भारत में निजी इक्विटी (पीई) और वेंचर कैपिटल (वीसी) निवेश साल 2025 की शुरुआत में दमदार रुझान वाला रहा और जनवरी 2025 में यह 37 प्रतिशत बढ़कर 6.3 अरब डॉलर हो गया। दिसंबर 2024 में यह 4.5 अरब डॉलर था। ईवाई और इंडियन वेंचर ऐंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। अलबत्ता जनवरी 2024 के 6.9 अरब डॉलर की तुलना में निवेश 9 प्रतिशत कम रहा।
रिपोर्ट में भारत के पीई/वीसी पारिस्थितिकी तंत्र के अहम संचालकों के रूप में अनुकूल व्यापाक आर्थिक माहौल, राजकोष की अच्छी स्थिति और सरकार की स्थिर नीतियों पर प्रकाश डाला गया है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप सूचकांकों में अस्थिरता कम होने से सौदों की गतिविधियों और उनके संपन्न होने में तेजी की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘बाजार की हालिया गिरावट भविष्य में और ज्यादा संतुलित स्थितियों की ओर इशारा करती है जिनसे प्रमुख पीई/वीसी गंतव्य के रूप में भारत का आकर्षण मजबूत होता है। अंतरराष्ट्रीय सामान्य साझेदार (जीपी) इस परिदृश्य को लगातार आकार देते रहेंगे जबकि स्टार्टअप श्रेणी में गिरावट खास तौर पर मझोले और छोटे शहरों में अनोखे अवसर उपलब्ध कराती है। इन्हें उनके उपलब्ध बाजारों और लागत संबंधी लाभ के लिए जाना जाता है।’
उम्मीद है कि बुनियादी ढांचा, रियल एस्टेट,वित्तीय सेवा, प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्र निवेशकों की रुचि वाले अहम क्षेत्र बने रहेंगे। इसके अलावा हरित ऊर्जा की दिशा में बढ़ना, अक्षय ऊर्जा और फार्मास्युटिकल क्षेत्र में अवसरों को और ज्यादा पूंजी मिल सकती है।
एनआईआईएफ की 2 अरब डॉलर के क्रेडिट फंड की योजना
सरकारी समर्थन वाले नैशनल इन्वेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) प्राइवेट क्रेडिट फंड के तहत 2 अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रहा है, जो भारत में इस तरह का सबसे बड़ा फंड होगा। मुख्य कार्याधिकारी संजीव अग्रवाल ने यह जानकारी दी। भारत सरकार द्वारा संचालित यह फंड भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सॉवरिन निवेशकों के साथ चर्चा कर रहा है। अग्रवाल ने बुधवार को मुंबई में आईवीसीए कॉन्क्लेव में एक पैनल के दौरान कहा, यह भारत सरकार द्वारा संचालित है और कुछ सॉवरिन निवेशकों के साथ बातचीत चल रही है कि वे इसमें शामिल होंगे या नहीं।