भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) खाने की डिलिवरी करने वाले ऐप जोमैटो के आईपीओ विवरणिका मसौदे की समीक्षा कर रहा है। सेबी जांच रहा है कि कंपनी का नियंत्रण किसके पास और किस तरह है क्योंकि इसकी 23 फीसदी हिस्सेदारी चीन के एंट समूह के पास है। यह भी देखा जा रहा है कि शेयर सूचीबद्घ होने के बाद जैक मा के एंट समूह को बोनस शेयर/ या राइट्स इश्यू जारी किए जाते हैं तो चीन के संबंध में संशोधित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियम के तहत उसे मंजूरी की जरूरत पड़ेगी या नहीं।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि स्टार्टअप का नियंत्रण चीनी निवेशकों के हाथ में तो नहीं है और अधिग्रहण संहिता के तहत विदेशी निवेशकों के पास नियंत्रण योग्य हिस्सेदारी है या नहीं। चूंकि इसमें चीनी कंपनी का निवेश है, इसलिए यह भी साफ होना जरूरी है कि मौजूदा प्रणाली के प्रेस नोट 3 के तहत उसे इजाजत की जरूरत है या नहीं।’
हालांकि सेबी की अधिग्रहण संहिता के तहत नियंत्रण की परिभाषा मोटे तौर पर ही दी गई है और निश्चित व्यवस्था इसमें नहीं है। इसके तीन पहलू हैं – बहुलांश निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार, प्रबंधन पर नियंत्रण का अधिकार और नीतिगत निर्णयों पर नियंत्रण का अधिकार। कंपनी के शेयरधारक के पास ये अधिकार होते हैं। कंपनी अधिनियम के तहत कई अन्य कानूनों में एफडीआई के लिए थोड़े-बहुत बदलाव के साथ इस परिभाषा का पालन किया जाता है। इस बारे में जोमैटो से संपर्क किया गया लेकिन उसने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
भारतीय कंपनियों में पड़ोसी देशों से एफडीआई निवेश पर रोक के सरकार के उपायों को ध्यान में रखकर इस पर विचार किया जा रहा है। असल में कोरोना महामारी के दौरान स्थानीय कंपनियों के मूल्यांकन में कमी आने के अवसर का लाभ उठाकर कंपनियों के अधिग्रहण को रोकने के मकसद से यह नियम बनाया गया है।
हालांकि निश्चित सीमा नहीं होने से चीन की कंपनियां अब भी भारत की सूचीबद्घ कंपनियों में 10 फीसदी तक हिस्सा खरीद सकती हैं। लेकिन पिछले साल के प्रेस नोट के तहत चीन सहित सात देशों से ऐसे निवेश का पहले सरकार द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा। एफडीआई का नियमन वाणिज्य मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश का नियमन सेबी के दायरे में आता है। एंट फाइनैंशियल 2018 से ही जोमैटो की निवेशक है। यह जोमैटो की दूसरी सबसे बड़ी निवेशक है और कंपनी में इसका करीब 3,243 करोड़ रुपये का निवेश है। 2018 में इसने जोमैटो में 14.7 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। बाद में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 23 फीसदी हो गई। जनवरी 2020 में जोमैटो ने एंट से 15 करोड़ डॉलर जुटाए थे लेकिन नियम बदलने से अलीबाबा समूह को दोबारा देखना पड़ा था कि कंपनी में अतिरिक्त निवेश कब किया जाए। पिछले महीने जोमैटो ने 82.5 अरब रुपये जुटाने के लिए सेबी के पास आईपीओ मसौदा जमा कराया था। कंपनी की योजना के मुताबिक नए शेयर जारी कर 75 अरब रुपये जुटाए जाएंगे और इसकी प्रमुख शेयरधारक इन्फो एज इंडिया 7.5 अरब रुपये के शेयर जारी करेगी।