह की कंपनियों की जानकारी मांगी है। अब उन सभी आंकड़ों और जानकारी को आपस में मिलाकर जांचा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रतिभूति कानून के तहत खुलासा न करने जैसे कम गंभीर अपराधों के एवज में कंपनी पर जुर्माना लगाया जा सकता है। मगर अदाणी मामले में जांच रिपोर्ट आने और सर्वोच्च न्यायालय से निर्देश मिलने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

अदाणी मामले में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे की अध्यक्षता में छह-सदस्यों की समिति बनाई गई है। विशेषज्ञ समिति में ओपी भट्ट, न्यायमूर्ति देवधर, केवी कामत, नंदन नीलकेणी और सोमशेखरन सुंदरेशन शामिल हैं। समिति को नियामकीय ढांचे और निवेशक जागरूकता बढ़ाने के उपाय सुझाने का जिम्मा भी दिया गया है।

First Published - April 14, 2023 | 8:47 PM IST

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