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फार्मा: बेहतर सेहत

Last Updated- December 07, 2022 | 10:04 AM IST

जून की तिमाही में फार्मा कंपनियों के राजस्व में 20 से 22 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है।


जेनेरिक दवा कंपनियां और ऐसी दवा कंपनियां जो कांट्रेक्ट मैन्यूफैक्चरिंग और रिसर्च कारोबार करती है,दोनो प्रकार की कंपनियों की टॉपलाइन ग्रोथ अच्छी रहनी चाहिए। क्योंकि इन कंपनियों के पास निर्यात की बेहतर संभावनाएं हैं। इसके अलावा इन कंपनियों की घरेलू बाजार में ग्रोथ भी 10 से 12 फीसदी के बीच रहनी चाहिए।

बेहतर राजस्व अर्जित करने से ये कंपनियां बेहतर ऑपरेटिंग मार्जिन हासिल करने में भी सफल हो सकेंगी। विश्लेषकों का अनुमान है कि कंपनियों की ऑपरेटिंग मार्जिन में 0.75 फीसदी से लेकर एक फीसदी तक की वृध्दि होनी चाहिए। हालांकि कुछ फर्म मार्क-टू-मार्केट लॉस का सामना कर सकती हैं क्योंकि रुपए के अगली तिमाही में डॉलर की तुलना में गिरने की संभावना है। इसका फर्क कंपनियों की बॉटम लाइन पर पड़ेगा।

विनिवेश की वजह से बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनियों के राजस्व की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है। उदाहरण के लिए ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन ने अपने फाइन केमिकल कारोबार को बेच दिया है। यद्यपि कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन में 0.5 फीसदी से लेकर एक फीसदी तक की बढोतरी होनी चाहिए। ब्रांडेड फार्मुलेशन कारोबार में मजबूत वृध्दि के चलते 5,001 करोड़ की डॉ रेड्डीज को जून की तिमाही में बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए। जून की तिमाही में बेहतर टॉपलाइन ग्रोथ की आशा की जा सकती है।

हाल में अधिग्रहीत की गई डोज की क्रैम्स फैसिलिटी और बास्फ की यूएस फैसिलिटी से कंपनी को अपनी बिक्री को सफलता मिलेगी। हालांकि कंपनी के ग्रॉस मार्जिन के दबाव में रहने की संभावना है जिससे कंपनी की बॉटम लाइन पर असर पड़ सकता है। निर्यात में 20 फीसदी से भी ज्यादा की वध्दि और घरेलू बाजार में बेहतर बिक्री केचलते 4,227 करोड़  की सिपला के प्रदर्शन के बेहतर रहने की संभावना है और कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में भी एक फीसदी का सुधार होना चाहिए।

जेनेरिक कंपनी रेनबैक्सी की बिक्री में 20 फीसदी की बढोतरी हो सकती है और कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में तीन फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए। हालांकि एक्सचेंज लॉस के चलते कंपनी की बॉटम लाइन प्रभावित हो सकती है। कै्रम्स में बेहतर स्थान रखने वाली 803 करोड़ की डिशमान की बिक्री में 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी होनी चाहिए। जिससे कंपनी को अपने लाभ को बढ़ाने में सफलता मिल सकती है। डिवि लैब जो जेनेरिक सेगमेंट के साथ कस्टम सिंथसिस सेगमेंट में भी कारोबार करती है,की बिक्री में 15 फीसदी की वृध्दि होनी चाहिए।

जीएसके जो लाइफस्टाइल सेगमेंट में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रही है,की टॉपलाइन ग्रोथ भी 10 फीसदी के करीब रहनी चाहिए। लेकिन अन्य आय के ज्यादा होने की वजह से कंपनी की शुध्द आय के बेहतर रहने की संभावना है। भारतीय दवा कंपनियां तेजी से विदेशों की ओर प्रसार कर रही हैं और लगातार वे नियमित बाजार में अपने उत्पाद लाने में सफलता भी प्राप्त कर रही हैं। अकेले अमेरिका में ही 2010 तक 45 से 50 बिलियन डॉलर के पेटेंट केखत्म हो रहे हैं जो भारतीय कंपनियों के लिए एक बेहतर अवसर हैं। उद्योग से विश्लेषक इस बाजार को 1.5 बिलियन डॉलर के करीब आंकते हैं।

जापान जैसे देश भी हेल्थकेयर पर लगने वाली लागत को कम करने के लिए जेनेरिक दवाओं की ओर फोकस कर रहे हैं। इस माहौल में जेनेरिक दवाओं की वॉल्यूम में वृध्दि होने की निश्चित संभावना है। मौजूदा बाजार मूल्य फार्मा सेक्टर की कंपनियों का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 की अनुमानित आय से 12 गुना से 24 गुना के बीच रहने की संभावना है। डॉ रेड्डीज का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 17 गुना पर है जबकि सिपला का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 21 गुना पर है।

सन फार्मा का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 25 गुना और रेनबैक्सी का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 26 गुना के स्तर पर है। छोटी दवा कंपनियां जैसे डिशमान का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 16 गुना के स्तर पर हो रहा है जबकि डिवि लैब का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 18 गुना के स्तर पर हो रहा है। बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों में ग्लैक्सो का कारोबार 24 गुना के स्तर पर और एवेंटिस का कारोबार 11 गुना के स्तर पर हो रहा है।

First Published - July 9, 2008 | 11:03 PM IST

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