विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा जबरदस्त बिकवाली करने और पार्टिसिपेटरी नोट्स की अनवाइडिंग होने से महाराष्ट्र सरकार के साथ केंद्र सरकार को जबरदस्त लाभ हुआ है।
जबकि शेयर बाजार में पिछले छ: महीनों में लगातार गिरावट आई है, इसके बावजूद स्टंाप ड्यूटी और ट्रांसजैक्शन टैक्स में सिक्योरिटीज की 30,000 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की वजह से जबरदस्त सुधार हुआ है।
महाराष्ट्र सरकार ने अप्रैल से जून के दौरान 118.56 करोड़ रु स्टांप ड्यूटी के रुप में जुटाए जबकि पिछले साल इसी अवधि में सरकार ने 87.93 करोड़ रु जुटाए थे। सरकार को इस बार 34.83 फीसदी ज्यादा कर प्राप्त हुआ है। जबकि तिमाही दर तिमाही 8.5 फीसदी के करीब रहने की संभावना है इसके बावजूद भी कि कुल कलेक्सन 109.29 करोड़ रुपये हुआ था।
सेबी द्वारा पार्टिसिपेटरी नोट्स पर नियंत्रण लगाए जाने के बाद पिछली पांच तिमाहियों में बेहतर कर प्राप्त करने में सफलता मिली है। हालांकि चौथी तिमाही के आंकड़े उपलब्ध नहीं है लेकिन वित्त मंत्रालय के अनुमान के अनुसार इस साल अप्रैल से जून के बीच में एसटीटी कलेक्शन में 21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 1,623 करोड़ रुपयेकेस्तर पर पहुंच गया है जो पिछले साल इसी अवधि में 1,351 करोड़ रुपए रहा था।
हालांकि रफ्तार में कुछ कमी आई है जहां वित्त्तीय वर्ष 2007-08 के दौरान केंद्र सरकार ने 8,577 करोड़ का कलेक्शन किया था जो कि उसके पिछले साल के वित्त्तीय वर्ष से 85 फीसदी ज्यादा था। लेकिन इस वित्तीय वर्ष में वित्त्त मंत्रालय पांच फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान कर रहा है और इसके 9,000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि यह आंकड़े फरवरी में निर्धारित किए गए थे। जबकि अर्थव्यवस्था में धीमी रफ्तार आना अभी भी शुरु हुई है तो हम ग्रोथ रेट में तेज गिरावट देख सकते हैं। यहां तक कुल ट्रान्जैक्सन के पिछले साल की तुलना में भी कम रहने की संभावना है।
निवेशकों को शेयर बाजार में लेनदेन करने पर स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना पड़ता है। बाजार में हुई भारी बिकवाली की वजह से ही एटीटी और स्टांप डयूटी में बढ़ोतरी देखी गई है। जियोजीत फाइनेंशियल के हेड रिसर्च एलेक्स मैथ्यू का कहना है कि सेबी के पार्टिसिपेटरी नोट्स पर प्रतिबंध लगाने से पहले विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश में इनकी काफी हिस्सेदारी थी।