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Tech Funds 3 महीने में 18.6% टूटे, निवेश करें या इंतजार करें? जानें इन्वेस्टर्स के लिए क्या है सही स्ट्रैटेजी

टेक कंपनियों की ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाला नैस्डैक 100 इंडेक्स हाल में अस्थिर रहा है। इससे निवेशकों की भावनाओं पर असर पड़ा है और भारतीय टेक स्टॉक्स पर दबाव बना है।

Last Updated- March 21, 2025 | 7:30 AM IST
Tech Funds

Tech sector funds: टेक्नोलॉजी सेक्टर से जुड़ें फंड्स पर पिछले कुछ महीनों से जबरदस्त दबाव देखा जा रहा हैं। वैल्यू रिसर्च के डेटा के मुताबिक, 19 मार्च को समाप्त तीन महीनों के दौरान इन फंड्स में औसतन 18.6% की गिरावट आई है जो इक्विटी फंड्स में सबसे बड़ी गिरावट है। कोटक म्यूचुअल फंड में सीनियर एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और हेड ऑफ इक्विटी रिसर्च शिबानी कुरियन ने कहा, “निकट भविष्य में ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक में सुस्ती, टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव जैसी अनिश्चितताओं का इस सेक्टर पर प्रभाव पड़ा है।”

कमजोर ग्लोबल रुझानों से टेक स्टॉक्स पर दबाव

भारत की कई आईटी कंपनियां अपनी आय के लिए अमेरिका पर काफी हद तक निर्भर हैं। आदित्य बिड़ला सन लाइफ एसेट मैनेजमेंट कंपनी के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर महेश पाटिल ने कहा, “अमेरिका में मैक्रोइकोनॉमिक माहौल स्पष्ट रूप से बिगड़ा है। टैरिफ को लेकर बढ़ती अनिश्चितता, सरकारी खर्च में कटौती और ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम होने जैसे कारकों ने विवेकाधीन खर्च की रिकवरी को वित्त वर्ष 2025-26 तक टाल दिया है। अमेरिका की आर्थिक वृद्धि को लेकर भी चिंता बनी हुई है।”

टेक कंपनियों की ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाला नैस्डैक 100 इंडेक्स हाल में अस्थिर रहा है। इससे निवेशकों की भावनाओं पर असर पड़ा है और भारतीय टेक स्टॉक्स पर दबाव बना है।

AI का प्रभाव

भारतीय टेक कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में तेजी से हो रही प्रगति के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश कर रही हैं। टाटा म्युचुअल फंड की फंड मैनेजर मीता शेट्टी ने कहा, “जनरेटिव एआई आधारित प्लेटफॉर्म्स का बढ़ता इस्तेमाल निकट भविष्य में महंगाई दर पर दबाव डाल सकता है। हालांकि, हमें लगता है कि आगे चलकर जनरेटिव एआई का उपयोग भारतीय आईटी सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण रेवेन्यू स्रोत बनेगा, लेकिन शुरुआती वर्षों में उत्पादकता बढ़ाने के फायदे ग्राहकों को देने से ओवरऑल ग्रोथ सीमित रह सकती है।”

फिलहाल ग्राहक अपने निवेश दूसरी जगह कर रहे हैं। पाटिल ने कहा, “निकट भविष्य में आईटी सेवाओं पर खर्च कम रह सकता है, क्योंकि कंपनियां हाइपरस्केलर्स और स्वतंत्र सॉफ्टवेयर वेंडर्स (ISVs) पर ज्यादा खर्च कर रही हैं, जो एआई और जनरेटिव एआई सेवाओं के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं।”

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IT सर्विसेज में लॉन्ग टर्म अवसर

आईटी कंपनियां बदलते कारोबारी माहौल के अनुसार खुद को ढाल रही हैं। वे नई तकनीकों में निवेश कर रही हैं और अपने क्लाइंट्स के साथ संबंध मजबूत कर रही हैं। कुरियन ने कहा, “आईटी सेवाओं में लॉन्ग टर्म अवसर बना हुआ है, खासकर तब  जब ज्यादा कंपनियां एआई अपनाने की ओर बढ़ रही हैं। यह एक बहुवर्षीय अवसर हो सकता है।” शेट्टी ने कहा, “हालिया गिरावट के बाद वैल्यूएशन अब उचित स्तर की ओर बढ़ रहे हैं।

उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहें

अभी कुछ समय तक बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है। शेट्टी ने कहा, “अमेरिका और यूरोप में पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे यह सेक्टर निकट भविष्य में अस्थिर रह सकता है।”

टेक फंड्स में निवेश करने से पहले जोखिमों को अच्छी तरह समझ लें। पाटिल ने कहा, “पिछले दो वर्षों से विवेकाधीन खर्च (Discretionary spending) कमजोर बना हुआ है। अगर यही माहौल जारी रहा, तो रेवेन्यू और मुनाफे के अनुमान और घट सकते हैं। फिलहाल लंबा खिंचता ट्रेड वॉर, अमेरिका की ग्रोथ आउटलुक में कमजोरी, फैसले लेने में देरी और तेज प्रतिस्पर्धा जैसे जोखिम बने हुए हैं।”

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लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करें

डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स में पर्याप्त निवेश वाले निवेशक ही सेक्टोरल फंड्स की ओर बढ़ें। कुरियन ने कहा, “टेक्नोलॉजी सेक्टर में लॉन्ग टर्म संभावनाएं हैं। ऐसे फंड्स में निवेश लंबी अवधि के नजरिए से ही करना चाहिए।”

स्क्रिपबॉक्स के फाउंडर और सीईओ अतुल सिंघल ने कहा, “निवेश की अवधि कम से कम सात साल की होनी चाहिए। आईटी सेक्टर में हालिया गिरावट को लंबे समय के नजरिए से खरीदारी के मौके के तौर पर देखा जा सकता है।”

किसी एक सेक्टर फंड में निवेश इक्विटी पोर्टफोलियो का 5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए। शेट्टी ने कहा, “इस सेक्टर का साइक्लिक स्वभाव और एक ही सेक्टर में निवेश का जोखिम ज्यादा होता है, इसलिए इसमें निवेश सीमित रखना चाहिए। जिन निवेशकों का जोखिम लेने का स्तर कम है, उन्हें सेक्टोरल फंड्स से बचना चाहिए।” सिंघल ने यह भी कहा कि नए निवेशकों को फिलहाल आईटी फंड्स से दूर रहना चाहिए।

First Published - March 21, 2025 | 7:30 AM IST

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