भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सोमवार को क्लाइंट फंड के कथित दुरुपयोग के लिए आईआईएफएल सिक्योरिटीज (IIFL Securities) को दो साल के लिए नए ग्राहकों को शामिल करने से प्रतिबंधित कर दिया।
सेबी के आदेश के अनुसार, IIFL Securities ग्राहकों के फंड को अपने खुद के स्वामित्व के उपयोग के लिए मिक्स्ड फंड का उपयोग करने से पहले अपने खुद के फंड (प्रोप्राइटरी फंड) के साथ मिला रही थी। यानी IIFL Securities अपने खुद के फंड (proprietary fund) को ग्राहकों के फंड से अलग नहीं कर पाई।
Sebi ने एक आदेश में कहा कि यह अपने क्रेडिट बैलेंस क्लाइंट्स के फंड का इस्तेमाल न केवल अपने डेबिट बैलेंस क्लाइंट्स के ट्रेडों को फंड करने के लिए कर रहा था, बल्कि अपने खुद के ट्रेडों को फंड करने के लिए भी कर रहा था। दूसरे शब्दों में कहें तो इसने डेबिट बैलेंस रखने वाले ग्राहकों के फायदे के लिए क्रेडिट बैलेंस रखने वाले ग्राहकों के फंड का गलत इस्तेमाल किया। IIFL Securities का यह मामला 2013-14 की अवधि का है।
सेबी के आदेश में कहा गया है कि 26 सितंबर, 2016 को बढ़े हुए सुपरविजन सर्कुलर के कार्यान्वयन के बाद IIFL Securities द्वारा ग्राहकों के धन के दुरुपयोग का कोई उदाहरण नहीं मिला है।
Also read: सरकार कोल इंडिया के कर्मचारियों को बेचेगी 92 लाख शेयर, OFS के जरिये 21 जून से शुरू होगी बिक्री
सूत्रों ने कहा कि कंपनी सेबी के आदेश के खिलाफ प्रतिभूति अपील न्यायाधिकरण (Securities Appellate Tribunal) में अपील कर सकती है।
मामले के लिए, सेबी ने IIFL सिक्योरिटीज को दो कारण बताओ नोटिस जारी किए। पहला नोटिस एक मई 2017 को और दूसरा अक्टूबर 2021 को जारी किया गया।