इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक 2024 के आरंभ तक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी इसके लिए वित्तीय एवं विधि फर्मों से बातचीत कर रही है। ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ भारत में वाहन क्षेत्र का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
सूत्रों के अनुसार कंपनी IPO के लिए कोटक, गोल्डमैन सैक्स, सिटी बैंक एवं अन्य बैंकिंग साझेदारों से बातचीत कर रही है। इसके लिए कानूनी सलाहकार की नियुक्ति के लिए वह सिरिल अमरचंद मंगलदास और शार्दूल अमरचंद मंगलदास जैसी प्रमुख विधि फर्मों से भी बातचीत कर रही है।
हाल में कंपनी ने एक सॉवरिन फंड के नेतृत्व में निवेशकों से 30 करोड़ डॉलर जुटाए हैं, जिससे उसका मूल्यांकन 5 अरब डॉलर से बढ़कर 6 अरब डॉलर हो गया।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार के जोर, ग्राहकों के बीच बढ़ती लोकप्रियता और ओला के दोपहिया कारोबार के मूल्यांकन में वृद्धि संबंधी हालिया खबरों के कारण ओला इलेक्ट्रिक को बाजार की अग्रणी कंपनी का मुकाम हासिल करने में मदद मिली है। उद्योग विशेषज्ञ मान रहे हैं कि देश में यह अब तक का सबसे प्रतिष्ठित और उम्दा IPO होगा। इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को इस साल के अंत तक बाजार में महत्त्वपूर्ण बदलाव होने की उम्मीद है और उसमें ओला इलेक्ट्रिक की अग्रणी भूमिका होगी।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार राजस्व और मुनाफा वृद्धि के मामले में ओला का प्रदर्शन बहुत जबरदस्त रहा है तथा अब वह सफल IPO के लिए पूरी तरह तैयार है। कंपनी 1 अरब डॉलर से अधिक वार्षिक राजस्व पर पहले ही पहुंच चुकी है और अब उसका एबिटा (EBITDA) भी सकारात्मक है। अपने दमदार कारोबारी मॉडल के दम पर ओला इलेक्ट्रिक अगले 18 महीनों में मुनाफा कमाने लगेगी और उस पड़ाव तक पहुंचने वाली भारत की इकलौती ईवी कंपनी होगी।
अगले कुछ महीनों में कंपनी स्कूटर के 5 से 6 मॉडल उतारने की योजना बना रही है। साथ ही वह इस साल के अंत तक 3 से 4 मॉडलों के साथ मोटरसाइकल बाजार में भी दस्तक देने जा रही है। इससे राजस्व और बाजार हिस्सेदारी में दमदार वृद्धि के साथ कारोबार में काफी विस्तार होगा।
आगे चलकर कंपनी अपने स्वदेशी बैटरी कारोबार को भी दोपहिया वाहन पोर्टफोलियो में शामिल करेगी। ओला की गीगाफैक्टरी का निर्माण कार्य पहले से ही जोरों पर है। उम्मीद है कि कंपनी इस साल के अंत तक बड़े पैमाने पर बैटरी का उत्पादन शुरू कर देगी।
देश के ईवी स्कूटर बाजार में ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है और पिछले आठ महीनों में ही वह बाजार में अग्रणी बन चुकी है। बिकने वाले वाहनों की संख्या और राजस्व दोनों के लिहाज से ओला भारत की सबसे बड़ी ईवी विनिर्माता बन चुकी है।
(डिस्क्लोजर: कोटक परिवार द्वारा नियंत्रित इकाइयों की बिज़नेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में बहुलांश हिस्सेदारी है)