म्युचुअल फंड

SIP Inflow: निवेशकों का रुझान बरकरार, मई में इनफ्लो ₹26,688 करोड़ के ऑल टाइम हाई पर

SIP म्युचुअल फंड उद्योग में निवेश का एक प्रमुख जरिया बना हुआ है, जिससे बाजार की अस्थिर परिस्थितियों में भी निरंतरता बनाए रखने में मदद मिल रही है।

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अंशु   
Last Updated- June 10, 2025 | 5:13 PM IST

SIP Inflow in May: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) पर म्युचुअल फंड निवेशकों का भरोसा बरकरार है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, मई में SIP के जरिए निवेश 26,688 करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। यह अब तक का सबसे अधिक मासिक SIP इनफ्लो है। अप्रैल में SIP इनफ्लो 26,632 करोड़ रुपये था। योगदान करने वाले SIP खातों की संख्या भी बढ़कर 8.56 करोड़ के नए शिखर पर पहुंच गई।

इक्विटी म्युचुअल फंड्स में निवेश 22% घटा

मई 2025 के दौरान इक्विटी म्युचुअल फंड्स में निवेश में भारी गिरावट आई है। यह बीते महीने में 21.66% घटकर 19,013 करोड़ रुपये रह गया। जबकि अप्रैल 2025 में यह 24,269 करोड़ रुपये था। यह लगातार पांचवा महीना है जब इक्विटी फंड्स निवेश में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, यह लगातार 51वां महीना भी है जब इस कैटेगरी में नेट निवेश बना हुआ है।

वहीं, दूसरी तरफ SIP म्युचुअल फंड उद्योग में निवेश का एक प्रमुख जरिया बना हुआ है, जिससे बाजार की अस्थिर परिस्थितियों में भी निरंतरता बनाए रखने में मदद मिल रही है। अगस्त 2023 से एसआईपी के माध्यम से निवेश हर महीने ₹20,000 करोड़ के स्तर से ऊपर बना हुआ है।

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नए निवेश के लिए SIP पहली पसंद

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी कहते हैं, “इक्विटी नेट सेल्स में 22% की भारी गिरावट देखी गई है, जिसका मुख्य कारण मई 2025 में अप्रैल 2025 की तुलना में ₹5,000 करोड़ का अधिक रिडेम्प्शन होना है। यह शायद महीने शुरुआत में युद्ध जैसी स्थिति के कारण था, जिससे निवेशकों का रुझान बदल गया और उन्होंने सतर्क रुख अपनाया। SIP के आंकड़े ₹26,000 करोड़ से ऊपर होना बहुत उत्साहजनक है, जिसका अर्थ है कि नए निवेश के लिए SIP को एकमुश्त निवेश के बजाय ज्यादा पसंद किया गया है।”

SIP और हाइब्रिड फंड्स पर बढ़ा भरोसा

मिरे असेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) की डिस्ट्रीब्यूशन और स्ट्रेटेजिक अलायंस की प्रमुख सुरंजना बोरठाकुर कहती हैं, “मई में भले ही इक्विटी इनफ्लो कम हुआ हो, लेकिन SIP योगदान स्थिर रहने से निवेशकों का भरोसा मजबूत बना हुआ है। लार्ज-कैप और फ्लेक्सी-कैप इनफ्लो में कमी निकट अवधि की सावधानी को दर्शाती है, लेकिन लार्ज-कैप में आकर्षक वैल्यूएशन से निवेशकों की रुचि फिर से बढ़ सकती है। मिड और स्मॉल-कैप फंडों में भी निवेश थोड़ा कम हुआ है। हालांकि इन सेगमेंट के लिए लंबी अवधि के निवेशकों की रुचि बरकरार है।”

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उन्होंने आगे कहा, जो बात हमें सबसे ज्यादा उत्साहित करती है, वह है हाइब्रिड फंड्स का बढ़ना। इनमें आर्बिट्रेज फंड्स, बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स (BAF) और मल्टी-एसेट फंड्स शामिल हैं। यह दिखाता है कि निवेशक शॉर्ट टर्म में बाजार की अस्थिरता को संभालने के लिए इन फंड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे इनसे जुड़े रहकर भी निवेश बनाए रख पा रहे हैं। खासकर, आर्बिट्रेज फंड्स को लोग एक सुरक्षित जगह मान रहे हैं। इनमें वे अपने पैसे को कुछ समय के लिए रखते हैं, ताकि बाद में उसे कहीं और निवेश कर सकें।”

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वह कहती है कि कुल मिलाकर, ऐसा लगता है कि निवेशक संतुलित और सोच-समझकर अलग-अलग जगह पैसा लगा रहे हैं। वे ऐसा अपनी जोखिम लेने की क्षमता और निवेश की अवधि के हिसाब से कर रहे हैं।

मई के अंत तक म्युचुअल फंड उद्योग की कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर 72.2 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। यह अप्रैल के अंत में 70 लाख करोड़ रुपये था।

First Published : June 10, 2025 | 3:25 PM IST