भारत के कुल बाजार पूंजीकरण में निफ्टी-50 इंडेक्स का योगदान वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर दो दशक के निचले स्तर 45.5 फीसदी पर आ गया। वित्त वर्ष 14 में 50 ब्लू चिप कंपनियों की देश के कुल बाजार पूंजीकरण में करीब दो तिहाई हिस्सेदारी थी। निफ्टी-50 इंडेक्स में शामिल कंपनियों के वर्चस्व में लगातार कमी की वजह सूचीबद्ध क्षेत्र में नई कंपनियों का प्रवेश और व्यापक बाजार में शेयरों का उम्दा प्रदर्शन है।
एनएसई मार्केट पल्स की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है, सालाना रुझान पर नजर डालें तो एनएसई की सूचीबद्ध कंपनियों में निफ्टी-50 की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 24 में 45.5 फीसदी रही जो 20 साल का निचला स्तर है। यह एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ने का नतीजा है जो वित्त वर्ष 96 में 422 थी और वित्त वर्ष 25 में बढ़कर 2,720 हो गई। इसके अतिरिक्त पिछले एक दशक में मिड और स्मॉलकैप कंपनियों के तुलनात्मक रूप से उम्दा प्रदर्शन ने भी इस बढ़ोतरी में खासा योगदान किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, निफ्टी मिडकैप 150 और निफ्टी स्मॉलकैप 250 ने पिछले 10 साल में सालाना आधार पर क्रमश: 16 फीसदी और 13.3 फीसदी का रिटर्न सृजित किया है जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स का रिटर्न 10.7 फीसदी रहा है। निफ्टी-50 इंडेक्स में फ्री फ्लोट मार्केट कैप के लिहाज से 50 अग्रणी कंपनियां शामिल होती हैं। पिछले महीने एनएसई निफ्टी-50 इंडेक्स ने अपने 29 साल पूरे किए। भारतीय बाजार के प्रदर्शन का यह पैमान 22 अप्रैल, 1996 को पेश किया गया था। शुरुआत से अब तक सिर्फ 11 कंपनियां ही ऐसी हैं जो इसका हिस्सा बनी हुई हैं।