आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार के लिए मार्च का महीना खासा व्यस्त रहने वाला है। शेयर बाजार में तेजी को देखते हुए कई कंपनियां अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं। निवेश बैंकिंग सूत्रों के अनुसार अगले 3 से 5 हफ्ते में कम से कम सात कंपनियों के कुल मिलाकर 12,000 करोड़ रुपये के आईपीओ बाजार में आ सकते हैं।
ईजी ट्रिप प्लानर्स, कल्याण ज्वैलर्स, लक्ष्मी ऑर्गेनिक्स, क्राफ्ट्समैन ऑटोमेशन, अनुपम रसायन, सूर्योदय स्मॉल फाइनैंस बैंक और आधार हाउसिंग फाइनैंस जैसी कंपनियां आईपीओ के जरिये पूंजी जुटाने की संभावना तलाश रही हैं। सेंट्रम कैपिटल में प्रबंध निदेशक – इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, राजेंद्र नाइक ने कहा, ‘तरलता ज्यादा होने से आईपीओ बाजार में अप्रत्याशित होड़ देखी जा रही है। हाल के समय में आए सभी आईपीओ को कई गुना आवेदन मिले हैं।’
एक विदेशी निवेश बैंक के अधिकारी ने कहा, ‘हाल के निर्गम से निवेशकों ने अच्छा मुनाफा कमाया है। ऐसे में आईपीओ को लेकर मनोबल बढ़ा हुआ है। यह निर्गम के आकार में भी दिख रहा है। इसके साथ ही कई नए निवेशकों ने भी आईपीओ पर दांव लगाया है, जिससे निर्गम लाने वाली कंपनियों का भी आत्मविश्वास बढ़ा है।
आम तौर पर मार्च का महीना आईपीओ के लिए अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि प्रतिभागी अग्रिम कर भुगतान के लिए पूंजी बचाकर रखते हैं और अपनी बैलेंस शीट को बेहतर दिखाते हैं। हालांकि बैंकरों का मानना है कि आईपीओ की मांग को लेकर कोई चिंता नहीं है।
नाइक ने कहा, ‘सामान्यतया अन्य महीनों में तरलता बड़ी चुनौती होती है। लेकिन इस साल तंत्र में पर्याप्त तरलता से स्थिति बदल गई है।’ पिछले हफ्ते बॉन्ड प्रतिफल में तेजी से बाजार में भारी बिकवाली देखी गई थी जिससे आईपीओ लाने वाली कंपनियां थोड़ी सहम सी गई थीं। हालांकि इस हफ्ते बाजार में सुधार ने उनका भरोसा फिर से बढ़ा दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ कंपनियां मार्च में ही अपना आईपीओ निपटाना चाह रही हैं क्योंकि अगली तिमाही में आईपीओ लाने से उन्हें तिमाही आंकड़ों को अद्यतन करना होगा और पूरी प्रक्रिया में और देरी होगी।
मार्च 2020 के निचले स्तर पर बेंचमार्क सूचकांक 90 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विकास को बढ़ावा देने वाले बजट से बाजार को और दम मिला है।
कर में यथास्थिति बनाए रखते हुए सार्वजनिक परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण, निजीकरण और पूंजीगत व्यय करने के सरकार के उपयों का भी बाजार ने सराहना की है।
इक्विटी मार्केट के स्वतंत्र पेशेवर प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘बजट में निजीकरण, नियमन में बदलाव जैसे कई संरचनात्मक सुधार प्रस्तावित किए गए हैं। हमें देखना होगा इनका क्रियान्वयन किस तरह से किया जाता है और अर्थव्यवस्था पर इसका कैसा प्रभाव पड़ा है। बाजार में अभी तेजी है लेकिन तरलता कम होने यश ब्याज दरें बढऩे से गिरावट का भी जोखिम है। अगर ऐसा हुआ तो कुछ चिंता हो सकती है।’
इस महीने आईपीओ के लिए सेबी के बाद आवेदनों की बाढ़ सी आ गई है। करीब 10 कंपनियों ने आईपीओ लाने के लिए सेबी से संपर्क किया है। इनमें रियल एस्टेट कंपनी मैक्रोटेक डेवलपर्स (पूर्व नाम लोढ़ा डेवलपर्स) ने 2,500 करोड़ रुपये का निर्गम, कोलकाता की इस्पात कंपनी श्याम मैटालिक्स ने 1,107 करोड़ रुपये और आन्ध्र प्रदेश का हेल्थकेयर समूह कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस ने सेबी के पास फिर से आईपीओ के लिए आवेदन जमा कराया है, क्योंकि उनके पहले की मंजूरी अवधि समाप्त हो गई थी।