निवेशकों ने मई में एक्टिव म्युचुअल फंड योजनाओं से 27,600 करोड़ रुपये की निकासी की है, जो सितंबर 2021 के बाद सबसे बड़ी निकासी है। शेयरों के दाम में तेजी आने के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली की है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड ऑफ इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार निवेशकों की ओर से मुनाफावसूली किए जाने के कारण इक्विटी योजनाओं में शुद्ध निवेश मई में घटकर 3,240 करोड़ रुपये रह गया, जो छह महीने में सबसे कम है।
दिसंबर से फरवरी के बीच कमजोर प्रदर्शन के बाद विदेशी निवेशकों की सतत लिवाली से मार्च अंत से शेयर बाजार में अच्छी तेजी आई है। मई में निफ्टी 2 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है और तीन महीने की बढ़त 5 फीसदी तक बढ़ा ली है। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 6.2 फीसदी चढ़ा है जबकि निफ्टी स्मॉलकैप में इस दौरान 5.1 फीसदी की तेजी आई है।
उद्योग के अधिकारियों और विशेषज्ञों ने कहा कि म्युचुअल फंड में शुद्ध निवेश में कमी मुख्य रूप से मुनाफावसूली और शिक्षा तथा अन्य जरूरतों के लिए यूनिटों को भुनाए जाने की वजह से आई है।
कोटक महिंद्रा एएमसी में बिक्री, मार्केटिंग और डिजिटल बिजनेस के राष्ट्रीय प्रमुख मनीष मेहता ने कहा, ‘छुट्टियों, शिक्षा पर संभावित खर्च के साथ बाजार में तेजी के बीच मुनाफावसूली के कारण मई में म्युचुअल फंड में निवेश कम हुआ है।’
मॉर्निंगस्टार इंडिया में विश्लेषक-मैनेजर रिसर्च मेल्विन सेंटारिटा ने कहा, ‘मुनाफावसूली के साथ ही ऋण सीमा बढ़ाए जाने के अमेरिकी सरकार के निर्णय से संबंधित चिंता के कारण शुद्ध निवेश कम रहा है।’
निवेशकों ने लार्ज कैप, फ्लेक्सीकैप और थीम आधारित तथा क्षेत्र आधारित योजनाओं से सबसे ज्यादा निवेश की बिकवाली की है। इन तीनों फंड श्रेणियों में रिकॉर्ड 13,245 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। इससे इन श्रेणियों में शुद्ध निवेश ऋणात्मक हो गया। इसके साथ ही लार्ज कैप योजनाओं से सबसे ज्यादा 1,362 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की गई।
हालांकि स्मॉलकैप योजनाओं में निवेश का प्रवाह बना रहा। मई में स्मॉलकैप योजनाओं में 3,283 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ जो अप्रैल 2019 (एम्फी ने जब से निवेश का आंकड़ा जारी करना शुरू किया है) से अभी तक सर्वाधिक आंकड़ा है।
विशेषज्ञों के अनुसार निवेश का यह रुझान दिखाता है कि निवेशक मूल्यांकन के आधार पर निवेश का निर्णय ले रहे हैं। एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा कि निवेशक स्मॉलकैप को आकर्षक मान रहे हैं क्योंकि वित्त वर्ष 2023 में तेज गिरावट के बाद इनके मूल्यांकन में सुधार हुआ है।
हालांकि इक्विटी योजनाओं में सकल निवेश अभी भी ऊंचा बना हुआ है और निवेशकों ने मई में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट योजना (SIP) के जरिये 14,749 करोड़ रुपये का सर्वकालिक अधिकतम निवेश किया है। मई में एक्टिव इक्विटी योजनाओं में सकल निवेश 21 फीसदी बढ़कर 30,800 करोड़ रुपये रहा।
एक्टिव डेट योजनाओं में मई में अक्टूबर 2020 के बाद सबसे ज्यादा निवेश हुआ है और इन योजनाओं में निवेश का मजबूत प्रवाह बना हुआ है। लिक्विड योजनाओं में 45,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का शुद्ध निवेश हुआ है।