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RBI के डिप्टी गवर्नर ने दी इलेक्ट्रिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों से सतर्कता बरतने की सलाह

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- June 08, 2023 | 11:02 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्र ने गुरुवार को प्रौद्योगिकी कंपनियों को चेताया कि कई अन​धिकृत इलेक्ट्रिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों (ईटीपी) को केंद्रीय बैंक की अलर्ट लिस्ट में डाले जाने के बावजूद ऐप स्टोरों पर डाउनलोड के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। ऐप स्टोरों पर उपलब्ध अनधिकृत ईटीपी पर एक सवाल के जवाब में पात्रा ने कहा कि इस समस्या का समाधान करने का एक तरीका ऐसे प्लेटफॉर्मों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

उन्होंने कहा, ‘हमने (आरबीआई) ने इस मुद्दे पर प्रवर्तन एजेंसियों, वित्त मंत्रालय (फिनमिन) और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी (एमईआईटीवाई) जैसे मंत्रालयों के साथ संपर्क किया है। मौजूदा आधार पर कदम उठाए जा रहे हैं, क्योंकि कई प्लेटफॉर्मों पर छापे मारे गए हैं और उनकी परिसंप​त्तियां जब्त की गई हैं।’ पात्र आरबीआई की मौद्रिक नीतिगत बैठक के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

आरबीआई की नई अलर्ट लिस्ट बुधवार को अपडेट की गई और इसमें फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट, 1999 (फेमा) या इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स (रिजर्व बैंक) डायरेक्शंस, 2018 के तहत विदेशी मुद्रा में सौदे करने वाली 56 प्रतिबं​धित इकाइयों के नाम शामिल किए गए।

गैर-कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों की नई अलर्ट सूची में शामिल की जाने वाली नई कंपनियों में क्यूएफएक्स मार्केट्स, 2विनट्रेड, गुरु ट्रेड7 लिमिटेड, ब्रिक ट्रेड, रुबीक ट्रेड, ड्रीम ट्रेड, मिनी ट्रेड, और ट्रस्ट ट्रेड मुख्य रूप से शामिल हैं। अलर्ट लिस्ट में अन​धिकृत इकाइयों के डाउनलोड यूआरएल भी शामिल हैं।

जहां आरबीआई ने उपयोगकर्ताओं को ईटीपी के तौर पर परिचालन कर रही अन​धिकृत इकाइयों के बारे में सतर्क किया है, वहीं उसने उन प्लेटफॉर्मों की सूची भी तैयार की है जिन्हें केंद्रीय बैंक से प्रतिभूतियों, मनी मार्केट योजनाओं, विदेशी एक्सचेंज इंस्ट्रूमेंट, डेरिवेटिव, या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐक्ट, 1934 के तहत समान तरह की अन्य योजनाओं में लेनदेन के लिए प्रमा​णन हासिल है।

ऐसे अन​धिकृत प्लेटफॉर्मों पर परिचालन कर रहे उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी, वित्तीय नुकसान, डेटा चोरी, गलत इस्तेमाल, साइबर हमले जैसे जो​खिम का सामना करना पड़ सकता है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने मई में प्रका​शित खबर में कहा था कि आरबीआई ने उपयोगकर्ताओं को ऐसे प्लेटफॉर्मों पर परिचालन के ​खिलाफ चेताया है, क्योंकि वे फेमा के तहत दंडात्मक कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगे।

First Published : June 8, 2023 | 11:02 PM IST