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पहली तिमाही में घटे प्रवर्तकों के गिरवी शेयर

Last Updated- December 12, 2022 | 4:56 AM IST

व्यापक बाजार में बढ़ोतरी के बीच मार्च 2021 की तिमाही में प्रवर्तकों की तरफ से गिरवी रखे जाने वाले शेयर घटे हैं। कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तक हिस्सेदारी के प्रतिशत के तौर पर गिरवी शेयरों की वैल्यू मार्च तिमाही में घटकर 1.64 फीसदी रह गई, जो दिसंबर तिमाही में 2.09 फीसदी रही थी। प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों की वैल्यू 1.61 लाख करोड़ रुपये है, जो बीएसई 500 इंडेक्स के कुल बाजार पूंजीकरण का 0.81 फीसदी है।

मार्च 2021 की तिमाही के आखिर के आंकड़ों के मुताबिक, बीएसई 500 इंडेक्स की करीब 85 कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी गिरवी रखी थी। कई तिमाहियों के बाद पहली बार कोई भी ऐसी कंपनी नहीं देखने को मिली जहां प्रवर्तकों ने अपनी हिस्सेदारी का 90 फीसदी से ज्यादा गिरवी रखा हो। एक साल पहले ऐसी कंपनियों की संख्या 5 थी।

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में कहा, हमने निफ्टी-50 की सभी कंपनियों में प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों में गिरावट देखी है। हम स्पष्ट करते हैं कि शेयरों को गिरवी रखने का मतलब अनिवार्य रूप से यह नहीं है कि कंपनी या प्रवर्तक वित्तीय दबाव में है। हो सकता है कि बैंकों ने प्रवर्तकों के शेयरों के रूप में अतिरिक्त सिक्योरिटी मांगी हो।

इंडसइंड बैंक, अरविंदो फार्मा, एस्टर डीएम हेल्थकेयर, वॉकहार्ट और अशोक लीलैंड जैसी कंपनियों ने प्रवर्तकों के गिरवी शेयरोंं में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखी है। अदाणी पोट्र्स ऐंड एसईजेड, क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर्स, अदाणी ट्रांसमिशन, टाइम टेक्नोप्लास्ट और लॉरस लैब्स ने प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों में कमी देखी है।

एक ओर जहां एस्टर डीएम हेल्थकेयर और इंडसइंड बैंक के प्रवर्तकों की तरफ से नए शेयर गिरवी रखे गए, वहीं धानुका एग्रीटेक के प्रवर्तकों ने अपने पूरे गिरवी शेयर छुड़ा लिए।

मार्च तिमाही के दौरान निप्टी, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 5.1 फीसदी, 13.7 फीसदी और 14.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।

First Published - May 11, 2021 | 8:56 PM IST

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