प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
इक्विटी म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं में लगातार पांचवें महीने अप्रैल में नकदी का स्तर बढ़ गया। इसकी वजह वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच फंड प्रबंधकों का निवेश को लेकर सतर्क दृष्टिकोण बरकरार रखना रहा। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार 30 अप्रैल तक 20 बड़े फंड हाउसों की इक्विटी योजनाओं के पास नकदी उनके कुल पोर्टफोलियो के 7.2 प्रतिशत थी जो मार्च के 6.9 और फरवरी के 6.8 फीसदी से अधिक है। अप्रैल में कुल नकदी का स्तर मई 2021 के बाद से सबसे अधिक था।
बीएनपी पारिबा की रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग स्तर पर (सभी फंडों की) मौजूद नकदी का स्तर 6.1 प्रतिशत था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) थोड़े सतर्क रहे, फंडों के पास नकदी कई वर्षों के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई जो प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) का 6.1 प्रतिशत है।’
नकदी स्तर यानी गैर निवेशित रकम को बाजार के बारे में फंड प्रबंधक के नजरिये के संकेत के तौर पर देखा जाता है। हालांकि फंड अधिकारियों का कहना है कि वे पूरी तरह निवेशित बने रहने पर जोर देते हैं। लेकिन बाजार की अनिश्चितता, भविष्य में बेहतर खरीद अवसरों की उम्मीद में वे कुछ नकदी अपने पास बनाए रखते हैं। विश्लेषकों के अनुसार इक्विटी योजनाओं में नकदी स्तर में बदलाव पोर्टफोलियो में बड़े बदलाव या महीने के आखिर में भारी निवेश या बिकवाली के कारण भी हो सकता है। बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण इक्विटी होल्डिंग के मूल्य में परिवर्तन, प्रतिशत स्तर पर नकदी स्तर को भी प्रभावित करता है। शीर्ष 20 फंड हाउस में से चार के पास 10 प्रतिशत या उससे अधिक नकदी थी। पराग पारेख फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेज के पास सबसे अधिक 23.6 प्रतिशत नकदी थी।