facebookmetapixel
Editorial: टिकाऊ कर व्यवस्था से ही बढ़ेगा भारत में विदेशी निवेशपीएसयू के शीर्ष पदों पर निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों का विरोधपहले कार्यकाल की उपलब्धियां तय करती हैं किसी मुख्यमंत्री की राजनीतिक उम्रवित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के दौरान प्रतिभूतियों में आई तेजीलक्जरी ईवी सेगमेंट में दूसरे नंबर पर जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडियाअगले तीन साल के दौरान ब्रिटेन में 5,000 नई नौकरियां सृजित करेगी टीसीएसभारत में 50 करोड़ पाउंड निवेश करेगी टाइड, 12 महीने में देगी 800 नौकरियांसरकार ने विद्युत अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन किया पेश, क्रॉस-सब्सिडी के बोझ से मिलेगी राहतअर्थव्यवस्था बंद कर विकास की गति सीमित कर रहा भारत: जेरोनिम जेटल्मेयरTata Trusts की बैठक में टाटा संस विवाद पर चर्चा नहीं, न्यासियों ने परोपकारी पहल पर ध्यान केंद्रित किया

SEBI बोर्ड में दो पूर्णकालिक सदस्यों के पद खाली, नीतिगत गति और जांच प्रक्रिया पर असर

2023 में एसके मोहंती और अनंत बरुआ के जाने के बाद नए पूर्णकालिक सदस्यों की नियुक्ति से पहले लगभग दो महीने तक सेबी ने अधूरे बोर्ड के साथ काम किया

Last Updated- October 10, 2025 | 10:04 PM IST
SEBI
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

सरकार द्वारा बाजार नियामक सेबी के बोर्ड में दो रिक्त पदों को अभी तक नहीं भरा गया है, इसलिए प्रमुख पोर्टफोलियो एक बार फिर केवल दो पूर्णकालिक सदस्यों के बीच विभाजित हो जाएंगे।

पूर्णकालिक सदस्यों के कार्यकाल की समाप्ति और उत्तराधिकारियों की नियुक्ति के बीच लंबा अंतराल आम बात हो गई है, जिससे सेबी की जांच और नीति निर्माण में निरंतरता और गति को लेकर चिंता पैदा हो रही है।

सरकार ने मई में दो डब्ल्यूटीएम पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे और अंतिम तिथि 6 अक्टूबर तय की थी। सूत्रों के अनुसार, कई नौकरशाहों के साथ-साथ सेबी के कुछ आंतरिक अधिकारी भी इस दौड़ में शामिल हैं।

अश्विनी भाटिया का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनके पोर्टफोलियो मौजूदा पूर्णकालिक सदस्यों में वितरित कर दिए गए। अब अनंत नारायण (जिन्होंने अमेरिकी हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट के खिलाफ अंतरिम आदेश जारी किया था) के पद छोड़ने के बाद बोर्ड में केवल दो ही सदस्य बचे हैं। हालांकि बाजार नियामक के साथ यह कोई नई बात नहीं है।

Also Read: सितंबर में इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश घटा, लेकिन SIP और ETF ने निवेशकों का भरोसा रखा कायम

2023 में एसके मोहंती और अनंत बरुआ के जाने के बाद नए पूर्णकालिक सदस्यों की नियुक्ति से पहले लगभग दो महीने तक सेबी ने अधूरे बोर्ड के साथ काम किया। इससे पहले जब जी महालिंगम और माधबी पुरी बुच ने अपना कार्यकाल पूरा किया था तब 2022 में भाटिया की नियुक्ति से पहले छह महीने से ज्यादा का अंतराल था।

रेगस्ट्रीट लॉ एडवाइजर्स के सीनियर पार्टनर और सेबी के पूर्व अधिकारी सुमित अग्रवाल ने कहा, सेबी में बोर्ड स्तर पर निरंतरता महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नीतिगत दिशा और मामलों के निर्णय दोनों में सहायक होती है। रिक्तियों की अवधि (जो हाल के वर्षों में आम हो गई है) निर्णय लेने की गति को प्रभावित कर सकती है और निरंतरता पर सवाल उठा सकती है। सेबी का पेशेवर स्टाफ यह सुनिश्चित करता है कि दैनिक कामकाज सुचारु रहे, लेकिन पूर्ण बोर्ड की अनुपस्थिति दीर्घकालिक नीतिगत गति को प्रभावित कर सकती है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि अगले वर्ष के भीतर बोर्ड स्तर पर अन्य रिक्तियों की संभावना है।

First Published - October 10, 2025 | 9:37 PM IST

संबंधित पोस्ट