facebookmetapixel
Groww IPO: 57% सब्सक्रिप्शन के बावजूद लंबी रेस का घोड़ा है ये शेयर? एक्सपर्ट ने बताया क्यों3% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ Orkla India का शेयर, मार्केट कैप पहुंचा ₹10,000 करोड़ के करीबसुस्त शुरुआत के बाद सोने-चांदी की कीमतों में तेजी, घरेलू बाजार में जानें आज के भावपहले कमाते थे ₹52, अब मिलते हैं ₹45; दो-दो ऑर्डर एक साथ ले जाने से डिलीवरी बॉय की कमाई घटीबिहार विधानसभा चुनाव 2025: पहले चरण में सुबह 9 बजे तक कुल 13.13% मतदान, सहरसा जिले में सबसे अधिक 15.27% वोटिंगFortis से Paytm तक, MSCI की नई लिस्ट में 4 भारतीय शेयर शामिल – चीन ने भी दिखाई ताकतStocks to Watch today: पेटीएम, ब्रिटानिया, अदाणी एनर्जी जैसे दिग्गजों के नतीजे तय करेंगे दिशाStock Market today: शेयर बाजार में हल्की बढ़त, शुरुआती गिरावट के बाद निफ्टी में रिकवरीऋण घटाने की दिशा में अस्पष्ट नीति आर्थिक प्रगति पर पड़ सकती है भारीमहिलाओं को नकदी हस्तांतरण, बढ़ते खर्च राज्यों के लिए बड़ी चुनौती

क्यूएसबी के लिए तय होगी नेटवर्थ की सीमा

Last Updated- December 25, 2022 | 10:31 PM IST
share market

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) उन पात्र शेयर ब्रोकरों (क्यूएसबी) के लिए अ​धिक नेटवर्थ सीमा तय कर सकता है, जो बड़ी तादाद में ग्राहकों, फंडों और कारोबार का प्रबंधन करते हैं।सेबी बोर्ड ने निर्णय लिया है कि क्यूएसबी को बढ़ते जो​खिम प्रबंधन मानकों पर अमल करने की जरूरत होगी और वे नियामक तथा बाजार इन्फ्रास्ट्रक्चर संस्थानों द्वारा सख्त निगरानी के अधीन होंगे। सेबी के अनुसार, 16 ब्रोकर ऐसे क्यूएसबी मानकों के अधीन आएंगे जिन्हें अलग से जारी किया जाएगा। एक अ​धिकारी ने कहा, ‘यदि कोई ब्रोकर दैनिक आधार पर व्यापक कारोबार और ग्राहक कोष का प्रबंधन करता है, तो इसमें परिचालन के लिए उसके पास उस अनुपात में पूंजी भी होनी चाहिए।

क्यूएसबी के लिए नेटवर्थ सीमा की जरूरत से जो​खिम दूर करने में मदद मिल सकती है।’क्यूएसबी के लिए सेबी के दृ​ष्टिकोण को आरबीआई द्वारा नियामकीय ढांचा क्रियान्वयन के लिए निर्धारित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के वि​भिन्न मानकों में से एक के तौर पर देखा जा रहा है। सेबी ने अपनी बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णयों में कहा, ‘बाजार में खास शेयर ब्रोकर बड़ी संख्या में ग्राहकों, ग्राहक कोषों, और बड़ी मात्रा में कारोबार का प्रबंधन करते हैं। ऐसे ब्रोकरों की संभावित विफलता से निवेशकों पर बड़ा प्रभाव पड़ने और भारतीय प्रतिभूति बाजार को साख संबं​धित नुकसान पहुंचने की आशंका है।’

पूंजी सीमा की जरूरत से उन शेयर ब्रोकरों में जो​खिम दूर करने में मदद मिल सकती है जो ज्यादा मात्रा में व्यवसाय करते हैं, लेकिन नेटवर्थ कम बनाए रखते हैं। इस साल के शुरू में, सेबी ने शेयर ब्रोकरों की नेटवर्थ जरूरत बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये किए जाने के संबंध में एक अ​धिसूचना जारी की थी। सैमको में समूह मुख्य कार्या​धिकारी जिमीत मोदी ने कहा, ‘नए ढांचे के तहत, सेबी बड़े ब्रोकरों पर ज्यादा ध्यान देने और प्रतिभूति बाजार में जो​खिम घटाने में सक्षम होगा। कारोबार, ग्राहकों की संख्या, और क्लायंट फ्लोट को मानकों के तौर पर शामिल किया जा सकेगा।’ कई उभरते शेयर ब्रोकरों का मानना है कि इससे उनमें श्रेणी विभाजन को बढ़ावा मिल सकता है और नए निवेशक पात्र टैग के साथ जुड़ने पर जोर दे सकते हैं।

First Published - December 25, 2022 | 10:15 PM IST

संबंधित पोस्ट