नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने निफ्टी-50 में शामिल कंपनियों से जुड़े विलय या विलय समाप्त किए जाने के बारे में बाजार से प्रतिक्रिया मांगी है। एनएसई की ओर से यह सार्वजनिक परामर्श ऐसे समय में मांगा है जब वित्तीय क्षेत्र की दिग्गजों एचडीएफसी बैंक के एचडीएफसी के बीच प्रस्तावित विलय को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है।
मौजूदा समय में यह प्रावधान है कि विलय में शामिल होने वाली इकाई को सूचकांक से बाहर किया जाता है और बाद में विलय से गठित कंपनी का भारांक बढ़ जाता है। इसे ऐसे समझते हैं- निफ्टी में 5.5 प्रतिशत भारांक रखने वाले एचडीएफसी बैंक को सूचकांक से पहले बाहर किया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, उसका भारांक सूचकांक के शेष शेयरों में बंट जाएगा।
बाद में, जब एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का विलय पूरा हो जाएगा, तो विलय के बाद गठित इकाई का भारांक फिर से बढ़ जाएगा। विश्लेषकों ने इस फेरबदल की वजह से एचडीएफसी में करीब 1.5 अरब डॉलर की बिकवाली होने का अनुमान जताया है। एनएसई अब उस इकाई को भी साथ में सूचकांक से बाहर करने का प्रस्ताव रख रहा है जिसका विलय किया जा रहा है। इससे भारी उतार-चढ़ाव से बचने में मदद मिलेगी।
