facebookmetapixel
उत्तर प्रदेश में 34,000 करोड़ रुपये के रक्षा और एयरोस्पेस निवेश दर्जकेंद्र ने संसदीय समितियों का कार्यकाल दो साल करने का दिया संकेतशैलेश चंद्रा होंगे टाटा मोटर्स के नए एमडी-सीईओ, अक्टूबर 2025 से संभालेंगे कमानदिल्ली बीजेपी का नया कार्यालय तैयार, PM Modi आज करेंगे उद्घाटन; जानें 5 मंजिला बिल्डिंग की खास बातेंAtlanta Electricals IPO की बाजार में मजबूत एंट्री, ₹858 पर लिस्ट हुए शेयर; हर लॉट ₹1983 का मुनाफाJinkushal Industries IPO GMP: ग्रे मार्केट दे रहा लिस्टिंग गेन का इशारा, अप्लाई करने का आखिरी मौका; दांव लगाएं या नहीं ?RBI MPC बैठक आज से, दिवाली से पहले मिलेगा सस्ते कर्ज का तोहफा या करना होगा इंतजार?NSE Holidays 2025: अक्टूबर में 3 दिन बंद रहेंगे बाजार, 2 अक्टूबर को ट्रेडिंग होगी या नहीं? चेक करें डीटेलनए ​शिखर पर सोना-चांदी; MCX पर गोल्ड ₹1.14 लाख के पारअब QR स्कैन कर EMI में चुका सकेंगे अपने UPI पेमेंट्स, NPCI की नई योजना

जोमैटो के आईपीओ मसौदे की जांच कर रहा सेबी

Last Updated- December 12, 2022 | 5:15 AM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) खाने की डिलिवरी करने वाले ऐप जोमैटो के आईपीओ विवरणिका मसौदे की समीक्षा कर रहा है। सेबी जांच रहा है कि कंपनी का नियंत्रण किसके पास और किस तरह है क्योंकि इसकी 23 फीसदी हिस्सेदारी चीन के एंट समूह के पास है। यह भी देखा जा रहा है कि शेयर सूचीबद्घ होने के बाद जैक मा के एंट समूह को बोनस शेयर/ या राइट्स इश्यू जारी किए जाते हैं तो चीन के संबंध में संशोधित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियम के तहत उसे मंजूरी की जरूरत पड़ेगी या नहीं।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि स्टार्टअप का नियंत्रण चीनी निवेशकों के हाथ में तो नहीं है और अधिग्रहण संहिता के तहत विदेशी निवेशकों के पास नियंत्रण योग्य हिस्सेदारी है या नहीं। चूंकि इसमें चीनी कंपनी का निवेश है, इसलिए यह भी साफ होना जरूरी है कि मौजूदा प्रणाली के प्रेस नोट 3 के तहत उसे इजाजत की जरूरत है या नहीं।’
हालांकि सेबी की अधिग्रहण संहिता के तहत नियंत्रण की परिभाषा मोटे तौर पर ही दी गई है और निश्चित व्यवस्था इसमें नहीं है। इसके तीन पहलू हैं – बहुलांश निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार, प्रबंधन पर नियंत्रण का अधिकार और नीतिगत निर्णयों पर नियंत्रण का अधिकार। कंपनी के शेयरधारक के पास ये अधिकार होते हैं। कंपनी अधिनियम के तहत कई अन्य कानूनों में एफडीआई के लिए थोड़े-बहुत बदलाव के साथ इस परिभाषा का पालन किया जाता है। इस बारे में जोमैटो से संपर्क किया गया लेकिन उसने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
भारतीय कंपनियों में पड़ोसी देशों से एफडीआई निवेश पर रोक के सरकार के उपायों को ध्यान में रखकर इस पर विचार किया जा रहा है। असल में कोरोना महामारी के दौरान स्थानीय कंपनियों के मूल्यांकन में कमी आने के अवसर का लाभ उठाकर कंपनियों के अधिग्रहण को रोकने के मकसद से यह नियम बनाया गया है।
हालांकि निश्चित सीमा नहीं होने से चीन की कंपनियां अब भी भारत की सूचीबद्घ कंपनियों में 10 फीसदी तक हिस्सा खरीद सकती हैं। लेकिन पिछले साल के प्रेस नोट के तहत चीन सहित सात देशों से ऐसे निवेश का पहले सरकार द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा। एफडीआई का नियमन वाणिज्य मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश का नियमन सेबी के दायरे में आता है। एंट फाइनैंशियल 2018 से ही जोमैटो की निवेशक है। यह जोमैटो की दूसरी सबसे बड़ी निवेशक है और कंपनी में इसका करीब 3,243 करोड़ रुपये का निवेश है। 2018 में इसने जोमैटो में 14.7 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। बाद में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 23 फीसदी हो गई। जनवरी 2020 में जोमैटो ने एंट से 15 करोड़ डॉलर जुटाए थे लेकिन नियम बदलने से अलीबाबा समूह को दोबारा देखना पड़ा था कि कंपनी में अतिरिक्त निवेश कब किया जाए। पिछले महीने जोमैटो ने 82.5 अरब रुपये जुटाने के लिए सेबी के पास आईपीओ मसौदा जमा कराया था। कंपनी की योजना के मुताबिक नए शेयर जारी कर 75 अरब रुपये जुटाए जाएंगे और इसकी प्रमुख शेयरधारक इन्फो एज इंडिया 7.5 अरब रुपये के शेयर जारी करेगी।

First Published - May 3, 2021 | 11:18 PM IST

संबंधित पोस्ट