प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शर्तों में बदलाव करके जीरो-कूपन बॉन्ड को 10,000 रुपये के कम डिनॉमिनेशन में जारी करने की अनुमति दी है।
इसके तहत जारीकर्ता निजी नियोजन के जरिये जारी -अपरिवर्तनीय ऋण प्रतिभूतियों और अपरिवर्तनीय तरजीही शेयरों (एनसीआरपीएस) की फेस वैल्यू कम कर सकते हैं।
पहले के एक सर्कुलर में सेबी ने जारी करने वालों को ऐसी प्रतिभूतियों की फेस वैल्यू घटाकर 10,000 रुपये करने की इजाजत दी थी, बशर्ते वे फिक्स्ड मैच्योरिटी वाले ब्याज या लाभांश देने वाले साधन हों और उन पर कोई स्ट्रक्चर्ड ऑब्लिगेशन न हो। हालांकि, इस शर्त ने जीरो-कूपन बॉन्ड को बाहर कर दिया, जो समय-समय पर ब्याज नहीं देते हैं।
बाजार कारोबारियों की प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए सेबी ने माना कि जीरो-कूपन बॉन्ड (जो आमतौर पर डिस्काउंट पर जारी किए जाते हैं और बराबर कीमत पर रिडीम किए जाते हैं) समय-समय पर मिलने वाले कूपन के बजाय कीमत में बढ़ोतरी पर रिटर्न देते हैं। नियामक ने कहा कि ये बॉन्ड समय के साथ चक्रवृद्धि रिटर्न देते हैं और पोर्टफोलियो में विविधता लाने वाले निवेशक इनका ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।