इस साल की पहली छमाही में अब तक प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट में 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह 10.4 अरब डॉलर को छू चुका है।
इसका कारण रियल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण डील का होना रहा है। रिसर्च, फाइनेंसियल कंसल्टिंग और बिजनेस कंटेंट सर्विसेस के बारे में आंकड़े एकत्र करने वाली फोर-एस सर्विसेज के अनुसार कुल मिलाकर इस साल के पहले छह महीने में 10.4 अरब डॉलर मूल्य के 207 समझौते हुए हैं जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 6.69 अरब डॉलर के 178 समझौते हुए थे।
फोर-एस सर्विसेज के अनुसार इस इस साल के पहले छह महीने में होने वाली औसत प्राइवेट इक्विटी डील में भी इजाफा हुआ है। पिछले साल यानी 2007 के 410 लाख डॉलर के मुकाबले इस साल औसत डील साइज बढ़कर 590 लाख डॉलर के आसपास पहुंच गई। इसकी वजह बताते हुए फोर-एस सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्येंद्र शुक्ला ने कहा कि रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर में हुई नई डील इस साल प्राइवेट इक्विटी डील में 58 प्रतिशत बढ़ोतरी का मुख्य कारण रही है।
इस साल जितनी महत्वपूर्ण डील हुई हैं, उनमें वैश्विक बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड द्वारा डीएलएफ एसेट में किया गया 83 करोड़ डॉलर का निवेश और ग्लोबल प्राइवेट इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोविडेंस द्वारा दूरसंचार सेवाप्रदाता आइडिया सेल्यूलर में 64 करोड ड़ॉलर का निवेश प्रमुख है। अन्य महत्वपूर्ण परिचालनों में सिम्फनी कैपिटल द्वारा डीएलएफ एसेट में 45 करोड़ डॉलर का निवेश, एल एन मित्तल और सैन फ्रांसिस्को स्थित फैरालोन कै पिटल द्वारा इंडियाबुल्स रियल एस्टेट में 39.9 करोड़ डॉलर का निवेश और साथ ही इन्वेस्टमेंट फर्म जे पी मॉर्गन का टावर विजन इंडिया में 30 करोड़ डॉलर का निवेश शामिल हैं।
रियल सेक्टर में तीन प्रमुख डील हुईं। इनमें स्टैंडर्ड चार्टर्ड और सिम्फनी कैपिटल द्वारा डीएलएफ में क्रमश: 83 करोड़ डॉलर और 45 करोड़ डॉलर और एल एन मित्त्ल एवं फारलोन कैपिटल द्वारा इंडियाबुल्स रियल एस्टेट में किया गया 39.9 करोड़ डॉलर का निवेश शामिल है। इनके अलावा दो अन्य महत्वपूर्ण डील में डी ई शॉ द्वारा 25 करोड़ डॉलर के फंड का मैकस्टार मार्केटिंग और ऐसेंड और एसेंडास इंडिया डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा डाक्टर फ्रेश हेल्थकेयर सर्विसेज में 19.1 करोड़ डॉलर का निवेश भी प्रमुख है।
इधर विश्व की बड़ी ग्लोबल कंसल्टेंसी ग्रांट ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2008 की पहली छमाही में प्राइवेट इक्विटी में होने वाली डील 4.82 प्रतिशत की बढोतरी के साथ 7.10 अरब डॉलर तक पहुंच चुकी है। ग्रांट थोर्नटन के अनुसार साल 2008 के पहली छमाही में रियल्टी और टेलकॉम सेक्टर में हुई डील कुल प्राइवेट इक्विटी निवेश के लगभग 50 प्रतिशत के बराबर है। जहां तक औसत प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट की बात है तो यह वर्ष 2007 के 347.3 करोड़ डॉलर से बढ़कर साल 2008 के पहले छी महीने में 381.7 करोड़ डॉलर तक जा पहुंचा है।