भारतीय शेयर बाजार अपने रिकॉर्ड ऊंचे स्तरों के आसपास कारोबार कर रहे हैं। निफ्टी ने 1 दिसंबर को 18,887 का स्तर छुआ था। तकनीकी स्तर पर अंतर और कुछ आंकड़ों पर विचार करें तो इस सूचकांक की आगामी राह का अनुमान लगाया जा सकता है।
जनवरी 2022 के बाद से निफ्टी 3.6 प्रतिशत और दो साल (1 जनवरी, 2021 से) में 30 प्रतिशत चढ़ा है। 30 दिनों में यह सूचकांक करीब 0.7 प्रतिशत गिरा है। वहीं जून 2022 के मध्य से इसमें उतार-चढ़ाव बना हुआ है। तब से इसमें करीब 20 प्रतिशत की तेजी आई है। यदि आप 200-डीएमए को दीर्घावधि रुझानों के मापक के तौर पर देखें तो अनुमान लगाया जा सकता है कि इस सूचकांक में इस डीएमए स्तर से ऊपर तेजी की संभावना बनी हुई है।
कारोबारी मात्रा अच्छी खासी रही है, लेकिन पिछले समय या इस साल यह ज्यादा मजबूत नहीं रही। प्रति सप्ताह कारोबार करने के संदर्भ में, शेयरों की औसत संख्या कैलेंडर वर्ष 2021 में (कैलेंडर वर्ष 2022 की तुलना में) 35 प्रतिशत ज्यादा थी। दैनिक सौदों का मूल्य भी 2021 के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत कम था। सभी एनएसई शेयरों के लिए बाजार-वार चढ़ने-गिरने का अनुपात सितंबर 2022 से हरेक महीने नकारात्मक रहा है।
म्युचुअल फंडों समेत घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने जनवरी 2022 से इक्विटी में 2.62 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया और इसमें 1.58 लाख करोड़ रुपये अप्रैल से दिसंबर के बीच लगाए गए। इक्विटी एमएफ और यूनिट-लिंक्ड बीमा योजनाओं के साथ साथ रिटेल खरीदारी भी डायरेक्ट इक्विटी में मजबूत रही।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का रुझान काफी हद तक परिवर्तनशील रहा है। इस साल, एफपीआई 1.22 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे हैं। वर्ष 2021 में, उन्होंने घरेलू बाजारों में 25,750 करोड़ रुपये की खरीदारी की। इस साल, अप्रैल और दिसंबर के बीच उन्होंने 11,900 करोड़ रुपये, 2021-22 में 1.4 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की। हालांकि पिछले दो महीनों में, एफपीआई ने 46,000 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के शेयर खरीदे हैं।
तीन प्रमुख कारोबारी समूहों – डीआईआई, एफपीआई, और रिटेल के रुख अनुरूप रहे हैं। क्षेत्र में सकारात्मक धारणा और उतार-चढ़ाव नवंबर में सीमित रहे, लेकिन पिछले साल अधिक व्यापक थे। निफ्टी पिछले 30 दिनों में मामूली गिरा है और 12 महीनों में इसमें 6 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई है। पिछले महीने क्षेत्र संबंधित बड़े बदलाव पीएसयू बैंक इंडेक्स (15.5 प्रतियात तक की तेजी), एफएमसीजी (3.2 प्रतिशत), निजी बैंक (2.2 प्रतिशत), और धातु (1 प्रतिशत) से दर्ज किए गए।
पिछले 12 महीनों के दौरान शानदार तेजी दर्ज करने वाले क्षेत्रों में पीएसयू बैंक (60.4 प्रतिशत तक), एफएमसीजी (21.1 प्रतिशत), धातु (18.8 प्रतिशत), निजी बैंक (17.5 प्रतिशत), वाहन (15.9 प्रतिशत), और ऊर्जा (13.4 प्रतिशत) शामिल थे। गिरने वाले में फार्मा सूचकांक (पिछले महीने में 3 प्रतिशत और पिछले साल में 6.5 प्रतिशत की गिरावट), रियल्टी (3 प्रतिशत/12 प्रतिशत की गिरावट), और आईटी (4 प्रतिशत/19.7 प्रतिशत) शामिल थे।
नवंबर में ऑटो इंडेक्स में 3 प्रतिशत की कमजोरी आई। पिछले साल 14 प्रतिशत गिरावट दर्ज करने वाले मीडिया क्षेत्र में पूर्ववर्ती महीने 2 प्रतिशत सुधार दर्ज किया गया। निफ्टी को अपना 200-डीएमए छूने के लिए मौजूदा स्तरों से करीब 6.5 प्रतिात तक की तेजी की जरूरत होगी। वहीं उसे करीब 16,900 तक पहुंचने के लिए करीब 7.5 प्रतिशत तक चढ़ने की जरूरत होगी।
पीएसयू बैंक और एफएमसीजी सूचकांक लगातार प्रदर्शन करने वाले सूचकांक रहे हैं। इसलिए, रुझानों पर अमल करने वालों को लगातार तेजी के लिए इन क्षेत्रों पर फिर से ध्यान देने की जरूरत होगी। विपरीत नजरिया आईटी और फार्मा सूचकांकों में बदलाव को बढ़ावा देगा, क्योंकि ये दोनों गिरावट का शिकार हुए हैं, या ऑटो इंडेक्स में इस तरह का रुझान दिखेगा, जो पूर्ववर्ती महीने की सक्रियता के बाद फिर से तेजी दिखा सकता है।