प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
ब्लैकस्टोन-समर्थित एएसके ऐसेट ऐंड वेल्थ मैनेजमेंट ग्रुप की परिसंपत्ति प्रबंधन इकाई एएसके प्राइवेट वेल्थ ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से होने वाले मुनाफे, व्यापार टकराव में कमी और विदेशी पूंजी निवेश की फिर से वापसी को कुछ ऐसे अहम कारणों में गिनाया है जो 2026 में बाजारों को आकार दे सकते हैं।
अपनी ‘सिक्स थीम्स ऐंड वन वरी नॉट’ नाम की आउटलुक 2026 रिपोर्ट में फर्म ने 6 ऐसी थीम बताई हैं जिनसे अगले साल निवेश के माहौल पर काफी असर पड़ने की उम्मीद है। ये हैं – एआई को अपनाना, व्यापार शुल्कों का समाधान, केंद्रीय बैंक की नीति में लचीलापन, सेक्टोरल रोटेशन, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की नए सिरे से दिलचस्पी और वैकल्पिक परिसंपत्तियों पर ध्यान बढ़ना।
रिपोर्ट में बताया गया है कि मौजूदा एआई चक्र पिछले टेक्नोलॉजी बूम से संरचना के हिसाब से अलग है, क्योंकि यह मूल्यांकन बढ़ने के बजाय कमाई में बढ़ोतरी से चल रहा है। वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियां कमाई में लगातार बढ़ोतरी कर रही हैं, जिससे यह बात सुनिश्चित होती है कि मौजूदा तेजी फंडामेंटलों पर आधारित है।
बदलते अमेरिका-भारत टैरिफ माहौल पर एएसके प्राइवेट वेल्थ ने कहा कि आखिर में समाधान के पक्ष में जो कारक हैं, वे जोखिम से ज्यादा हैं। टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं के बावजूद भारत ने इसके प्रभाव का अच्छी तरह से प्रबंधन किया है, जिससे उसका कुल व्यापार संतुलन स्थिर रहा है और रुपया ऐतिहासिक दायरे में बना हुआ है।