म्युचुअल फंड

Mutual Funds में फंसे हैं ₹3,452 करोड़! कहीं आपका भी पैसा तो नहीं? ऐसे करें चेक और क्लेम

सेबी की एनुअल रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच म्युचुअल फंड के तहत बिना दावे वाली राशि 20.61 फीसदी यानी 590 करोड़ रुपये बढ़कर 3,452 करोड़ रुपये हो गई

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अंशु   
Last Updated- October 05, 2025 | 8:07 PM IST

भारत में निवेशकों में जागरूकता की कमी के बीच म्युचुअल फंड में बिना दावे वाली राशि (unclaimed investor money) लगातार बढ़ती जा रही है। वित्त वर्ष 2025 में यह बढ़कर 3,452 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। हालांकि, निवेशक अपने फंड का पैसा आसानी से ट्रेस और क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए जटिल प्रक्रियाओं की जरूरत नहीं है। बस कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करने से आप अपनी अनक्लेम्ड म्युचुअल फंड एसेट का पैसा पा सकते हैं।

बिना दावे वाली राशि तब बनती है जब निवेशक अपने बैंक डिटेल अपडेट करना भूल जाते हैं, पता बदलते हैं लेकिन रजिस्ट्रार को इसकी जानकारी नहीं देते, या छोटे बैलेंस की अनदेखी कर देते हैं। अनक्लेम्ड अमाउंट में बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि निवेशकों के साथ संचार और उनकी जानकारी ट्रैक करने में कमी है।

MF में बिना दावे वाली राशि 21% बढ़ी

सेबी की एनुअल रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच म्युचुअल फंड के तहत बिना दावे वाली राशि 20.61 फीसदी यानी 590 करोड़ रुपये बढ़कर 3,452 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले यह 2,862 करोड़ रुपये थी।

इस अवधि के दौरान अनक्लेम्ड रिडेम्प्शन अमाउंट में 10% की वृद्धि हुई और यह 1,128 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष 1,024 करोड़ रुपये थी। वहीं, दूसरी ओर, अनक्लेम्ड डिविडेंड अमाउंंट 1,838 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 2,324 करोड़ रुपये हो गई, जिसमें 26% से ज्यादा की वृद्धि दर्ज हुई।

Particular Unclaimed redemption amount Unclaimed dividend amount Total
March 31, 2024 1024.20 1837.70 2861.90
March 31, 2025 1127.70 2324.40 3452.10
Increase 103.50 486.70 590.20
% increase 10.11 26.48 20.62

स्त्रोत: सेबी एनुअल रिपोर्ट- 2024-25

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कैसे क्लेम करें अनक्लेम्ड म्युचुअल फंड राशि?

एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने निवेशकों के लिए आसान तरीका बताया है कि कैसे बिना दावे वाली म्युचुअल फंड राशि वापस ली जा सकती है। AMFI ने इसके लिए अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (FAQ) की एक लिस्ट तैयार की है। बस कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करने से कोई भी निवेशक अपनी अनक्लेम्ड म्युचुअल फंड एसेट का पैसा पा सकता है।

1. ‘दावा न की गई रकम’ का क्या मतलब है?

निवेशकों द्वारा यूनिटों की बिक्री करने या स्कीम की अवधि पूरी होने या फिर डिविडेंड की रकम मिलने पर, म्युचुअल फंड्स द्वारा निवेशकों को भुगतान किया जाता है। भुगतान करने के लिए, म्युचुअल फंड या तो निवेशकों के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पैसे जमा कर देते हैं या फिर उनके रिकॉर्ड में निवेशकों के जो पता होता है, उस पते पर चेक भेज देते हैं।

जब कभी म्युचुअल फंड्स द्वारा किया गया भुगतान निवेशक के बैंक खाते में जमा नहीं हो पाता या निवेशक उस चेक को भुना नहीं पाते, तो ऐसी रकम को ‘दावा न की गई रकम’ मान लिया जाता है।

भुगतान निवेशकों के खातों में जमा नहीं होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि निवेशक का बैंक खाता बदल गया हो, बैंक खाता बंद हो गया हो, रिकॉर्ड में बैंक खाते की डिटेल अधूरी हों, निवेशक को चेक प्राप्त न हुआ हो या निवेशक द्वारा चेक को भुनाया न गया हो, निवेशक द्वारा पते को अपडेट न कराया गया हो, आदि।

यदि निवेशक KYC पूरा नहीं करता है, तो उसे भुगतान सीधे नहीं किया जा सकता। ऐसे मामलों में यह राशि उसी दिन अनक्लेम्ड स्कीम में जमा कर दी जाती है।

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2. निवेशकों को कैसे पता चलेगा कि उनका पैसा म्युचुअल फंड्स के पास ‘दावा न की गई रकम’ के रूप में पड़ा हुआ है?

निवेशकों की सुविधा के  लिए ‘दावा न की गई रकम’ की जानकारी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) और रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंट (RTA) की वेबसाइटों पर उपलब्ध कराई जाती है।

‘दावा न की गई रकम’ के बारे में जानने के लिए निवेशक MF Central की वेबसाइट www.mfcentral.com पर लॉगिन कर सकते हैं। इसके लिए निवेशक को यूजर आईडी, पासवर्ड और OTP डालकर लॉगिन करना होगा और आवश्यक विवरण प्रदान करना होता है।

‘दावा न की गई रकम’ की जानकारी कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट (CAS) में भी शामिल होती है, जो निवेशकों को भेजी जाती हैं। इसके अलावा, म्युचुअल फंड समय-समय पर निवेशकों को रिमाइंडर या सूचना भेजते रहते हैं, ताकि उन्हें ‘दावा न की गई रकम’ के बारे में जानकारी मिलती रहे।

3. म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट ट्रेसिंग एंड रिट्रीवल असिस्टेंट (MITRA) क्या है और ‘दावा न की गई रकम’ का पता लगाने में यह कैसे मदद कर सकता है?

MITRA एक सर्विस प्लेटफॉर्म है, जो निवेशकों को निष्क्रिय (Inactive) और ‘दावा न की गई रकम’ यानी अनक्लेम्ड म्युचुअल फंड निवेश खोजने में मदद करता है। एक निष्क्रिय फोलियो वह होता है, जिसमें पिछले 10 वर्षों में किसी भी तरह का कोई लेनदेन नहीं किया गया हो, पर उस फोलियो में यूनिटें पड़ी हुई हो।

निवेशक MF Central की वेबसाइट www.mfcentral.com पर जाकर होमपेज पर उपलब्ध “MITRA” लिंक पर क्लिक करके MITRA का उपयोग कर सकते हैं। यहां निवेशक अलग-अलग सर्च पैरामीटर दर्ज करके अपने अनक्लेम्ड म्युचुअल फंड निवेश की  खोज कर सकते हैं।

यदि खोजी गई जानकारी निष्क्रिय या अनक्लेम्ड रिकॉर्ड से मेल खाती है, तो निवेशक को उस म्युचुअल फंड का नाम दिखाया जाएगा जिसमें उनका निवेश है। इसके बाद, निवेशक संबंधित म्युचुअल फंड या RTA से संपर्क करके ‘दावा न की गई रकम’ पर दावा कर सकते हैं।

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4. ‘दावा न की गई रकम’ के संबंध में दावा करने के लिए निवेशक को क्या करना होगा?

निवेशक को AMC की वेबसाइट से उपलब्ध फॉर्म डाउनलोड करना होगा और उसे भरकर उस पर साइन करने के बाद AMC या RTA के ऑफिस में जमा करना होगा। फॉर्म में भरी गई जानकारी को रिकॉर्ड से मिलाने के बाद और साइन का मिलान करने के बाद यूडीआरएस (Unclaimed Dividend and Redemption Scheme) से ‘दावा न की गई रकम’ का भुगतान किया जाएगा और साथ ही NAV में हुई बढ़ोतरी भी दी जाएगी।

दावा प्रक्रिया से जुड़ी किसी भी जानकारी या सवाल के लिए निवेशक उस RTA (रजिस्ट्रार एंड ट्रांसफर एजेंट) से संपर्क कर सकते हैं, जिसके अंतर्गत उनकी ‘दावा न की गई रकम’ है।

5.‘दावा न की गई रकम’ न मिलने ’पर निवेशक अपनी शिकायत कहां दर्ज कर सकते हैं?

यदि 7 कार्यदिवसों के भीतर, निवेशक का पैसा नहीं मिलता है या फिर उनके दावे को नामंजूर किया जाने की वजह भी उन्हें नहीं बताई जाती है तो ऐसे में निवेशक संबंधित AMC या RTA के ऑफिस में जाकर या AMC के निवेशक सेवा केंद्र में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कर सकता हैं।

शिकायत भेजने के लिए AMC के संपर्क केंद्र और ईमेल आईडी की जानकारी AMC की वेबसाइट के “Contact Us” सेक्शन में मिल जाती है।

अगर AMC या RTA तय समय में शिकायत का समाधान नहीं करते, या निवेशक समाधान से संतुष्ट नहीं होता, तो वह अपनी शिकायत SEBI के SCORES पोर्टल पर दर्ज कर सकता है।

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6. जब तक निवेशक ‘दावा न की गई रकम’ पर दावा नहीं करता तब तक म्युचुअल फंड उस रकम को कहां-कहां निवेश करते हैं?

म्युचुअल फंड को ‘दावा न की गई रकम’ को कॉल मनी मार्केट, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स या किसी अलग प्लान में निवेश करने की अनुमति होती है, जैसे कि ओवरनाइट स्कीम, लिक्विड स्कीम या मनी मार्केट म्युचुअल फंड। ये निवेश आम तौर पर बहुत कम जोखिम वाले होते हैं और कुछ रिटर्न भी प्रदान करते हैं।

म्युचुअल फंड द्वारा विशेष रूप से ‘दावा न की गई रकम’ के निवेश के लिए शुरू किए गए इस अलग प्लान को Unclaimed Dividend/Redemption Scheme (UDRS) कहा जाता है।

7. ‘दावा न की गई रकम’ के संबंध में हुई मूल्यवृद्धि का फायदा निवेशकों को किस तरह दिया जाता है?

चूंकि ये निवेश लिक्विड या ओवरनाइट स्कीम्स में किए जाते हैं, इसलिए इन पर होने वाली बढ़ोतरी (appreciation) AMC द्वारा घोषित दैनिक NAV के रूप में होती है।

यह बढ़ोतरी निवेशकों को यूनिट बनाए जाने की तारीख से 3 साल तक दी जाती है। लेकिन 3 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद यह बढ़ोतरी इन्वेस्टर एजुकेशन फंड में ट्रांसफर कर दी जाती है।

8. यूडीआरएस में आबंटन कितनी बार किया जाता है?

यह आबंटन हर सप्ताह या 15 दिनों में एक बार किया जाता है और यह इस बात पर निर्भर करता है अनपेंड इंस्ट्रूमेंट के संबंध में बैंकों द्वारा जानकारी कब दी जाती है।

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9. निवेशक ऐसा क्या करें कि उनका पैसा कभी भी ‘दावा न की गई रकम’ की श्रेणी में न जाए?

निवेशकों को अपने रिकॉर्ड जैसे PAN/KYC, पता, बैंक अकाउंट डिटेल आदि हमेशा RTA/AMC के पास अपडेट रखना चाहिए, जहां उन्होंने निवेश किया है। जब भी वे यूनिट्स का रिडेम्प्शन आवेदन करें, तो उन्हें अपने बैंक खाते में राशि के क्रेडिट होने की जांच करनी चाहिए।

यदि राशि इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट के मामले में 3 कार्यदिवसों के भीतर (जहां बैंक खाता विवरण जैसे CBS खाता नंबर और IFSC कोड पूर्ण रूप से उपलब्ध हो) या चेक के माध्यम से 5–7 कार्यदिवसों के भीतर प्राप्त नहीं होती है, तो निवेशकों को नजदीकी RTA/AMC ऑफिस या अपने डिस्ट्रिब्यूटर से संपर्क करना चाहिए।

First Published : October 5, 2025 | 8:00 PM IST