म्युचुअल फंड

2025 Top Mutual Fund trends: SIP, AUM और फोलियो डेटा से मिल रहा बड़ा संकेत, AMFI ने जारी की सालाना रिपोर्ट

AMFI के CEO वेंकट एन चालसानी ने कहा कि FY25 में म्युचुअल फंड इंडस्ट्री का प्रदर्शन उसकी मजबूती और लॉन्ग टर्म संभावनाओं को दर्शाता है।

Published by
साई अरविंद   
Last Updated- May 19, 2025 | 5:09 PM IST

2025 Top Mutual Fund trends: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद म्युचुअल फंड (mutual fund) इंडस्ट्री मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। मार्च 2025 में इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी लगातार इनफ्लो और फोलियो की संख्या में ऐतिहासिक इजाफे के चलते देखने को मिली। AMFI की 2025 की एनुअल रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 में इंडस्ट्री का AUM ₹65.74 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह मार्च 2024 के ₹53.40 लाख करोड़ की तुलना में 23.11% ज्यादा है। मार्क-टू-मार्केट (MTM) गेन और निवेशकों की लगातार बनी रुचि AUM में इस बढ़ोतरी की प्रमुख वजहें रही। खासकर उस समय जब बाजार दूसरी छमाही में नीचे आया था।

इक्विटी स्कीम्स में सबसे ज्यादा निवेश

रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में घरेलू म्युचुअल फंड में कुल ₹8.15 लाख करोड़ का इनफ्लो दर्ज किया गया। रिपोर्ट में कहा गया, “बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों ने अपनी पोजिशन बनाए रखी, जो उनके लॉन्ग टर्म निवेश के नजरिये को दर्शाता है।”

इस दौरान इनफ्लो का बड़ा हिस्सा इक्विटी-ओरिएंटेड स्कीम्स (equity-oriented schemes) में गया, जहां ₹4.17 लाख करोड़ की रकम आई। वहीं, निवेश के डायवर्सिफिकेशन का संकेत देते हुए डेट स्कीम्स (debt schemes) में ₹1.38 लाख करोड़ का निवेश आया। यह लगातार तीन साल के आउटफ्लो के बाद वापसी दर्शाता है। AMFI ने कहा कि डेट कैटेगरी में यह मजबूती कम ब्याज दरों, भविष्य में और रेट कट की उम्मीदों और यील्ड में गिरावट के कारण देखने को मिली। हालांकि, AMFI ने यह भी बताया कि भारत में म्युचुअल फंड की पहुंच अब भी कई विकसित देशों की तुलना में काफी कम है।

Also read: Daily SIP: क्यों चुनें डेली SIP, क्या होगा फायदा? सिर्फ ₹100 से निवेश शुरू करने का है ऑप्शन

FY25 में म्युचुअल फंड फोलियो 32% बढ़ा

वित्त वर्ष 2025 में म्युचुअल फंड फोलियो की कुल संख्या 32% की तेज बढ़ोतरी के साथ 23.45 करोड़ हो गई। यह वित्त वर्ष 2024 में 17.78 करोड़ थी। यह दर्शाता है कि निवेशकों की भागीदारी मजबूत रही। इस ग्रोथ का एक प्रमुख कारण ग्रोथ/इक्विटी-ओरिएंटेड स्कीम्स में फोलियो की संख्या में सालाना आधार पर 33.4% की बढ़ोतरी रही। यह पिछले वर्ष के 12.28 करोड़ से बढ़कर 16.38 करोड़ हो गई। कुल फोलियो में से लगभग 70% हिस्सा अब भी इक्विटी स्कीम्स का ही बना हुआ है।

हाइब्रिड स्कीम्स ने भी शानदार बढ़त दर्ज की है। इसका फोलियो 16.1% बढ़ा। वहीं, अन्य स्कीम्स- जैसे इंडेक्स फंड (Index Funds) और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs)- में फोलियो 48.3% की तेज बढ़त के साथ बढ़े। इसके विपरीत, इनकम/डेट-ओरिएंटेड स्कीम्स (income/debt-oriented schemes) में गिरावट दर्ज की गई, जहां वित्त वर्ष के दौरान फोलियो की संख्या 3% घटकर 69,49,759 रह गई।

SIP का बढ़ रहा क्रेज

वित्त वर्ष 2025 में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये इनफ्लो 45.24% की छलांग लगाकर ₹2.89 लाख करोड़ पर पहुंच गया। इस बढ़ोतरी और मार्क-टू-मार्केट (MTM) गेन के चलते SIP से जुड़े एसेट्स सालाना आधार पर 24.59% बढ़कर ₹13.35 लाख करोड़ हो गए, जो म्युचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल AUM का 20.31% हिस्सा है।

इस दौरान नए SIP अकाउंट्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई, साथ ही नियमित योगदान देने वाले निवेशकों की संख्या भी बढ़ी। रिपोर्ट में कहा गया, “बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद SIP में निरंतर बढ़ोतरी से यह साफ है कि निवेशकों का आत्मविश्वास और लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता लगातार मजबूत हो रही है।”

Also read: मार्केट में अनिश्चितता के बीच म्यूचुअल फंड का कैश रिजर्व बढ़ा, पर निवेशकों की सतर्कता बनी रही

युवा निवेशक दिखा रहे जोखिम उठाने की चाह

AMFI के आंकड़ों से यह भी सामने आया कि युवा निवेशक अपेक्षाकृत आक्रामक निवेश स्ट्रैटेजी अपना रहे हैं, जबकि वरिष्ठ निवेशक जोखिम प्रबंधन को प्राथमिकता देते हुए डाइवर्सिफिकेशन पर जोर दे रहे हैं।

AMFI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि निवेशक अब लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन की स्ट्रैटेजियों की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। क्योंकि पांच साल से ज्यादा समय से होल्ड किए गए SIP एसेट्स का अनुपात काफी बढ़ गया है। “यह रुझान दर्शाता है कि निवेशक अनुशासित और लॉन्ग टर्म निवेश को अपना रहे हैं।”

AMFI के CEO वेंकट एन चालसानी ने एनुअल रिपोर्ट में कहा, “वित्त वर्ष 2025 में म्युचुअल फंड इंडस्ट्री का प्रदर्शन उसकी मजबूती और लॉन्ग टर्म संभावनाओं को दर्शाता है। निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और अनुकूल मैक्रोइकोनॉमिक इंडीकेटर्स के चलते आउटलुक पॉजिटव बना हुआ है।”

First Published : May 19, 2025 | 5:09 PM IST