भारत में गैस पाइपलाइन और गैस वितरण को कंट्रोल करने वाली सरकारी संस्था PNGRB (पेट्रोलियम और नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड) ने कुछ नए नियम लागू करने की मंजूरी दी है। इनका मकसद है कि गैस कारोबार को आसान बनाया जाए, गैस की सप्लाई सस्ती हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक गैस पहुंचे।
पहला बड़ा बदलाव यह है कि अब पूरे देश को गैस सप्लाई के लिए तीन हिस्सों में नहीं, बल्कि सिर्फ दो हिस्सों (ज़ोन) में बांटा गया है। पहले, जितनी दूर गैस जाती थी, उतना ज्यादा भाड़ा लगता था। अब इस दूरी की कैटेगरी कम कर दी गई है, जिससे कई इलाकों में गैस सस्ती हो सकती है, खासकर लंबी दूरी के ग्राहकों के लिए।
नई व्यवस्था के मुताबिक अब देशभर में CNG (गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली गैस) और घरेलू PNG (घरों में चूल्हों के लिए आने वाली पाइप गैस) के लिए एक ही तरह का टैरिफ यानी किराया लगेगा, जो “ज़ोन 1” का होगा। इससे उन कंपनियों को फायदा होगा जो अब तक दूर-दराज से गैस मंगवाने के कारण ज्यादा पैसे देती थीं।
उदाहरण के लिए, IGL यानी इंडियन गैस लिमिटेड, जो दिल्ली और आसपास के इलाकों में गैस सप्लाई करती है, अब लगभग ₹1 से ₹1.10 प्रति घन मीटर की बचत कर पाएगी। यानी उनका खर्च घटेगा, और मुनाफा बढ़ेगा।
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लेकिन जिन कंपनियों को अब तक गैस पास के इलाकों से सस्ती मिलती थी, जैसे कि MGL (मुंबई) और GUJGA (गुजरात गैस), उनके लिए ये नया नियम नुकसानदायक हो सकता है। क्योंकि अब उन्हें भी बाकी सबकी तरह ज़ोन 1 का ही टैरिफ देना होगा, जिससे उनका खर्च लगभग ₹0.35 से ₹0.36 प्रति घन मीटर बढ़ सकता है।
PNGRB ने एक और नियम ये बनाया है कि अब गैस पाइपलाइन चलाने वाली कंपनियों को अपनी ज़रूरत की कम से कम 75% गैस लंबे समय वाले कॉन्ट्रैक्ट से खरीदनी होगी। इससे कंपनियों को गैस की कीमत में स्थिरता मिलेगी और रोज़-रोज़ बदलते दामों से बचा जा सकेगा।
इसके साथ ही, अगर कोई कंपनी अपनी पाइपलाइन को 75% से ज्यादा इस्तेमाल कर रही है और उससे ज्यादा मुनाफा कमा रही है, तो उस कमाई का आधा हिस्सा एक नया फंड (Pipeline Development Reserve) में जमा किया जाएगा। इस फंड का इस्तेमाल देश में गैस नेटवर्क फैलाने में किया जाएगा। बाकी आधा हिस्सा आम जनता को टैरिफ घटाकर वापस मिलेगा।
ICICI सिक्योरिटीज का मानना है कि ये नए नियम IGL के लिए बेहद फायदेमंद हैं और इससे कंपनी का मुनाफा 15% तक बढ़ सकता है। हालांकि महानगर गैस (MGL) और गुजरात गैस (GUJGA) को नुकसान हो सकता है, लेकिन लंबे समय में ये कंपनियां गैस की खपत बढ़ाकर अपने नुकसान को काबू कर सकती हैं। इसी वजह से ICICI ने तीनों कंपनियों पर BUY रेटिंग बरकरार रखी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अब CNG की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। लोग पेट्रोल-डीज़ल की तुलना में अब CNG को सस्ता और फायदेमंद मान रहे हैं। साथ ही, सरकार भी गैस नेटवर्क को बढ़ाने पर ज़ोर दे रही है।
PNGRB के नए नियमों से जहां एक तरफ कुछ कंपनियों को राहत मिलेगी, वहीं कुछ को थोड़ा नुकसान हो सकता है। लेकिन बड़ा फायदा ये है कि इससे देश में एक जैसी गैस व्यवस्था बनेगी, सप्लाई में पारदर्शिता आएगी और लंबी दूरी के इलाकों में गैस सस्ती पहुंचेगी। यह बदलाव भारत को गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ाने में मदद करेगा।
डिस्क्लेमर: यह खबर ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर है, निवेश संबंधित फैसले लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।