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आसान नहीं शेयर पुनर्खरीद की राह, सत्यम की मुश्किल

Last Updated- December 08, 2022 | 10:05 AM IST

पिछले छह माह में हुए ओपन मार्केट में शेयर की पुनर्खरीद से निवेशकों को थोड़ा ही लाभ पहुंचा है। इस दौरान पुनर्खरीद करनेवाली 34 कंपनियों में से 25 के शेयरों का बाजार मूल्यांकन नीचे आया।


सिर्फ नौ कंपनियों के शेयर ही इस रुझान से बचने में सफल हुए जिनका बाजार भाव इस प्रस्ताव के दौरान एक से लेकर 40 फीसदी तक बढ़ा।

पुनर्खरीद में सबसे अधिक मार झेलने वाली कंपनियों की सूची में डीएलएफ, गोदरेज इंडस्ट्रीज, रेन कमोडिटीज, एएनजी ऑटो, एचईजी, आर सिस्ट्म्स इंटरनेशनल (40 फीसदी बाजार मूल्यांकन गिरा), जिंदल पॉली फिल्स, बॉश, टीवी टुडे, टीटीके हेल्थकेयर व सुराणा टेलीकॉम (20 से 40 फीसदी गिरावट)शामिल है।

इन सभी 34 कंपनियों ने 17.2 करोड़ शेयरों के बायबैक के लिए कुल 2,730 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इनमें से 15 कंपनियों ने खरीदारी शुरू की और बंबई शेयर बाजार (बीएसई) और नेशनल शेयर बाजार (एनएसई) से सिर्फ 1.2 करोड़ शेयर ही खरीदे।

रियल एस्टेट क्षेत्र की अग्रणी कंपनी डीएलएफ ने 600 रुपये प्रति शेयर की दर से 2.2 करोड़ शेयर खरीदने के लिए 1,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था लेकिन जब यह पुनर्खरीद शुरु हुई तो कंपनी का शेयर 458.35 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

हालांकि अब यह शेयर 40 फीसदी गिरकर बीएसई में 277.39 रुपये पर कारोबार कर रहा है। अब तक कंपनी ने सिर्फ 21 लाख शेयर ही खरीदे हैं।

अब सत्यम कंप्यूटर जिसने 12 घंटों के भीतर ही दो अधिग्रहण की घोषणा कि और बाद में निवेशकों के दबाव में उसे वापस ले लिया, 29 दिसंबर को आयोजित बोर्ड बैठक में पुनर्खरीद पर निर्णय ले सकती है।

पिछले छह माह के हाल को देखते हुए अगर सत्यम भी पुनर्खरीद लिए ओपन मार्केट में जाती है तो उसे मुंह की खानी पड़ सकती है। कंपनी के पास 6,200 करोड़ रुपये का सरप्लस है।

अगर वह पुनर्खरीद के लिए जाती है तो वर्तमान 169.35 रुपये के भाव पर 1,550 करोड़ रुपये में अधिकतम 6.6 फीसदी शेयर ही खरीद सकती है।

ओपन मार्केट में पुनर्खरीद का मतलब यह निकलता है कि कंपनी को ये शेयर मौजूदा बाजार मूल्य पर खरीदना होता है जो शेयरधारक तय करते हैं। यहां टेंडर पुनर्खरीद की तरह ही कंपनी शेयर की कोई कीमत तय नहीं कर सकती है।

First Published - December 19, 2008 | 9:23 PM IST

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